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Shafali Verma international record

15 साल की शफाली वर्मा ने तोड़ा सचिन का 30 साल पुराना रिकॉर्ड, कभी क्रिकेट ग्राउंड पर चिल्लाती थीं सचिन का नाम

स्टैंड पर खड़े होकर सचिन-सचिन चिल्लाने वाली शफाली ने अब खुद 15 साल की उम्र में सचिन का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। जान लीजिए इनके बारे में।  
Editorial
Updated:- 2019-11-13, 10:56 IST

भारतीय क्रिकेट को अब एक नया चमकता सितारा मिल गया है। ये हैं शफाली वर्मा। इस सितारे की उम्र सिर्फ 15 साल ही है और इन्होंने ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट ग्राउंड पर अपनी काबिलियत दिखा दी है। लाहली, हरियाणा के बंसी लाल स्टेडियम पर एक मैच के दौरान सचिन-सचिन चिल्लाती 9 साल की शफाली ने जो जज्बा दिखाया था अब 15 साल की शफाली ने उसी जज्बे के साथ भारत के लिए नया रिकॉर्ड बनाया है। शफाली ने सचिन तेंदुलकर का 30 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है।  

क्या था रिकॉर्ड- 

सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड था कि वो अपने पहले अंतरराष्ट्रीय मैच में हाफ सेंचुरी बनाने वाले पहले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे। जिस समय सचिन ने ये रिकॉर्ड बनाया था उस समय उनकी उम्र 16 साल 214 दिन थी। अब शफाली ने जो रिकॉर्ड बनाया है उसमें उन्होंने 49 बॉल पर 73 रन बना लिए हैं और साथ ही साथ ऐसा करते समय उनकी उम्र महज 15 साल 285 दिन थी। यानी अब तक कि सबसे कम उम्र की खिलाड़ी जो किसी विदेशी टीम के खिलाफ पहले ही मैच में हाफ सेंचुरी बना पाई हैं। 

TI's youngest debutant Shafali Verma

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सचिन ने ये रिकॉर्ड 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए एक टेस्ट मैच में बनाया था और शफाली ने ये रिकॉर्ड वेस्ट इंडीज के खिलाफ खेले गए T20 मैच में बनाया है। 

 

Sachin Tendulkar Record

सचिन ही नहीं तोड़ा रोहित शर्मा का भी रिकॉर्ड- 

शफाली ने इस मैच में सिर्फ सचिन ही नहीं बल्कि रोहित शर्मा का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है। वो पहली ऐसी भारतीय बन गई हैं जिन्होंने सबसे कम उम्र में टी-20 मैच में 50 रन बनाए हैं।  

जब शफाली 13 साल की थीं तो उन्होंने हरियाणा की अंडर 19 क्रिकेट टीम में हिस्सा लिया था। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि ये उनके पिता का सपना था कि वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलें। उनके पिता ने ही उन्हें शुरुआत में ट्रेनिंग दी थी। ये उनकी मेहनत का ही नतीजा है। 

Shafali Verma Record

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एकेडमी में नहीं मिल रहा था एडमीशन -

क्या आप जानती हैं कि शफाली को रोहतक की क्रिकेट एकेडमी में एडमीशन नहीं मिल रहा था क्योंकि वो एक लड़की हैं। उन्होंने लड़के की तरह कपड़े पहन कर एडमीशन लिया। अब खुद ही सोच लीजिए कि जिस लड़की को एडमीशन नहीं दिया जा रहा था उसने भारतीय क्रिकेट के लिए कितना अच्छा रिकॉर्ड बनाया।

 

शफाली के कोच अश्वनी कुमार ने उनके हुनर को पहले ही पहचान लिया था। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया, 'जब वो 9 साल की थी तो राम नरीन एकेडमी आया करती थी और वहां मौजूद लड़कियां उसकी बराबरी नहीं कर पाती थीं। तो मैंने उसे अंडर-19 लड़कों के साथ खिलवाना शुरू किया। वो उसी समय गेंदबाज़ों के छक्के छुड़ा देती थी।'

 

शफाली के कोच ने ये भी बताया कि लोग उनकी बैटिंग देखकर हैरान हो जाते थे। वो काफी निडर तरीके से बैटिंग करती हैं। विराट कोहली, सचिन तेंदुलकर, रोहित शर्मा, मिताली राज की बैटिंग के बाद अब शफाली वर्मा की बैटिंग की भी तारीफ तो बनती है। 

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