वन्यजीव पृथ्वी के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि यह वैज्ञानिक रूप से पर्यावरण को संतुलित करता है और प्राणियों के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व सुनिश्चित करता है। भारतीय वन्यजीव अभयारण्य जानवरों की ऐसी दुर्लभ और सुंदर प्रजातियों का घर है जो केवल हमारे देश में ही पाए जा सकते हैं। इन जानवरों को आपने पहले कभी नहीं देखा होगा। आइए ऐसी ही दुर्लभ और सुंदर प्रजातियों के बारे में जानें।
दक्षिण भारत के पश्चिमी घाटों में यह पुरानी दुनिया के बंदर पाए जाते हैं। इसका मुंह, चेहरे पर बाल और पूंछ शेर की तरह होने के कारण इसे Lion-tailed macaque नाम दिया गया है। केरल के कोल्लम जिले में संरक्षित क्षेत्र शेंदुरनी वन्यजीव अभयारण्य, इस जैसी तमाम एंडेंजेर्ड प्रजातियों की सुरक्षा करता है। अभयारण्य की यात्रा के दौरान, आप यहां कैंपिंग कर सकते हैं और इस विचित्र जानवर को देख सकते हैं।
कश्मीर स्टैग, जिसे हंगुल भी कहा जाता है, एल्क की एक उप-प्रजाति है। इसे गंभीर रूप से लुप्तप्राय और दुर्लभ प्रजातियों की लिस्ट में डाला गया है। इनके शानदार एंटीलर्स होते हैं। यह जम्मू और कश्मीर का राज्य पशु है। 1900 के दशक में, जम्मू और कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में इन प्रजातियों की लगभग 3,000-5,000 संख्या पाई गई थी। लेकिन आज यह कुल 150 के आसापस हैं।
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यह दुर्लभ जानवर भी लुप्तप्राय प्रजाति में आता है। यह भारत के उत्तर पूर्वी राज्य असम में पाया जाता है। यह सबसे छोटे पिग और पिगलेट्स होते हैं और यह उन मैमल्स में से एक हैं जो अपना घर बनाते हैं। धीरे-धीरे लुप्त होते इस प्रजाति की अब 150 संख्या रह गई है। अगर आपको भी कभी इस दुर्लभ प्रजाति को देखना हो, तो आप असम की सैर कर सकती हैं।
यह एक प्रकार की जंगली बकरी है। यह पश्चिमी घाट के ट्रॉपिकल रेनफॉरेस्ट में पाया जाता है। इनके घुमावदार सींग होते हैं और मोटे और छोटे फर होते हैं। यह बड़े पैमाने पर एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान (इडुक्की जिले) में पाए जाते हैं। वहां लगभग 700-800 Nilgiri Tahr रहते हैं।
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यह भारतीय मृग के रूप में भी जाना जाता है, ब्लैक बक को भारतीय राज्यों पंजाब, हरियाणा और आंध्र प्रदेश के राज्य पशु का दर्जा प्राप्त है। सर्पिल सींग और आकर्षक रंग के साथ, इस जानवर भोला प्रजाति का माना जाता है। इन्हें देखने के लिए, आप कॉर्बेट नेशनल पार्क (उत्तराखंड), वेलवदर ब्लैकबक नेशनल पार्क (गुजरात) और कान्हा नेशनल पार्क (मध्य प्रदेश) जा सकते हैं।
इन्हें गौर भी कहा जाता है। यदि आप दुर्लभ भारतीय बाइसन की झलक चाहती हैं, तो केरल का चिन्नार वन्यजीव अभयारण्य और चेन्नई का अरिग्नार अन्ना प्राणी उद्यान एकदम सही जगह है। इनका बड़ा शरीर और विशाल शरीर होता है। यह बहुत ताकतवर होते हैं।
रेड पांडा एक छोटा स्तनपायी जानवर है जो आमतौर पर बांस के पेड़ों पर सोते और खेलते हुए पाया जाता है। बड़ी-बड़ी आंखों वाले इस पांडा को रेड-कैट बीयर के नाम से भी जाना जाता है। इस जानवर को आप अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के जंगलों में देख सकती हैं। अगर इस प्यारे से जानवर का चंचल व्यवहार देखना हो, तो आप अरुणाचल या सिक्किम जा सकती हैं। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल के Khangchendzonga and Namdapha नेशनल पार्क में भी यह पाया जाता है।
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