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daughters who did last rites of their mother

बेटियों ने पेश की मिसाल, मां को भूल गए भाई तो खुद किया अंतिम संस्कार

ओडिशा के पुरी में भाइयों द्वारा मां से मुंह मोड़ लेने के बाद चार बेटियों ने मां का अंतिम संस्कार करने का फैसला किया।
Editorial
Updated:- 2022-01-03, 13:56 IST

ओडिशा के पुरी से चार बेटियों द्वारा मिसाल पेश करने की खबर सामने आई है। दरअसल, पुरी में चार बेटियों ने मिलकर अपनी बुजुर्ग मां का अंतिम संस्कार किया। बता दें, जब अपनी मां से बेटों से मुंह मोड़ लिया तब बेटियों ने फैसला किया कि वो अपनी मां का अंतिम संस्कार करेंगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुरी में जाति नायक नाम की 80 वर्षीय महिला का निधन हो गया। उनकी चार बेटियों के अलावा दो बेटे थे, जिन्हें पड़ोसियों ने मां के निधन के बारे में जानकारी दी थी। हालांकि, मां के नहीं रहने की जानकारी हासिल होने के बावजूद भी बेटे नहीं आये। ऐसे में सभी सामाजिक बेड़ियों को तोड़ते हुए चारों बेटियों ने ही अपनी मां का अंतिम संस्कार करने का फैसला किया।

पड़ोसियों ने की बेटियों की मदद

last rites of mother performed by four dughters

मां के निधन की जानकारी मिलते ही घर पहुंचीं चारों बेटियां पड़ोसियों की मदद से शमशान घाट तक शव को ले गईं। बेटियों ने शव को खुद कंधा दिया। इस दौरान उन्होंने लगभाग चार किलोमीटर की दूरी तय की। इस मामले में जाति की एक बेटी सीतामणि साहू ने न्यूज़18 को बताया कि उनके भाई पिछले 10 सालों से मां का ध्यान नहीं रख रहे थे। यही नहीं, भाइयों ने मां को कभी उनके साथ रहने नहीं दिया।

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भाइयों पर बहनों ने लगाए आरोप

अपनी बात जारी रखते हुए सीतामणि ने कहा कि इतने सालों में भाइयों ने कभी मां से एक बार ये नहीं पूछा कि वो कैसी हैं जो खुद ही अकेले अपने खाने-पीने का इंतजाम कर रही हैं। उनके निधन से पहले, मां बहुत बीमार थीं जिसकी वजह से हमें उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा। मगर इस दौरान भी हमारे भाइयों का मन नहीं पिघला। वहीं, जाति की दूसरी बेटी ने न्यूज़18 को बताया कि उनकी छोटी बहन मां के घर के करीब रहती थी। हालांकि, उनके भाई मां की सेवा नहीं करते थे।

इस वजह से उन चारों बहनों ने मिलकर मां का अंतिम संस्कार किया। उन्होंने ये भी बताया कि पड़ोसियों की मदद से वो शव को शमशान घाट तक ले जा पाईं। जानकारी के अनुसार, बेटियों ने भाइयों पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिताजी के निधन के बाद मां पर अपने पूरे परिवार को पालने की जिम्मेदारी आ गई थी। इस जिम्मेदारी को निभाते हुए उन्होंने अपनी चारों बेटियों की शादी की और बेटे भी शादी के बाद अपने-अपने परिवार के साथ रहने लगे। यही नहीं, शादी के बाद बेटे मां का ध्यान रखने की बजाए उन्हें सताने लगे।

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पहले भी कई बेटियां पेश कर चुकी हैं मिसाल

बताते चलें ये पहला मौका नहीं है जब देश की बेटियों ने इस तरह की मिसाल समाज के सामने पेश की हो। ऐसे कई मामले सामने आये जहां बेटियों ने आगे बढ़कर अपने माता-पिता का कार्यभार संभाला। हाल-फिलहाल में एक मामला देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ (CDS) बिपिन रावत और उनकी पत्नी का है। मालूम हो, रावत अब हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनकी बेटियों कृतिका और तारिणी ने दिल्‍ली छावनी के बरार स्‍क्‍वायर अंत्येष्टि स्थल पर अपने माता-पिता को हिंदू रीति-रिवाजों से मुखाग्नि दी थी।

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