कलर्स पर आने वाले पॉपुलर शो 'शास्त्री सिस्टर्स' में नजर आईं इशिता गांगुली टीवी की दुनिया का एक पॉपुलर चेहरा है। इशिता ने HerZindagi से एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने अपनी लाइफ जर्नी और चैलेंजेस के बारे में विस्तार से बताया। उनके इस दिलचस्प सफर के बारे में जानकर आप भी ले सकती हैं आगे बढ़ने की इंस्पिरेशन-
इशिता गांगुली का बचपन से ही एक्टिंग में बहुत मन लगता था। उन्होंने चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर काम करना शुरू कर दिया था और 16 की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते उन्हें एक बंगाली शो में लीड रोल करने का मौका मिल गया। इशिता बताती हैं, 'मुझे डांस का बहुत शौक था। लेकिन 16 साल में जब मुझे लीड रोल मिला तो मुझे महसूस हुआ कि मैं यही करना चाहती हूं । मेरी फैमिली चाहती थी कि मैं डॉक्टर बनूं। मैं इसके लिए ज्वाइंट एंट्रेस एक्जाम भी पास कर लिया था, फिर मैंने अपने पापा से बताया कि मैं एक्टिंग में जाना चाहती हूं और उन्होंने मुझे सपोर्ट किया। इसके बाद मैंने 2-3 सीरियल किए।'
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मुंबई में अपना करियर बनाने में लोगों को सालों लग जाते हैं, लेकिन इशिता गांगुली के लिए यह सफर अनूठे तरीके से शुरू हुआ। वह बताती हैं, 'अपने काम से फुर्सत पाकर मैं 3 दिनों के लिए मुंबई आई थी और इस दौरान मैंने यहां कुछ ऑडिशन्स दिए थे। मुंबई में लंबा स्टे करने की मेरी कोई प्लानिंग नहीं थी, मैं सिर्फ दो जोड़ी कपड़े साथ आई थी। इन 3 दिन में मैंने लगभग 15-20 ऑडिशन्स दिए। कोलकाता वापस लौटने से ऐन पहले मुझे 'शास्त्री सिस्टर्स' में काम करने का मौका मिल गया।'
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इशिता गांगुली ने कई चर्चित शोज में काम किया है और अपनी एक्टिंग और डांस स्किल्स से दर्शकों को काफी इंप्रेस किया है। लेकिन अपने इस सफर में उन्होंने कई चुनौतियों का भी सामना किया है। इशिता बताती हैं,
'अपनी जिंदगी में मैंने कई उतार-चढ़ाव देखे। मुंबई एक भागता-दौड़ता शहर है। यहां एक शो मिल जाने का मतलब ये नहीं होता कि आपका खर्च चल जाएगा। यहां रहना आसान नहीं है, लेकिन मेरा परिवार हमेशा मुझे सपोर्ट करता है और मेरा हौसला बढ़ाता है।'
इशिता गांगुली भले ही अपनी रोजमर्रा की मेहनत से थक जाती हों, लेकिन उनका पैशन हमेशा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। वह बताती हैं, 'मैं कोलकाता से थोड़ी दूर ही हालिशहर की रहने वाली हूं। जब एक छोटे से शहर से निकलकर मैं कोलकाता और मुंबई जैसे शहर में काम कर सकती हूं तो निश्चित तौर पर मैं अपने पैशन के लिए असंभव लगने वाली चीजें भी कर सकती हूं। यही विश्वास लेकर मैं आगे बढ़ रही हूं। मैं खुशकिस्मत रही हूं कि मुझे अलग-अलग तरह के किरदार निभाने का मौका मिला है।'
इशिता ने कई टीवी सीरियल और शॉर्ट फिल्में की हैं, लेकिन बंगाली होने के नाते मुंबई में काम करने के भी अपने चैलेंजेस रहे। वह बताती हैं,
'मैं बंगाल से हूं, इसीलिए मुझे ग्रामर और डिक्शन समझने में थोड़ी मुश्किल हुई, लेकिन फिर मैंने इसकी क्लासेस लीं। उसके बाद इन सभी चीजों में सुधार आ गया। फिलहाल मैं ‘जग जननी मां वैष्णोदेवी-कहानी माता रानी की’ में मां काली की भूमिका निभा रही हूं। इस शो में फाइटिंग और एक्शन करने को मिल रहा है। यह मजेदार भी है और काफी चुनौतीपूर्ण। मुझे हिंदु पौराणिक कथाओं और माइथोलॉजी में काफी रुचि है। इसीलिए मुझे यह किरदार निभाना अच्छा रहा है। हालांकि इस तरह के किरदार निभाना मुश्किल होता है, क्योंकि इसमें कॉस्ट्यूम पहनने से लेकर शुद्ध हिंदी बोलने तक, कई तरह की चीजों का ध्यान रखना पड़ता है।'
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इशिता गांगुली ने सामने आने वाले चैलेंजेस से कभी हार नहीं मानी और अपने कंफर्ट जोन से आगे बढ़ने का प्रयास किया। वह बताती हैं, 'पेशवा बाजीराव काशीबाई में पहली बार मुझे ऐतिहासिक किरदार निभाना था, इससे पहले मैंने ऐसे रोल नहीं किए थे। इसके लिए मराठी एक्सेंट सीखना, घुड़सवारी और तलवारबाजी सीखना मेरे लिए बिल्कुल नया था। लेकिन इनकी ट्रेनिंग लेते हुए मेरा सारा डर दूर हो गया। मैंने सोच लिया था कि मुझे एक्टर ही बनना है, इसीलिए मैं इन चीजों के लिए मेंटली तैयार थी। एक कलाकार की जिंदगी में बहुत से अप्स एंड डाउन्स होते हैं, अस्थिरता होती है, ऐसे में छोटी-छोटी चीजें में खुशियां खोजना बहुत जरूरी है और यही चीजें मैंने सीखी हैं।'
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इशिता चाहती हैं कि देश की सभी महिलाएं आगे बढ़ें और तरक्की करें। वह बताती हैं, 'मुझे खुशी है कि मैं अपने पैशन के लिए काम कर रही हूं। मेरा मानना है कि एक महिला घर को भी बेहतर तरीके से मैनेज कर सकती है और करियर में भी सफल हो सकती है। हमारे देश में अभी भी कई जगहें हैं, जहां महिलाओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे अपने परिवार का सपोर्ट मिला है। लेकिन देश की तरक्की तभी होगी, जब महिलाएं आगे बढ़ेंगी। पुरुष और महिलाओं, दोनों को एक-दूसरे को सपोर्ट करना चाहिए।'
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बहुत सी महिलाएं अपनी लाइफ में मुश्किल वक्त का सामना करते हुए डिप्रेस फील करती हैं। ऐसी महिलाएं खुद से मायूस हो जाती हैं और अपने लिए कुछ अच्छा नहीं सोच पाती। लेकिन इशिता हमेशा पॉजिटिव सोच रखने के लिए इंस्पायर करती हैं। वह कहती हैं,
'वक्त चाहें जितना भी मुश्किल हो, हिम्मत मत छोड़िए, हार मत मानिए। लोग कुछ भी कहने लगते हैं, लेकिन जब आप कुछ बन जाएंगी, तो वही लोग आपके लिए तालियां भी बजाएंगे। इसीलिए लोगों की बातों की परवाह किए बिना अपनी राह पर आगे बढ़िए और कामयाबी मिलने तक अपने प्रयास जारी रखिए।'
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