मुंबई 26/11 के हमले में 24 साल की ये लड़की थी हीरो, बचाई थी 60 से ज्यादा लोगों की जान

मुंबई आतंकी हमलों में एक लड़की ने उस समय साहस दिखाया जब लोग डरे हुए थे। मल्लिका जागड ने 60 से ज्यादा लोगों की जान बचाई थी। 

Unknown People of mumbai terror attack

26 नवंबर 2008 न सिर्फ मुंबई के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए काला दिन था। वो दिन जब पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने मुंबई पर सिलसिलेवार तरीके से हमला कर दिया था। मुंबई के ताज महल होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, नरिमन हाउस, द ओबेरॉय ट्राईडेंट, कामा हॉस्पिटल और अन्य जगहों पर हमला हुआ था और इस हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे और कई घायल हुए थे। इन हमलों के दौरान कई हीरो सामने आए। वो लोग जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना ही कई लोगों की जान बचाई। इनमें थी 24 साल की मल्लिका जागड जो उस समय ताज होटल में काम करती थीं।

मल्लिका की सूझबूझ न होती और उस मौके पर अगर उन्होंने खुद को शांत नहीं रखा होता तो कई और लोग मारे जा सकते थे। आज हम बात करते हैं इसी इंस्पाइरिंग महिला की जिसने उस समय बहुत अक्लमंदी दिखाई।

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क्या हुआ था 26 नवंबर की उस रात-

26 नवंबर रात 9.30 बजे के करीब मल्लिका जागड एक कॉन्फ्रेंस का काम देख रही थीं। वो उस समय ताज होटल में असिस्टेंट बैंक्वेट मैनेजर थीं। उसी समय उन्हें गोलियों की आवाज़ आई। पहले लगा जैसे किसी शादी के पटाखे हों, लेकिन तुरंत ही उन्हें समझ आ गया कि उनका शक सही निकला है। उस समय उनके साथ कॉन्फ्रेंस में 60 से ज्यादा मेहमान मौजूद थे। सभी VIP स्टेटस वाले। मल्लिका को स्थिति समझने में काफी समय लग गया।

 Mumbai attacks

मुंबई में उस समय सुरक्षित रहना बहुत मुश्किल लग रहा था। मल्लिका को कुछ भी नहीं पता था कि वो एक व्यक्ति है या फिर कई आतंकी हैं। क्या माहौल है, क्या किसी को बंदी बनाया जा रहा है। कुछ भी नहीं। उन्हें बस इतना पता था कि उन्हें अपनी टीम की जान बचानी है।

कुछ देर में मिली चौंकाने वाली खबर-

मल्लिका ने अपने गेस्ट को शांत रहने को कहा। एक भी आवाज़ खतरनाक हो सकती थी। पाकिस्तान से आए आतंकियों ने पूरे होटल को कब्जे में ले लिया था। बार-बार गोलियों की आवाज़ आ रही थी। मल्लिका बार-बार ताज होटल के अधिकारियों को फोन कर रही थीं, लेकिन कोई फोन नहीं उठा रहा था। कुछ देर बाद उन्हें खबर मिली की वो आतंकी VIP गेस्ट को अपना निशाना बना रहे थे। मल्लिका डर गईं क्योंकि उस समय उनके साथ ही अधिकतर ऐसे गेस्ट मौजूद थे।

Unforgettable Images of Mumbai Terror Attack

उस समय लोगों के पास फोन आने शुरू हो गए कि मुंबई में आतंकी हमला हुआ है। लोग डर गए और कई लोगों को पैनिक अटैक भी आने लगा। उस समय स्मार्टफोन का दौर नहीं था और लोग ये समझ नहीं पा रहे थे कि क्या हो रहा है बस उन्हें इतना पता था कि ताज होटल जो मुंबई के सबसे महंगे होटल में से एक है उसमें आतंकवादी गन लेकर घूम रहे हैं।

मल्लिका ने उठाया ये कदम-

उस समय मल्लिका ही इंचार्ज थीं और पहली बार गोलियों की आवाज़ आने पर ही उन्होंने दरवाजे बंद कर दिए थे, लेकिन लॉक नहीं थे। दरवाज़ों के पास से सभी गेस्ट को हटा दिया और सबको शांति से बैठने को कहा। उन्हें पता था कि बैंक्वेट हॉल की दूसरी कॉरिडोर के पास बैंक्वेट इंचार्ज था जिसके पास चाभियां थीं जिससे दरवाज़े लॉक होते। मल्लिका ने धीरे-धीरे कॉरिडोर की तरफ बढ़ना शुरू किया और बैंक्वेट इंचार्ज ने उन्हें उछाल कर चाभियां दीं। एक गलती और लोग चौकन्ने हो जाते इसलिए मल्लिका ने तुरंत हरकत की और दरवाज़ा लॉक कर दिया।

 anniversary mallika jagad

साथ ही उन्होंने कमरे की लाइट भी बंद कर दी। सभी दरवाजे और खिड़कियां बंद थीं। गेस्ट को बोला गया कि वो जमीन पर ही बैठे रहें। किसी की एक गलती से सभी की जान खतरे में पड़ सकती थी।

पर कुछ घंटों में लोग घबराने लगे और आपस में बात करने लगे, कुछ रो भी रहे थे। उस समय मल्लिका ने तुरंत सभी को शांत करवाने की कोशिश की। कुछ लोग कह रहे थे कि वो भाग जाते हैं, लेकिन अगर एक भी पकड़ा जाता तो वहां मौजूद सभी लोगों की जान खतरे में आती। मल्लिका ने सभी को शांत करवाया। बाद में उन्हें पता चला कि आतंकी सभी दरवाजों को खटखटा रहे हैं और जैसे ही गेस्ट दरवाजा खोलते वो उन्हें गोली मार देते। बच्चों और महिलाओं को भी नहीं छोड़ा जा रहा है। मल्लिका ने सभी को शांत करवाया।

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उसके बाद बम धमाकों की आवाज़ आई। मल्लिका और उनके गेस्ट जहां थे वहां लकड़ी का इंटीरियर था और आसानी से आग लग सकती थी। उस समय लोगों ने जाने की बात की तो मल्लिका ने समझाया अगर किसी की तबियत बिगड़ी तो एंग्जाइटी अटैक के लिए कोई भी इलाज नहीं हो पाएगा।

सुबह होते-होते कुछ धुआं अंदर आने लगा और कमरे के फायर स्प्रिंकलर से पानी गिरने लगा। सभी गेस्ट रोने और चिल्लाने लगे, लेकिन अभी भी खतरा टला नहीं था। तब भी मल्लिका शांत रहीं और मदद का इंतज़ार करने लगीं। उसके बाद उन्हें खबर मिली कि इंडियन आर्मी अंदर आ गई है। उसके कुछ घंटों बाद स्थिति शांत हुई और मल्लिका ने सभी को सुरक्षित रखा। अगर उस समय मल्लिका शांति न बनाती तो और भी समस्या हो सकती थी।

आज 1 दशक बाद भी मल्लिका के साथ उस समय मौजूद सारे मेहमान बताते हैं कि वो न होतीं तो शायद उनकी जिंदगी न बच पाती।

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