एक कहावत है कि 'खुली आंखों से सपने देखने वाले भी अपनी मंजिल तक पहुंच जाते हैं अगर उस कार्य को करने की उनमें लगन हो तो'। जहां एक तरफ हर दिन महिलाओं के साथ कोई न कोई घटना ज़रूर देखने और सुनने में को मिलती है, वहीं कुछ खबर ऐसी भी है जिसके बारे में देख और सुनकर भारतीय होने पर गौरव महसूस होता है। भारतीय मूल की महिलाओं ने विदेशी जमीनों पर हेमशा में भारत का मान बढ़ाया है। आज इस लेख में हम आपको जिस महिला के बारे में बताने जा रहे हैं उनकी भी कहानी देख और सुनकर भारतीय होने पर गौरव महसूस होता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं न्यूजीलैंड में भारतीय मूल की मनदीप कौर सिद्धू के टैक्सी ड्राइवर से पुलिस अधिकारी बनने तक की कहानी के बारे में। मनदीप कौर ने सिर्फ भारत के लिए ही नहीं बल्कि करोड़ों महिलाओं के लिए आज प्रेणादायक महिला बन चुकी हैं। चलिए जानते हैं उनके बारे में।
कौन हैं मनदीप कौर सिद्धू
दो बच्चों की मां मनदीप कौर सिद्धू का जन्म पंजाब के मालवा जिले में हुआ था। लगभग 18 की उम्र में शादी और कुछ सालों बाद शादी टूटने के बाद पंजाब में ही रहने लगी। लेकिन, कुछ वर्षों बाद पंजाब से वो ऑस्ट्रेलिया चली गई। ऑस्ट्रेलिया में कुछ समय तक काम करने के बाद मनदीप कौर सिद्धू काम की तलाश में न्यूजीलैंड चली गई और वो वहीं काम करने लगी। अपने बच्चों को मायके ही छोड़कर काम की तलाश में चली गई थी।
टैक्सी ड्राइवर से कांस्टेबल
एक रिपोर्ट के अनुसार न्यूजीलैंड में आने के बाद मनदीप कौर सिद्धू एक वुमन लॉज में रहती थीं और टैक्सी ड्राइवर का काम कराती थीं। वुमन लॉज में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर एक रिटायर्ड पुलिसकर्मी काम करता था, जो जानकारी देता था कि पुलिस कैसे बनना है और पुलिस यहां कैसे काम करती है। यहीं से मनदीप कौर सिद्धू को पुलिस बनने की इच्छा पैदा हुई और धीरे-धीरे देखते ही देखते मनदीप कौर एक कांस्टेबल बनी गई। (जम्मू-कश्मीर की पहली महिला बस ड्राइवर पूजा देवी)
कांस्टेबल से फ्रंटलाइन अफसर
मनदीप कौर सिद्धू नियमित समय और ईमानदारी से अपना काम करती रही। उनके इसी काम को देखते हुए न्यूजीलैंड पुलिस ने उन्हें अब फ्रंटलाइन अफसर बना दिया है। इस बीच वो कई बार अपने बच्चों को भारत से न्यूजीलैंड लाने की कोशिश भी की और अंतत उनके बच्चे भी न्यूजीलैंड पहुंच चुके हैं। न्यूजीलैंड में मनदीप कौर टैक्सी ड्राइवर के साथ-साथ पढाई भी जारी रखी थीं हालांकि, शुरुआती दिनों में उन्होंने पेट्रोल पंप जैसी जगहों पर भी काम किया है।
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पहली भारतीय मूल की महिला
भारतीय मूल के रूप ऐसी पहली महिला है जो न्यूजीलैंड के पुलिस में शामिल हैं। निजी और सामाजिक कठिनाइयों के बाद आज मनदीप न्यूजीलैंड पुलिस में सीनियर सार्जेंट के पद पर कार्यरत है। पुलिस में भर्ती होने के लिए मनदीप कौर ने लगभग 20 किलो वजन कम किया था। कड़ी मेहनत बाद उन्हें ये नौकरी मिली थी। आज भी मनदीप कौर अपने काम के साथ-साथ नियमित रूप से गुरुद्वारा भी जाती रहती हैं। फिलहाल वो न्यूजीलैंड के वेलिंग्टन शहर में कार्यरत हैं।(देश की पहली 'वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर ऑफ द ईयर' अवार्ड विनर)
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