IPS Success Story: जानिए एनकाउंटर स्पेशलिस्ट संजुक्ता पराशर की सक्सेस स्टोरी

आज हम आपको एनकाउंटर स्पेशलिस्ट लेडी यानी संजुक्ता पराशर की लाइफ स्टोरी बताने वाले हैं। 

 

sanjukta parashar

आईपीएस अधिकारी संजुक्ता पराशर को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से जानी जाती है। संजुक्ता की बहादुरी के कई किस्से है। यही कारण है कि उन्हें गृह मंत्री अमित शाह के हाथों गृहमंत्री पदक से सम्मानित भी किया जा चुका है। आज हम आपको उनकी लाइफ की बेहद इंस्पायरिंग स्टोरी के बारे में बताने वाले हैं।

अपराध वह दीमक है जो देश को खोखला कभी भी बना सकता है। अपराध के खिलाफ तुरंत एक्शन लेना काफी ज्यादा जरूरी है। अगर अपराधी को समय रहते सजा ना दी जाएं तो वह दूसरा अपराध करने में समय नहीं लगाता है। आज हम ऐसे लोगों को मिनटों में सुधारने वाली एनकाउंटर स्पेशलिस्ट संजुक्ता पराशर की बात कर रहे हैं। उनकी तारीफ जितनी की जाए उतना कम है।

कौन हैं संजुक्ता पराशर

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संजुक्ता पराशर एक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट हैं और उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा असम में पूरी की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के इंद्रप्रस्थ कॉलेज से राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन किया। बाद में JNU से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।

संजुक्ता ने यूपीएससी की तैयारी कब शुरू की

जेएनयू से पीजी करने के बाद ही संजुक्ता ने सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी शुरु कर दी थी। साथ में उन्होंने अमेरिकी विदेश नीति में एमफिल और पीएचडी की उपाधि हासिल की। इसके तुरंत बाद साल 2006 में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में AIR रैंक 85 प्राप्त हुआ। UPSC CSE में टॉप रैंक लाने के बाद वह IPS बनी और मेघालय-असम कैडर को चुना। उनका यह निर्णय काफी सफल भी साबित हुआ।

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संजुक्ता को क्यों कहते है एनकाउंटर स्पेशलिस्ट

संजुक्ता एक निडर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट है। वह हमेशा नई चुनौतियों को डटकर सामना करती है। यहीं कारण है कि अपराधी उनके नाम से भी कापते है। साल 2015 में संजुक्ता ने उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन में प्रमुख भूमिका निभाई थी। इस दौरान उन्होंने असम के जंगलों में एके-47 लिए सीआरपीएफ जवानों और कमांडो को लीड किया था। इतना ही नहीं, संजुक्ता पराशर ने असम में ऐसी जगहों पर एनकाउंटर किया है, जहां नॉर्मल ऑपरेशन चलाना भी मुश्किल था। वह अपनी टीम के साथ उस लोकेशन पर पहुंची और बिना किसी डर के उग्रवादियों पर हमला कर दिया। बता दें कि उनकी इस होशियारी के कारण 16 उग्रवादियों को मारा गया। इसके साथ ही करीब 64 नक्सलियों को बंदी बनाया गया।

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Photo Credit: instagram
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