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Chandrayaan 3 मिशन को लीड कर रही लखनऊ की बेटी ऋतु करिधाल, जानिए इस महामिशन की पूरी कहानी

इसरो का Chandrayaan-3 आज यानी 14 जुलाई 2023 की दोपहर 2:35 बजे उड़ान भरेगा, चलिए जानते है इस मिशन से जुड़ी कुछ खास बातें।  
Editorial
Updated:- 2023-07-14, 15:07 IST

यह मिशन केवल इसरो का मिशन नहीं बल्कि लाखों लोगों की उम्मीदें इससे जुड़ी हुई हैं। पूरी दुनिया की नजर इसरो के मिशन चंद्रयान पर है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि साल 2019 में भेजा गया चंद्रयान-2 सफल नहीं हो पाया था। चंद्रयान-2 के फ़ॉलोअप मिशन के बाद अब यह चंद्रयान-3 तेजी से उड़ान भरने को तैयार है। इस मिशन में चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश की जाएगी। बता दें कि आज यानी 14 जुलाई 2023 की दोपहर 2:35 बजे चंद्रयान-3 उड़ान भरेगा। चंद्रयान-3 को चंद्रमा पर भेजने के लिए LVM-3 लॉन्चर का इस्तेमाल किया जा रहा है।

इस मिशन को कौन लीड कर रही है? 

 

खास बात यह है कि इस मिशन को लखनऊ की बेटी ऋतु करिधाल लीड कर रही है। चंद्रयान-3 की लैंडिंग की जिम्मेदारी रॉकेट वुमन ऋतु करिधाल श्रीवास्तव को इसरो ने सौंपी है। बता दें कि ऋतु लखनऊ की रहने वाली है और भारतीय स्पेस में अपने कामों से मौजूदगी दर्ज कराई है। 

क्या है चंद्रयान-3  का मिशन?

चंद्रयान-3 मिशन साल 2019 में गए चंद्रयान-2 मिशन का 'विफलता आधारित दृष्टिकोण' का विकल्प चुना है। जिसमें लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग और रोवर को सतह पर चलाकर देखा जाएगा। अगर कोई गड़बड़ी होती है तो इसके बावजूद भी रोवर चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतर सके।

चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 में अंतर जानिए

isro moon mission chandrayaan  all set to launch know all details

चंद्रयान-2 में लैंडर, रोवर और ऑर्बिटर था। जबकि चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर के बजाय स्वदेशी प्रोपल्शन मॉड्यूल है। इतना ही नहीं, चंद्रयान-3 के लैंडर-रोवर को चंद्रमा की सतह पर छोड़कर, चांद की कक्षा में 100 किलोमीटर ऊपर चक्कर लगाता रहेगा। इसे कम्यूनिकेशन के लिए इस्तेमाल किया गया है।

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इस साल किस तरह के हुए है बदलाव

पिछले दो चंद्रयान मिशन के बाद अब चंद्रयान 3 में कई तरह के बदलाव किए गए हैं। जिसके जरिए यह संभावना किया जा रहा है कि Chandrayaan-3 मिशन फेल नहीं होगा। चंद्रयान 3 में ऑर्बिटर मौजूद नहीं है, क्योंकि चंद्रयान 2 का ऑर्बिटर अभी भी चंद्रमा की ऑर्बिट में ठीक से काम कर रहा है। इस बार ऑर्बिटर की जगह  प्रोपल्शन मॉड्यूल लगाया गया है। यह नेविगेशन में मदद करेगा।

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जानिए क्या है रोवर

चंद्रयान-3 के साथ जा रहा रोवर। ऐसे में चलिए जानते हैं आखिर यह रोवर क्या है? इससे हमें क्या मदद मिलने वाली हैं।

  • रोवर की मदद से चांद के वातावरण की रिपोर्ट मिलेगा।
  • इसके साथ ही चांद का केमिकल विश्लेषण करेगा।
  • चांद पर मौजूद खनिज खोजेगा।
  • चांद की सतह की तस्वीरें भेजेगा।
  • चांद की मिट्टी की जांच करेगा।

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FAQ
चंद्रयान-3 का कितना है बजट?
चंद्रयान-3 का कुल खर्च 615 करोड़ रुपए ज्यादा आया है।
किस पोल पर उतरेगा चंद्रयान-3
चंद्रयान-3 को चांद के साउथ पोल पर उतारा जाएगा।
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