लतिका के इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पिक्चर का कैप्शन कुछ ऐसा है, 'डॉ. लतिका नाथ के कई अवतार हैं- एक कॉस्मोपोलिटन वुमन साइंटिस्ट, एक कंजरवेशनिस्ट टेलिविजिन पर्सनैलिटी, एक हार्ड-वर्किंग रिसर्चर, लेकिन एक पहचान जो सर्वव्यापी है और सभी से ऊपर है वो है भारत की टाइगर प्रिंसेस की रूप में पहचान।' लतिका पहली इंडियन और महिला हैं जिन्होंने टाइगर्स पर डॉक्टरेट किया है। उनके सफर के बारे में आइए और जानें।
लतिका नाथ एक वाइल्डलाइफ कंजर्वेशनिस्ट हैं और एक वाइल्ड़लाइफ फोटोग्राफर हैं। उनके काम को देखते हुए साल 2001 में नेशनल जियोग्राफिक ने उन पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई थी और टाइटल दिया 'द टाइगर प्रिंसेस'। वह भारत में बाघों के संरक्षण के लिए वर्ष 1990 से काम कर रही हैं। साल 2020 में उन्हें नितिन गुप्ता (पूर्व मंत्रिस्तरीय सलाहकार, ऑस्ट्रेलिया) ने एक कवर स्टोरी लिखी थी, जिसमें उन्हें 'Her Daringness' की उपाधि दी थी। उन्होंने लतिका के जीवन और काम पर आधारित यह स्टोरी लिखी थी, इसमें वन्यजीव संरक्षण पर उनके काम को भी फीचर किया गया था।
लतिका नाथ का जन्म प्रोफेसर ललित एम नाथ और मीरा नाथ के घर हुआ था। प्रो ललित नाथ एम्स के पूर्व निदेशक रह चुके और भारतीय वन्यजीव बोर्ड में थे। उन्होंने 1970 के दशक में भारत में पशु संरक्षण आंदोलन की स्थापना की थी। लतिका ने अपना अधिकांश बचपन अपने माता-पिता के साथ जंगलों में घूमकर बिताया। मात्र सात साल की उम्र में उन्होंने तय कर लिया था कि वह इकोलॉजिस्ट ही बनेगीं। दिल्ली से पर्यावरण विज्ञान में ग्रेजुएशन करके वह आगे की पढ़ाई के लिए विदेश चली गई थीं। नाथ ने एक अकेडमिशियन के रूप में काम करना शुरू किया था और पर्यावरण और वाइल्डलाइफ पर IUCN, UNDP, UNFPA और ICIMOD सहित कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ एक सलाहकार के रूप में काम किया। वह पिछले 27-28 सालों से बाघ संरक्षण के लिए कर रही हैं। इसके अलावा कान्हा टाइगर रिजर्व और भारत सरकार के वन विभाग में आदिवासी समुदायों के साथ भी वह काम कर चुकी हैं।
इसे भी पढ़ें :रीना शाह: एक नजर के प्यार ने जिन्हें आज एक पेशेवर पोलो खिलाड़ी बना दिया
वाइल्डलाइफ एक ऐसा फील्ड है, जहां पुरुषों का दबदबा है, लेकिन लतिका नाथ ने इस फील्ड में अपनी एक अलग पहचान बनाई। वह शुरुआत में हंगुल और भालुओं पर अध्ययन करना चाह रही थीं। मगर इस बीच उनके साथ कुछ ऐसा हुआ कि उन्होंने भारत में वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट जॉइन किया, जिसके बाद बाघों पर डॉक्टरेट किया। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया, 'कश्मीर में उस दौरान आतंकवाद चरम पर था। मेरे दादा-दादी का घर बॉम्ब से जला दिया गया था। स्टाफ को टॉर्चर किया गया था, लोगों को मार दिया गया था और हमने सब कुछ खो दिया। उसके बाद मैंने फैसला किया कि मुझे भारत में वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट जॉइन करना चाहिए। यहां के निदेशक डॉ. एच.एस. पवार ने मुझे बाघों पर डॉक्टरेट करने की सलाह दी। क्योंकि भारत में राष्ट्रीय पशु पर कोई हॉलिस्टिक साइंटिफिक स्टडी नहीं की गई थी।'
इसे भी पढ़ें :मनदीप कौर सिद्धू: न्यूजीलैंड में टैक्सी ड्राइवर से पुलिस अधिकारी बनने तक की कहानी
लतिका के काम को 'द टाइगर प्रिंसेस' नामक एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म में फीचर किया गया है। एक अन्य प्रोग्राम 'वाइल्ड थिंग्स' में भी लतिका का जीवन और उनके काम को दिखाया गया है। उन्होंने 'Sita's story' और 'ए टेल ऑफ़ टू टाइगर्स' जैसी फिल्मों में भी योगदान दिया है। इसके अलावा, उनकी पुस्तक 'हिडन इंडिया' काफी चर्चा में थी। उनकी किताब wildlife enthusiasts के लिए must-read किताब कही जाती है। इस एंथोलॉजी में लतिका की वन्यजीव फोटोग्राफी और उनकी बहन श्लोका नाथ के लेखन का मिश्रण देखा जा सकता है।
अपने इंस्टाग्राम हैंडल में लतिका अक्सर वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी शेयर करती रहती हैं। जंगलों में वाइल्डलाइफ के बीच उन्हें काफी सुकून मिलता है। कुछ महीनों पहले उन्होंने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर जगुआर सीरिज भी शुरू की थी, जहां उन्होंने इन बिग कैट्स के बारें में तमाम जानकारी दी और साथ ही अपने अनुभवों को भी साझा किया है।
अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें। ऐसे अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit : Instagramm
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।