सुधा मूर्ति ने Coronavirus को हराने के लिए दिए 100 करोड़, जानिए उनकी जिंदगी से जुड़े वो किस्से जिनसे झलकती है उनकी शख्सियत

सुधा मूर्ति और इनफोसिस फाउंडेशन ने बहुत अच्छी पहल की है। जानिए सुधा मूर्ति की जिंदगी से जुड़ी अहम बातें जो बताती हैं कि वो कितनी साधारण लेकिन सशक्त महिला हैं।

best donation of sudha murthy for corona virus

हर गुजरते दिन के साथ कोरोना वायरस अपनी पकड़ और तेज़ बना रहा है। भारत में तो इसका असर अब बहुत ज्यादा दिखने लगा है। हर दिन स्तिथि पहले से थोड़ी और ज्यादा खराब हो रही है। हालांकि, हर समाज, शहर, कस्बे से लोग सामने आकर भारत की इस समस्या को हल करने की कोशिश में लगे हुए हैं। पूरा भारत इस समय लॉक डाउन में है और सभी लोग अपने-अपने हिसाब से कोशिश में लगे हुए हैं। इसी बीच सुधा मूर्ति को लेकर एक और खबर सामने आई है। उन्होंने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए 100 करोड़ रुपए का दान देने की बात की है।

इनफोसिस फाउंडेशन और सुधा मूर्ति हमेशा ही ऐसे वक्त में लोगों की मदद के लिए सामने आते हैं। इस बार भी यही हुआ है। इनफोसिस फाउंडेशन ने ये ऐलान किया है कि 100 करोड़ रुपए दान देने की घोषणा की है। इसमें से 50 करोड़ पहले ही PM Cares Fund में दिए जा चुके हैं।

बचे हुए 50 करोड़ भारत की असपताल सेवाओं को सुधारने के लिए दिए जाएंगे। इसी के साथ, इस रकम में से कुछ हिस्सा देश भर के COVID 19 मरीजों के अस्पताल का खर्च उठाने के लिए दिए जाएंगे। ये फाउंडेशन वेंटिलेटर, टेस्टिंग किट्स, फेस मास्क, प्रोटेक्टिव सूट आदि दे रहा है। ये सारा दान उन हेल्थकेयर वर्करों को दिया जाएगा जो कोरोना से डील कर रहे हैं। ये फाउंडेशन कई एनजीओ के साथ भी डील कर रहा है जो हज़ारों लोगों को हाईजीन किट्स देने की तैयारी में हैं। कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सभी ने कमर कस ली है।

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सुधा मूर्ति ने इसके बारे में एक बयान दिया, 'ये ऐसा समय है जब समाज के हर वर्ग को चैलेंज के लिए खड़े होना है। इनफोसिस फाउंडेशन ने हमेशा देश के मुश्किल वक्त में सपोर्ट किया है और हम सरकार, एनजीओ, हेल्थकेयर इंस्टिट्यूशन के साथ इस महामारी से लड़ने के लिए काम करते रहेंगे। हमारे सारे प्रयत्न इसी ओर हैं कि उन लोगों तक मदद पहुंच पाए जिन्हें इसकी बहुत ज्यादा जरूरत है। भले ही वो ऐसा मरीज हो जो ट्रीटमेंट नहीं ले पा रहा हो, हेल्थकेयर वर्कर हो, मजदूर हो जिसके घर के आस-पास का इलाका इस महामारी की चपेट में हो।'

sudha murthy and her facts

सुधा मूर्ति देश की उन महिलाओं में से एक हैं जो महिला सशक्तिकरण की मिसाल हैं। वो परफेक्ट हाउसवाइफ भी रही हैं, परफेक्ट बिजनेस पार्टनर भी, परफेक्ट मां भी और अब वो देश की उन महिलाओं में शुमार हैं जो हर मुश्किल में खड़ी होती हैं। सुधा मूर्ति कि जिंदगी के कुछ अहम फैक्ट्स आप भी जान लीजिए।

1. पति और बच्चों की खातिर छोड़ दिया था करियर-

नारायण मूर्ति ने एक इंटरव्यू में बताया था कि सुधा का सबसे बड़ा बलिदान उनका करियर था। वो काफी अच्छे पद पर काम कर रही थीं और सब कुछ छोड़कर सुधा ने बैकफुट पर नारायण मू्र्ति को सपोर्ट किया जब इनफोसिस अपने शुरुआती दौर में था। ऐसा इसलिए क्योंकि नारायण मूर्ति को लगता था कि अगर दोनों उस वक्त कंपनी को समय देंगे तो बच्चों की देखभाल सही से नहीं हो पाएगी। इतना ही नहीं, जब नारायण मूर्ति ने इनफोसिस शुरू करने के बारे में सोचा था तब सुधा मूर्ति ने उन्हें पैसे दिए थे और 3 साल के लिए घर चलाने की जिम्मेदारी खुद उठा ली थी। सुधा मूर्ति हर वक्त अपने परिवार के हिसाब से खुद को ढालती रही हैं।

sudha murthy and narayan murthy

2. जब सुधा मूर्ति को कहा गया 'कैटल क्लास'

लंदन के हीथ्रो एयकपोर्ट पर सुधा मूर्ति को कैटल क्लास यानी भेड़ चराने वाली क्लास का कहा गया था। उस वक्त सुधा मूर्ति ने शालीनता से सिर्फ अपना काम किया। सुधा मूर्ति के बोर्डिंग पास से साफ हो गया था कि वो फर्स्ट क्लास में सफर करने वाली हैं। सुधा मूर्ति को समझ आ गया था कि उनके पहनावे के कारण उन्हें ये कहा जा रहा है। इसका जिक्र उन्होंने अपनी किताब में भी किया।

3. सुधा मूर्ति की मां के पास थीं सिर्फ 7 साड़ियां

एक इंटरव्यू में सुधा मूर्ति ने बताया है कि उनकी मां के पास सिर्फ 7 साड़ियां थीं जिसे उनके गुजरने के बाद बाटना आसान था। उनकी मां की वजह से ही वो इतनी सरल जिंदगी जीती हैं।

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4. टाटा की पहली महिला इंजीनियर

सुधा मूर्ति सिर्फ सरल इंसान ही नहीं बल्कि बहुत टैलेंटेड इंजीनियर भी हैं। वो भारत के सबसे बड़े लोकोमोटिव ग्रुप टाटा इंजीनियरिंग लोकोमोटिव कम्पनी (TELCO) की पहली महिला इंजीनियर थीं। उन्होंने डेवलपमेंट इंजीनियर के पद पर पुने में काम शुरू किया था।

5. 1996 से कर रही हैं सोशल वर्क-

सुधा मूर्ति ने 1996 में इनफोसिस फाउंडेशन की शुरुआत की थी। इसी के साथ वो इस फाउंडेशन की ट्रस्टी भी हैं। इतना ही नहीं वो गेट्स फाउंडेशन से भी जुड़ी हैं और सालों से हेल्थकेयर के सेक्टर में समाज सेवा कर रही हैं।

सुधा मूर्ति की तरह अगर अन्य लोग भी सामने आएं तो इस बीमारी के खिलाफ हमारी लड़ाई और तेज़ हो जाएगी। सुधा मूर्ति के जज्बे का हम आदर करते हैं। उम्मीद है कि कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में आप सुरक्षित होंगी। ऐसी ही अन्य खबर पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

All Image credit: I for Her/Amazon/Yourstory

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