Bollywood Movies for Children: बच्चों को पढ़ाई लिखाई, खेलकूद व एक्स्ट्रा स्किल एक्टिविटी के साथ उन्हें जीवन में आने वाली सिचुवेशन से रूबरू करवाना बेहद जरूरी होता है। इसके लिए सबसे बेस्ट तरीका फिल्म दिखाना है क्योंकि इसमें बच्चो के लिए कुछ ऐसी कहानियां बनी गई हैं जो उन्हें इन करने साथ बहुत कुछ सीखती भी हैं। लेकिन, अक्सर मां-बाप के मन में यही सवाल रहता है कि अपने बच्चों को ऐसी कौनसी फिल्म दिखाएं। ऐसे में आज हम आपको ऐसी मूवी के बारे में बताने जा रहे हैं जो मनोरंजन करने के साथ जीवन में आने वाली सिचुएशन को भी दर्शाते हैं।
स्टेनली का डब्बा
इस फिल्म में मुख्यतौर पर फोर्थ क्लास के बच्चों पर फोकस किया है। क्लास में स्टेनली नाम का स्टूडेंट बहुत ही बुद्धिमान (दिल्ली में शूट हुई ये फिल्में) और मेहनती है। उसे क्लास के बच्चे बहुत प्यार करते हैं। स्टेनली किसी वजह से अपना टिफिन नहीं ला पता तो वहीं दूसरी तरफ हिंदी के टीचर वर्माजी बच्चों के खाने पर नजर रखे हुए होते हैं। क्लास के बच्चे अपनी टिफिन का खाना स्टेनली को खिलाना चाहते हैं, लेकिन वर्मा सर को नहीं। वर्मा जी बच्चो को एक दूसरे की टिफिन से खाना खाने के लिए डांटते हैं लेकिन खुद वही काम करते हैं। फिल्म में बड़ों की कथनी और करनी के अंतर को बच्चे बहुत साफ तरीके से देखते और महसूस करते हैं।
बम बम बोले
बम बम बोले फिल्म साल 2010 में रिलीज हुई ड्रामा फिल्म है। फिल्म की कहानी भाई-बहन के इर्द-गिर्द घूमती है इसमें भाई बहन के प्यार के रिश्ते को दर्शाया गया है।
तहान
तहान फिल्म में एक लड़के और उसके पालतू जानवर गधे बीरबल के जीवन पर बेस्टड है। तहान आठ साल का बच्चा है जो अपने दादा, मां और बहन के साथ कश्मीर में रहता है। पूरी फैमिली इस उम्मीद में रहते हैं कि तहान के पिता एक दिन जरूर वापस आएंगे। एक दिन तहान के दादा की मौत हो जाती है जिसके बाद गांव के जमींदार तहान (पुरानी फिल्में) के दोस्त बीरबल को अपने साथ लेकर चले जाते हैं क्योंकि उसके परिवार ने उनसे कर्ज लिया होता है। तहान बीरबल के बिना नहीं रह पाता है। वह बीरबल को वापस लाने के लिए हर कोशिश प्रयास करता है। इस स्टोरी में उसके स्ट्रग्ल को दिखाया गया है।
इसे भी पढ़े- SRK Upcoming Movies: 'डंकी' के बाद अब इन फिल्मों में नजर आने वाले हैं शाहरुख खान, जानें कब खत्म होगा फैंस का इंतजार
निल बटे सन्नाटा
निल बटे सन्नाटा मूवी गरीब मां-बेटी की कहानी पर बेस्ड है। बेटी को पढ़ाने के लिए मां लोगों के घरों में जाकर काम करती है ताकि वह पढ़ लिखकर नाम कमाए, लेकिन उसकी बेटी यह सोचती है कि जो काम मां करती है वहीं काम वह भी करेगी। मां अपने बेटी को मरे हुए सपने को जिंदा करना सीखाती है।
स्लमडॉग मिलेनियर
यह मूवी झोपड़पट्टी में रहने वाले लोगों पर बनाई गई है। यह फिल्म दो भाइयों के इर्द-गिर्द घूमती हुई नजर आती है। वे दोनों भाई बचपन में हुए दंगे के कारण अनाथ और बेघर हो जाते हैं। फिल्म में यह बताया गया है कि गलत रास्ते पर चलने का अंजाम गलत ही होता है।
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों