पॉपुलर कुकरी बुक्स लिखने वाली भारत की पहली मास्टरशेफ पंकज भदौरिया महिलाओं के लिए बड़ी इंस्पिरेशन हैं। उनकी जिंदगी में कैसे एक बड़ा बदलाव आया, ये जानना बेहद दिलचस्प है। पंकज भदौरिया के शब्दों में, 'मैं इंग्लिश टीचर थी और दो बच्चों की मां। उन्हीं दिनों अक्षय कुमार ने महिलाओं को साल 2010 में मास्टरशेफ के लिए अप्लाई करने को कहा। मेरे बच्चों ने मुझे इसमें हिस्सा लेने को कहा। पहला राउंड पार कर लेने के बाद स्कूल से मुझे छुट्टी नहीं मिल रही थी। इस पर मेरी सास ने कहा, नौकरी छूटती है तो कोई बात नहीं, तुम जो करना चाहती हो, करो। मैंने नौकरी छोड़ दी, मुझे अंदाजा नहीं था, कि आगे क्या लिखा है, लेकिन मैंने रिस्क लिया।' पंकज भदौरिया ने अपने बचपन से लेकर बड़े होने तक और टीचिंग से लेकर मास्टरशेफ और एंट्रेप्रिन्योर बनने के सफर के बारे में HerZindagi से विस्तार से बात की। आइए जानें उनके इस दिलचस्प सफर के बारे में-
बचपन से ही था खानपान का शौक
पंकज भदौरिया की पैदाइश दिल्ली की है। उनकी मां बंगाली थीं और पिता पंजाबी और दोनों ही खाना बनाने के शौकीन थे। इसी नाते पंकज को भी बचपन से कुकिंग में मजा आने लगा। वह बताती हैं, 'बचपन में घर में अलग-अलग तरह का खाना बनता था। मम्मी और पापा के साथ खाना बनाते हुए मुझे मजा भी आता था और तारीफ भी मिलती थी।' उस समय में 5 स्टार होटल हाउसवाइव्स के लिए क्लासेस रखते थे, जहां तरह-तरह का खाना बनाना सिखाया जाता था। मम्मी उसे अटेंड करने जाती थीं और मैं भी उनके साथ जाती थी। मेरे पापा एसेक्स फॉर्म्स हमारे लिए फ्रेश सब्जियां लेकर आते थे। उन्होंने हमें हर तरह के मीट टेस्ट कराए। मेरा खाने-पीने का शौक मम्मी-पापा का ही दिया हुआ है।
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शेफ बनने के बारे में नहीं सोचा था
टीनेज में पंकज टॉम ब्वॉय की तरह रहती थीं, सजना-संवरना उन्हें पसंद था। इस उम्र तक पहुंचते-पहुंचते पंकज कुकिंग में काफी कुछ सीख चुकी थीं, लेकिन उस समय में कुकिंग में करियर को लेकर उतनी अवेयरनेस नहीं थी। 13 की उम्र में उन्होंने अपने पापा को खो दिया। पंजाबी फैमिली में होने के नाते परिवार की यही सोच थी कि रेगुलर करियर को आगे बढ़ाया जाए। चूंकि पंकज को लिटरेचर पढ़ने का शौक था, इसीलिए उन्होंने लिटरेचर में मास्टर्स कर लिया। इसी दौरान उनकी मां भी गुजर गईं। पंकज बताती हैं, 'तब करियर मेरे लिए महत्वपूर्ण हो गया था। चूंकि मैंने एमए किया हुआ था, तो मुझे इंग्लिश टीचर की जॉब मिल गई। इसके बाद मैंने पीएचडी भी कर ली।'
कुकिंग के पैशन को इस तरह आगे बढ़ाया
पंकज के पति चारु समर्थ और बच्चे सोनालिका भदौरिया और सिद्धांत भदौरिया भी खाने-पीने के शौकीन रहे। उनके पति अक्सर घर में पार्टी देते थे। वहीं बच्चों की भी अपनी फरमाइश होती थीं और पंकज इसे लेकर काफी एक्साइटेड रहती थीं। पंकज बताती हैं, 'मैंने कुकरी बुक्स खरीदीं और नई-नई डिशेज बनाना सीखा। इसी दौरान मैंने 1 साल का आईएसएम का फूड प्रिजरवेशन कोर्स किया, उसमें मुझे काफी कुछ सीखने को मिला। चूंकि इसमें मेरी काफी दिलचस्पी थी, इसीलिए मुझे टीचर्स ने अपनी तरफ से भी काफी कुछ सिखाया।'
