herzindagi
Agni  sheena rani story

कौन हैं शीना रानी? जिन्होंने अग्नि-5'मिशन दिव्यास्त्र' को सफल बनाने में निभाई अहम भूमिका

अग्नि-5 मिशन के सफल परीक्षण के बाद भारत उस खास क्लब में शामिल हो गया जिसमें केवल कुछ ही चुनिंदा देश शामिल थे। आपको बता दें कि 'अग्नि-5' के सफल परीक्षण के पीछे शीना रानी ने अहम भूमिका निभाई है। <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2024-03-13, 14:39 IST

Sheena Rani Biography:भारत ने 'मिशन दिव्यास्त्र' के अंतर्गत मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल टेक्नोलॉजी के साथ 'अग्नि-5 मिसाइल' का सोमवार को सफल परीक्षण किया। इस परीक्षण के सफल होने के बाद भारत उस लिस्ट में शामिल हो गया है जिसमें मात्र कुछ ही देश शामिल थे। 'अग्रि-5' की टारगेट क्षमता 5,000 किलोमीटर है।

इस मिशन को देश की सुरक्षा के लिए तैयार किया गया है। आपको बता दें कि इस मिसाइल की मारक क्षमता इतनी तेज है कि यह चीन के उत्तरी हिस्से के साथ-साथ लगभग पूरे एशिया को अपने अंदर ला सकती है। इस पूरे प्रोजेक्ट को डीआरडीओ महिला वैज्ञानिक शीना रानी ने लीड किया है।

इस मिशन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिशन 'दिव्यास्त्र' नाम दिया है। वहीं शीन रानी की चर्चा 'दिव्य पुत्री' के नाम से हो रही है। इस आर्टिकल में आज हम आपको DRDO की शान शीना रानी के बारे में बताने जा रहे हैं।

'पावर हाउस ऑफ एनर्जी' नाम से जाती है जानी

mission agni

57 साल की शीना रानी, हैदराबाद में DRDO की हाईटेक लैब में वैज्ञानिक के रूप में काम कर रही है। मेहनत और लगन की वजह से इन्हें सहकर्मी 'पावर हाउस ऑफ एनर्जी' नाम से बुलाते हैं। शीना रानी 'अग्नि पुत्री' के नाम से मशहूर 'मिसाइल वुमेन टेसी थॉमस' को अपना आइडल मानती हैं। 'मिशन दिव्यास्त्र' का नेतृत्व शीन रानी ने किया। साल 1999 से शीना 'अग्नि मिसाइल' प्रणालियों पर काम कर रही हैं। डीआरडीओ में शीना रानी बीते 25 सालों से काम कर रही हैं।

इसे भी पढ़ें- कमलादेवी चट्टोपाध्याय ने की ऑल इंडिया विमेंस कॉन्फ्रेंस की स्थापना,जानें पूरी कहानी

शीना रानी को इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन में महारत हासिल

शीना रानी आज 'दिव्य पुत्री' के नाम से मशहूर है। शीना ने तिरुवनंतपुरम के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से अपनी पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन के साथ कंप्यूटर साइंस में आगे की पढ़ाई की। (अग्नि मिसाइल-5 की खासियत)

इन क्षेत्रों में किया काम

sheena rani divya putri

शीना रानी ने डीआरडीओ में काम करने से पहले भारत के प्रमुख अंतरिक्ष रॉकेट केंद्र, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष में लगभग आठ साल काम किया। साल 1998 में शीना रानी ने 'लेटरल एंट्री' के रूप में डीआरडीओ में शामिल हुई थी।

इसे भी पढ़ें- पापा की थी छोटी सी दुकान, बेटी ने खड़ी की करोड़ों की कंपनी.. कुछ ऐसी है प्रेरणा कालरा की कहानी

शीना रानी के साथ उनके पति भी इसमें शामिल

शीना रानी के साथ उनके पति पीएसआरएस शास्त्री भी रक्षा अनुसंधान विकास संगठन में काम कर रहे हैं। शीना के पति  साल 2019 में इसरो द्वारा लॉन्च किए गए 'कौटिल्य' उपग्रह के प्रभारी थे। (ऋतु करिधाल की सक्सेज स्टोरी)

इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही,अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हर जिन्दगी के साथ

Image credit- Google

 

 

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।