जहां राजस्थान में पहले दहेज हत्या और बाल विवाह के कई खबरे सुनने को मिलती थी, वहीं अब राजस्थान की तस्वीर अब बदलती हुई नजर आप रही है। धीरे -धीरे ही सही लेकिन अब लोगों का नजरिया महिलाओं की तरफ बदलता जा रहा है। क्योंकि महिलाएं किसी से कम नहीं होती हैं। वह जो चाहें वह करके दिखा सकती हैं। बता दें कि सीकर के फतेहपुर से एक दिल छूने वाली खबर आई है। यहां एक छोटे से गांव में रहने वाली टीचर कमला देवी ने मिसाल कायम की है और समाज को सकारात्मक बदलाव का संदेश दिया है। वह समजा में रह रही अन्य कई महिलाओं के लिए अब प्रेरणा बन चुकी हैं।उन्होनेें अपनी बहू को नया जीवन दिया है। चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
समय के साथ-साथ लोगों की सोच में भी काफी बदलाव आ रहा है। एक समय था जब बहू- बेटियों को समाज में वह सम्मान नहीं दिया जाता था जिसकी वह हकदार हैं। लेकिन अब समाज की सोच बदल रही है। अब सभी माता -पिता अपनी लड़की को पढ़ा-लिखाकर कुछ बनाना चाहते हैं।
दरअसल, राजस्थान से एक ऐसी खबर आई है जिससे हर किसी को प्रेरणा लेनी चाहिए। सीकर के एक छोटे से गांव में रहने वाली कमला देवी ने अपने बेटे को ब्रेन स्ट्रोक की बीमारी के चलते खो दिया था। लेकिन इसके बाद कमला देवी ने वह काम किया जो हर महिला के लिए प्रेरणादायक है। कमला देवी ने अपनी बहू सुनीता को बेटे की मौत के बाद पढ़ने के लिए प्रेरित किया और सिर्फ यही नहीं उन्होनें अपनी बहू की दूसरी शादी भी कराई।
बता दें कि पेशे से कमला देवी खुद एक टीचर हैं। वह सरकारी स्कूल के बच्चों को पढ़ाती हैं। उनके शिक्षित होने के कारण ही कमला देवी ने अपनी बहू को पढ़ाने की सोची और जब कमला देवी ने अपने बेटे की शादी सुनीता से की थी तब उन्होनें बहू के घरवालों से किसी भी प्रकार का कोई दहेज नहीं लिया था।
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कमला देवी ने अपने बेटे की मौत के बाद अपनी बहू को पढ़ने के लिए प्रेरित किया और सुनीता को मास्टर्स की पढ़ाई करने के लिए कहा और फिर बीएड की डिग्री हासिल करने में भी मदद की। सुनीता ने भी अपनी सास की बात मानी और 5 साल की कड़ी मेहनत करने के बाद वर्तमान में सुनीता चुरू जिले के सरदार शहर के नैनासर सुमेरिया में टीचर के रूप में कार्यरत हैं।
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कमला देवी ने अपनी बहू की दोबारा शादी की और एक मां के रूप में अपनी बहू का कन्यादान किया। अपने बहू को बिदा करते वक्त कमला देवी के आंसू छलक पड़े थे। अपनी बहू की दोबारा शादी कराने के इस फैसले से हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है। बता दें कि कमला देवी ने अपनी बहू के लिए एक बेहद अच्छा और पढ़ा-लिखा लड़का ढूंढा है। सुनीता के पति का नाम मुकेश है और वह अभी भोपाल में सीएजी ऑडिटर के पद पर कार्यरत हैं। मुकेश के परिवार में माता-पिता और भाई हैं, जो सीकर के चांदपुर गांव में रहते हैं। मुकेश की पहली पत्नी पिपराली गांव निवासी सुमन बगड़िया थीं, जिनकी सड़क हादसे में मौत हो गई थी। सुमन राजस्थान पुलिस में एएसआई थीं।
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