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कुलगाम हमले में शहीद हुए थे नायक दीपक, 3 साल बाद पत्नी ज्योति नैनवाल बनी सेना में लेफ्टिनेंट

2018 में जम्मू-कश्मीर के कुलगाम हमले में शहीद नायक दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति नैनवाल सेना में लेफ्टिनेंट बन गई हैं। 
Editorial
Updated:- 2021-11-24, 09:14 IST

देश उस वक्त काफी रोया था, जब भारतीय सेना के नायक दीपक नैनवाल शहीद हुए थे। कुलगाम में आतंकवादियों से लड़ते हुए उन्होंने शहादत हासिल की थी। इस मुठभेड़ में नायक दीपक नैनवाल को बुरी तरह घायल हुए थे। इस हादसे के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। करीब 40 दिनों तक मौत से जंग लड़ने के बाद मई 2018 में उन्होंने दम तोड़ दिया था। दीपक नैनवाल के शहीद होने के बाद उनकी पत्नी ज्योति नैनवाल अंदर से टूट गई थी, लेकिन उन्होंने तय किया कि भारतीय सेना में शामिल होंगी और यही सच्चे मन से उनके पति के लिए श्रद्धांजलि होगी।

पति के जाने के 3 साल बाद ज्योति सेना में लेफ्टिनेंट बनकर निकली हैं। बता दें कि ज्योति इसी साल की शुरुआत में अपनी ट्रेनिंग चेन्नई में शुरू की थी। वहीं पास आउट समारोह में ज्योति अपने दोनों बेटों के साथ नजर आईं थी, जो उनकी तरह ही सेना की वर्दी में नज़र आ रहे थे । ज्योति नैनवाल सेना में लेफ्टिनेंट बनने के बाद ना सिर्फ अपने पति बल्कि पूरे गांव का नाम रौशन किया है।

ज्योति नैनवाल का वायरल वीडियो

jyoti Indian Army Officer


एएनआई द्वारा जारी एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में ज्योति नैनवाल कहती हैं कि 'पति दीपक ने उन्हें यह खास तोहफा जिंदगीभर के लिए दिया है, जिसे वो आगे बढ़ाएंगी। उन्होंने आगे कहा मैं अपने पति के रेजिमेंट को शुक्रिया अदा करती हूं, जो हर कदम पर मेरे साथ खड़े थे और मुझे एक बेटी की तरह प्यार और अपना सपोर्ट दिया। बहादुर महिलाओं के लिए मैं जन्म के लिए नहीं बल्कि कर्म के लिए मां बनना चाहती हूं और मैं यहां जो कुछ भी जिऊंगी, वो मेरे बच्चों के लिए एक उपहार होगा।' वहीं ज्योति की इस उपलब्धि और हौसले को देखने के बाद हर कोई उन्हें सैल्यूट कर रहा है। देहरादून के एक साधारण से परिवार से आने वाली ज्योति पहले एक गृहिणी के तौर पर अपनी जिंदगी जी रही थी, जिनका सारा ध्यान पति और बेटों की देखभाल में बीतता था। बता दें कि 32 वर्षीय ज्योति के दो बेटों की मां हैं, उनके बेटे का नाम लावण्या और रेयांश है।

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इस साल पास की SSC परीक्षा

इस साल की शुरुआत में, ज्योति ने अपने चौथे प्रयास में एसएससी परीक्षा पास की थी। ज्योति अपने परिवार में पहली ऐसी सदस्य हैं, जिन्हें सेना में अधिकारी के पद पर सेवा देने का अवसर प्राप्त हुआ है। इमोशनली टूटने के बाद ज्योति नेइस साल अपनी मेहनत और बाकी लोगों की सहयोग से सेना में शामिल होने में सफल रहीं हैं। बता दें कि चेन्नई में ओटीए से पास आउट होने वाले लोगों में 124 पुरुष, 29 महिलाएं शामिल हैं। इसके लिए अलावा 178 कैडेटों के साथ 25 विदेशी राष्ट्रों ने भी चेन्नई में अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी से पास आउट किया है।

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पति के लिए पहली बार आईं थीं दिल्ली

Naik Deepak Nainwal

आतंकवादियों के साथ एक मुठभेड़ के दौरान नायक दीपक नैनवाल को गोली लगी थी। घायल होने के बाद उन्हें दिल्ली में सेना के आरआर अस्पताल में भर्ती किया गया था। उस वक्त ज्योति अपने पति की देखरेख के लिए पहली बार दिल्ली आई थी। अंदर टूटी हुईं ज्योति डॉक्टर के सामने मजबूत बनकर खड़ी रहीं, ताकि उन्हें अपने पति की देखरेख के लिए रहने की अनुमति मिल सकें। हालांकि, रीढ़ की हड्डी में जख्म होने की वजह से दीपक के अंगों में संवेदन क्षमता चली गई थीं। 40 दिनों तक जिंदगी और मौत की जंग लड़ने के बाद दीपक शहीद हो गए। नायक दीपक की अंतिम तैनाती जम्मू-कश्मीर में 1 राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन के साथ थी।

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