केबीसी 11 के फिनाले में शिरकत करेंगी सुधा मूर्ति, 29 नवंबर को होगा प्रसारित

'कौन बनेगा करोड़पति' के 11वें सीजन के फिनाले में इंफोसिस फाउंडेशन की सुधा मूर्ति शिरकत करेंगी जिसमें वो अपने संघर्षों की कहानी बयां करेगी।

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'कौन बनेगा करोड़पति' के 11वें सीजन का फाइनल एपीसोड टीवी पर 29 नवंबर शुक्रवार को प्रसारित होगा। 'कर्मवीर स्पेशल' के इस एपिसोड में हॉट सीट में बैठी होंगी इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरमैन और पद्मश्री से सम्मानित सुधा मूर्ति। चैनल ने इस एपिसोड का टीजर लॉन्च कर दिया है।

शो को होस्ट करने वाले अमिताभ बच्चन सुधा मूर्ति का स्वागत करेंगे और कार्यक्रम में उनका परिचय करते हुए उनके किए गए बेहतरीन कार्यों की सराहना करते हुए नज़र आएंगे। हॉट सीट पर बैठी सुधा मूर्ति ने बताया कि उसे आगे बढ़ने के लिए स्टीरियो टाइप सोसाइटी से काफी लड़ना पड़ा। लेकिन उसने हार नहीं मानी।

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सुधा मूर्ति ने बिग बी को बताया कि उसने 1968 में इंजीनियर बनने का फैसला किया। जबकि परिवार के लोग उसके इस फैसले में साथ नहीं थे। उसे बताया गया कि अगर उसने यह पढ़ाई जारी रखी तो उनकी कम्युनिटी में उससे कोई शादी नहीं करेगा।

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सुधा ने बताया कि वह अपने कॉलेज में पढ़ने वाली अकेली लड़की थी, जिसमें 599 लड़के थे। प्रिंसिपल ने उनसे कहा कि आपके नंबर अच्छे हैं इसलिए हम आपको एडमिशन दे देंगे। लेकिन मुसीबतों की कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। प्रिंसिपल ने तो यहां तक कह दिया कि आपको साड़ी पहनकर कॉलेज आना होगा, केंटीन नहीं जाएंगी और लड़कों से बात नहीं करोगे।

सुधा ने बताया कि उसने कठिनाइयों के साथ आगे बढ़ने का फैसला लिया। उन्होंने साड़ी पहनी, एक साल तक उसने लड़कों से कोई बात नहीं की। लेकिन जब वह क्लास में फर्स्ट आयी तो फिर लड़कों ने उससे बोलना शुरु किया। उन्होंने बताया कि अपनी कठिनाइयों से उबरने के लिए अगर ठान लिया जाए तो हर काम मुमकिन है।

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इतना ही नहीं, सुधा ने कॉलेज के दिनों की तकलीफों का जिक्र करना जारी रखा। उन्होंने बताया कि वहां कोई लेडीज टॉयलेट भी नहीं था, उसे काफी मुसीबतों से लड़ना पड़ा। इसलिए उसने 16000 टॉयलेट का निर्माण करवाया है।सुधा का कहना है कि आगे बढ़ने के लिए बस चाहिए तो सकारात्मक सोच। पैसा ही सब कुछ नहीं है कर्म को प्रधानता दें। सुधा ने पिता की दी सीख को भी साझा किया, जिसमें उनके पिता ने उन्हें लोगों के दिलों में जगह बनाने के लिए काम करने को कहा था।

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अमिताभ बच्चन ने कहा कि सुधा मूर्ति हमारे बीच महान लोगों की जीती जागती उदाहरण हैं, पैसे के कारण नहीं बल्कि अपने सामाजिक कार्यों के कारण।

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