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पी वी सिंधु ने फिर रचा इतिहास, वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप जीतकर भारत को किया सबसे आगे

पी वी सिंधु ने इस बार इतिहास रच दिया है। वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप जीतकर उन्होंने भारतीय स्पोर्ट्स को बहुत ऊंचे स्थान पर पहुंचा दिया है। 
Editorial
Updated:- 2019-08-28, 16:03 IST

पी वी सिंधु भारत का वो नाम है जिसने हमारे देश का नाम हमेशा ऊंचा किया है। पिछले कुछ समय से वो बहुत अच्छे फॉर्म में हैं और लगातार एक के बाद एक मुकाबले जीतती जा रही हैं। इस बार भी उन्होंने इतिहास बना लिया है। पी वी सिंधु ने इस बार World Badminton Championship 2019 जीत ली है। हमारे देश का नाम एक बार और ऊंचा कर दिया है। इस मेडल को जीतने के बाद वो पहली ऐसी भारतीय और पहली भारतीय महिला बन गईं हैं जिसने ऐसा खिताब जीता है। 

पी वी सिंधु चौधी ऐसी प्लेयर हैं जिन्होंने वर्ल्ड चैम्पियनशिप में लगातार फुल सेट में मेडल जीते हैं।  

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मां को समर्पित किया मेडल-  

St Jakobshalle जो Basel, Switzerland में है उस जगह ये मैच खेला गया था। जिस दिन पी वी सिंधु ने मेडल जीता उस दिन सिंधु की मां का जन्मदिन था। सिंधु ने कहा था कि इससे बेहतर गिफ्ट उनकी मां के लिए हो ही नहीं सकता। ये मेडल उन्होंने अपनी मां को ही समर्पित किया। सिंधु अब भारतीय महिला खिलाड़ियों की लिस्ट में बहुत ऊंचे स्थान पर पहुंच चुकी हैं।

आनंद महिंद्रा ने शेयर किया वीडियो-

पी वी सिंधु की जीत के बाद आनंद महिंद्रा ने उनके वर्कआउट वाला वीडियो शेयर किया है। उस वीडियो में ये दिखाया गया है कि आखिर सिंधु ने अपनी जीत के लिए तैयारी कैसे की। अपने मजाकिया अंदाज़ में आनंद महिंद्रा ने कहा कि वो सिर्फ वीडियो को देखने से ही थका हुआ महसूस कर रहे हैं। 

 

पिछले पांच सालों से इस चैम्पियनशिप का रिकॉर्ड - 

इसी चैम्पियनशिप में 2013 में सिंधु ने कांस्य पदक जीता था। फिर 2014 में भी कांस्य पदक मिला। इसके बाद सीधे 2017 में रजत पदक के साथ सिंधु सामने आईं। फिर 2018 में एक बार रजत पदक पर ही संतोष करना पड़ा। इसके बाद 2019 में उन्हें स्वर्ण पदक मिला।  

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सिंधु ने ये उपलब्धि वर्ल्ड नंबर वन रैंकिंग वाली जापानी प्लेयर Nozomi Okuhara को हराकर हासिल की। ये एकतरफा मैच ही था जो सिर्फ 16 मिनट में पूरा हो गया था। ये भी किसी इतिहास से कम नहीं है।  

दीपिका पादुकोण के पिता भी नहीं कर पाए थे ये कारनामा- 

जो उपलब्धि पी वी सिंधु को मिली है वो तारीफ के काबिल है। यहां तक की दीपिका पादुकोण के पिता और जाने माने बैडमिंटन प्लेयर प्रकाश पादुकोण भी इसे नहीं पूरा कर पाए थे और साइना नेहवाल भी अभी तक सिर्फ रजत पदक तक ही पहुंच पाई हैं।  

मीडिया इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वो ये अपने देश के लिए जीतीं हैं और उन्हें तिरंगा उड़ता देख और राष्ट्रगीत बजते सुन बहुत अच्छा लग रहा था। वो दो बार पहले ही फाइनल में हार चुकी हैं और इस बार वो पूरी तैयारी के साथ आई थीं। उन्होंने अपने कोच दक्षिण कोरिया के किम जी ह्यून और पुलेला गोपीचंद को धन्यवाद भी दिया। 

 

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बधाइयों का लग गया तांता-

जैसे ही पी वी सिंधु ने ये जीत हासिल की वैसे ही उन्हें बधाई देने वाले लोगों का तांता लग गया। सिंधु के पूर्व कोच विमल कुमार का कहना था कि ये अद्भुत जीत है। सिंधु ने ओकुहारा को कोई मौका ही नहीं दिया। उनका अप्रोच वैसे ही बहुत अच्छा था। 

 

घर पर उनकी मां भी इस जीत से बहुत खुश थीं। ट्विटर पर भी लोगों ने बधाई देना शुरू कर दिया। यूनियन स्पोर्ट्स और यूथ अफेयर मिनिस्टर किरन रिजीजू ने कहा कि ये पूरे भारत के लिए बड़ा दिन है। पी वी सिंधु ने इतिहास बना दिया। ये सिर्फ बैडमिंटन के लिए नहीं बल्कि पूरे भारतीय स्पोर्ट्स के लिए बड़ा दिन है और हम सिंधु पर गर्व महसूस कर रहे हैं। देश को लोगों और पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से मैं सिंधु को बधाई देता हूं। 

ये सिंधु के लिए बड़ी बात है, ओलिंपिक सिर्फ 10 महीने दूर है और एक वर्ल्ड चैम्पियनशिप जीतना खिलाड़ी को प्रोत्साहित करता है। 

 

यह विडियो भी देखें

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