राष्ट्रमंडल खेलों की शुरुआत भारत की आजादी से पहले सन 1930 में हुई, तब इसे ‘ब्रिटिश एंपायर के गेम्स’ के नाम से जाना जाता था। इस खेल में भारत की इंट्री सन 1934 में हुई। क्योंकि उस वक्त भारत एक गुलाम देश था इस वजह से खिलाड़ियों ने ब्रिटिश झंडे के साथ खुद को रिप्रेजेंट किया। कॉमनवेल्थ खेलों में भारत को पहला गोल्ड मेडल ‘ द फ्लाइंग सिख’ मिल्खा सिंह ने साल 1958 में दिलाया। लेकिन किसी महिला को पोडियम तक पहुंचने में 40 साल का समय लग गया। आखिरकार साल साल 1994 में रूपा उन्नीकृष्णन कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनीं।
आज के इस लेख में हम आपको रूपा उन्नीकृष्णन की इंस्पायरिंग जर्नी के बारे में बताएंगे, कि आखिरकार कॉमनवेल्थ खेलों तक पहुंचने का सफर उनके लिए कैसा रहा-
रूपा उन्नीकृष्णन शूटिंग क्षेत्र की जानी-मानी खिलाड़ी हैं, जिन्हें आज भी उनके खेल प्रदर्शन के लिए जाना जाता है। बता दें कि महज 20 साल की उम्र में ही रूपा उन्नीकृष्णन ने कॉमनवेल्थ खेल में पदक जीतकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान कायम की।
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रूपा उन्नीकृष्णन महज 12 साल की उम्र से शूटिंग करने लगी थीं। दरअसल उनके पिता पुलिस अधिकारी थे और उन्हें अपने साथ अक्सर शूटिंग रेंज में जाया करते थे। धीरे-धीरे रूपा की दिलचस्पी राइफल शूटिंग में बढ़ने लगी। शूटिंग रेंज में ही उन्हें पूर्व राइफल शूटर एजे जलालुद्दीन ने ट्रेनिंग दी। जिसके बाद उन्होंने जूनियर स्तर पर खेलों में भाग लिया और पदक अपने नाम किए।
रूपा उन्नीकृष्णन ने अंतरराष्ट्रीय ने साल 1994 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में 50 मीटर स्मॉल बोर राइफल थ्री पोजीशन इवेंट में रजत पदक और राइफल प्लेयर कुहेली गांगुली के साथ टीम इवेंट में कांस्य पदक जीता। इसके बाद अगले राष्ट्रमंडल खेल का आयोजन साल 1998 में हुआ, जिसमें रूपा ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। इसी के साथ वो देश के लिए कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। अपने शानदार खेल प्रदर्शन के लिए रूपा को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया।
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खेल जगत में बेहतर सुविधा न होने के कारण रूपा ने कॉरपोरेट नौकरी में जाने का मन बनाया। जिस वजह से वो साल 2013 में अमेरिकी नागरिक बन गईं। इसी के साथ रूपा उन्नीकृष्णन ने शूटिंग करियर से अलविदा कह दिया। हालांकि खेल जगत में उनके अहम योगदान ने तमाम महिला शूटर्स को प्रेरित किया।
तो ये थी शूटर रूपा उन्नीकृष्णन की इंस्पायरिंग कहानी, जिसके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए। आपको हमारा यह आर्टिकल अगर अगर पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें, साथ ही ऐसी जानकारियों के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।
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