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खुद को लकी मानती हैं पंकज भदौरिया
मास्टरशेफ जीतने के बाद पंकज भदौरिया के करियर को एक नई दिशा मिली और इस दौरान उन्हें फैमिली के पूरा सपोर्ट भी मिला। पंकज बताती हैं, 'मेरे घर में माहौल काफी प्रोग्रेसिव था। इस नाते मैं बहुत लकी रही हूं, मेरे घर में सभी ओपन माइंडेड हैं, मेरी सास ने हमेशा मेरा साथ दिया। मास्टरशेफ जीतने के बाद जब वापस लखनऊ आई तो यही सोच थी कि आगे क्या किया जाए। तब मेरे बच्चे यहीं पढ़ाई कर रहे थे। उस समय में लखनऊ में फाइव स्टार होटल भी नहीं थे, ऐसे में वहां काम करना पॉजिबल नहीं था। इसके बाद मैंने अपनी Culinary Academy खोली और इसका काम बहुत अच्छा चल रहा है। अब बहुत सी जगहों पर मेरे क्लासेस होते हैं।
5 कुकबुक्स रही हैं पॉपुलर
पंकज की अभी तक 5 कुक बुक्स आ चुकी हैं। इस बारे में पंकज ने बताया, 'मास्टरशेफ बनने के बाद मेरी MasterChef India Cookbook आई, जो मास्टरशेफ की ऑफिशियल कुकबुक थी। इसके बाद मैंने बच्चों के लिए एक किताब लिखी Barbie- I am a Chef ', इसके बाद मैंने 'Chicken from my Kitchen' लिखी, जिसमें चिकन की 54 तरह की रेसिपीज थीं। एक बुक मैंने खासतौर पर मसालों पर लिखी-'The Secret’s in the Spice Mix'- अमेजन पर बेस्ट सेलर में रही। इसके बाद मैंने यूपी सरकार के लिए फूड सेक्शन की किताब लिखी Uttar Pradesh- a Cultural Kaleidoscope और इस पर भी मुझे अच्छा रेसपॉन्स मिला।'
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घर पर बनाती हैं सबकी पसंद का खाना
The Japanese Food Event 2020 at the Embassy of Japan was such a culinary delight!
— Pankaj Bhadouria (@BhadouriaPankaj) February 8, 2020
My Indo- Japanese Food was much appreciated!
Highlight of the evening: The Wine Barrel Breaking Ceremony with the Ambassador of Japan @EOJinIndia , his wife, Chef Ogawa and me!! pic.twitter.com/ZOQD3OIAKz
पंकज भदौरिया परिवार के सभी सदस्यों की फूड च्वाइस का ध्यान रखती हैं। पति और बच्चों की पसंद के अनुसार ही वह दिनभर के खाने की प्लानिंग करती हैं। पंकज बताती हैं, 'मैं खाने में ढेर सारी वैराएटी की चीजें बनाती हूं। हमारे घर में चिकन बहुत पसंद किया जाता है-इसमें बटर चिकन और ग्रिल्ड चिकन खासतौर पर घरवालों को पसंद आता है। इसके अलावा Saute Vegetable, गार्लिक ब्रेड, चॉकलेट सॉस के साथ पैन केक की भी फरमाइश होती है। चूंकि खाने की चीजें मैं हमेशा पहले से प्लान करके रखती हूं, इसीलिए किचन के काम में मुझे देरी नहीं होती और मेरा वर्कलाइफ वैलेंस बरकरार रहता है।'
इन Food Myths में नहीं है कोई सच्चाई
खानपान को लेकर लोगों में कई तरह की गलत धारणाएं होती हैं जैसे कि आलू नहीं खाना चाहिए या फिर ये कि अगर वजन ज्यादा है तो डाइटिंग की जाए, भूखा रहा जाए वगैरह-वगैरह। पंकज भदौरिया का सुझाव है कि इस तरह के Food Myths पर भरोसा नहीं करना चाहिए। वह बताती हैं,
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