मैंने बड़े-बुजुर्गों से सुना है कि शरीर के किसी खास हिस्से पर तिल होने का कुछ अर्थ होता है। जैसे कुछ लोग मानते हैं कि हथेली में तिल होना आपकी शक्तिशाली आर्थिक स्थिति को दर्शाता है। अलग-अलग कल्चर में इनका मतलब अलग हो सकता है। हालांकि हमारी त्वचा पर ये तिल क्यों होते हैं और क्या इनका सही में कोई कारण है? आइए इस लेख में हम इन मोल्स से जुड़ी बाकी जानकारी भी आपके साथ साझा करें।
तिल मेलानोसाइट्स का कंसंट्रेशन होते हैं- हमारी त्वचा के रंग के लिए जिम्मेदार त्वचा कोशिकाएं। जब मेलेनोसाइट्स समान रूप से फैलने में विफल होते हैं और इसके बजाय गुच्छों में बढ़ते हैं, तो वहां की त्वचा अक्सर रंग बदलती है। ये टैन, ब्राउन, ब्लैक, पिंक, रेड और ब्लू आदि रंग के दिखाई दे सकते हैं। ये जन्मजात हो सकते हैं या सूरज के संपर्क में आने के कारण बने हैं।
ये मेलानोसाइट के कारण होते हैं, लेकिन मेलानोसाइट किस वजह से बनते हैं उसके बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकती है। माना जा सकता है कि अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन हालांकि एक कैटेलिस्ट की तरह काम करती है, क्योंकि यूवी रेडिएशन से ये मेलानोसाइट्स बनते है, जिसकी वजह से हमारी त्वचा सूरज के संपर्क में रंग बदलती है।
इसके अतिरिक्त जेनेटिक्स भी एक मुख्य भूमिका निभाते हैं। कुछ परिवारों में हर सदस्य को तिल होते हैं। कुछ शोध से पता चलता है कि सेक्स-विशिष्ट जीन उन अंतरों के लिए जिम्मेदार होते हैं जहां तिल आमतौर पर महिलाओं (निचले अंगों) और पुरुषों (ऊपरी शरीर, गर्दन और स्कैल्प) पर दिखाई देते हैं।
हार्मोन मेलानोसाइट्स को भी प्रभावित करते हैं, साथ ही नए तिल अक्सर युवावस्था, गर्भावस्था और अन्य प्रमुख हार्मोनल उतार-चढ़ाव के आसपास दिखाई देते हैं और गायब हो जाते हैं।
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तिल के कई प्रकार होते हैं। वे कैसे दिखाई देते हैं और उनके कैंसर होने के जोखिम के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।
इन्हें बर्थमार्क्स भी कहा जाता है और ये अलग शेप, साइज और कलर के हो सकते हैं। इन बर्थमार्क को कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट से इलाज किया जा सकता है (फेशियल ट्रीटमेंट क्या है)।
ये त्वचा में कहीं भी नजर आ सकते हैं और फेयर त्वचा वालों की स्किन पर कई सारे तिल हो सकते हैं। यह गोल, स्मूथ, रफ, अलग रंग के हो सकते हैं और कुछ में बाल भी होते हैं।
ये मोल्स भी आपके शरीर में कहीं भी नजर आने लगते हैं। ये गर्दन, सिर और स्कैल्प पर ज्यादा नजर आते हैं। सौम्य एटिपिकल मोल्स में मेलेनोमा (एक प्रकार का त्वचा कैंसर) जैसी कुछ विशेषताएं हो सकती हैं। इसलिए, नियमित रूप से त्वचा की जांच करवाना और अपने तिल में किसी भी बदलाव की निगरानी करना महत्वपूर्ण है।
एटिपिकल मोल्स में कैंसर बनने की क्षमता होती है। लेकिन कुछ शोधों में पाया गया है कि 10,000 से केवल 1 असामान्य मोल कैंसर में बदल सकते हैं।
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ये एकदम नॉर्मल होते हैं और किसी को भी हो सकते हैं। लाइटर स्किन वाले लोगों को तिल होने की संभावना ज्यादा होती है। कई सारे बच्चे तिल के साथ पैदा होते हैं और यह बचपन से युवावस्था यानी 30 साल तक की उम्र में कभी भी हो सकते हैं। समय के साथ उसका साइज और रंग बदलता रहता है।
त्वचा में उभरे ये तिल खतरनाक नहीं होते हैं। हालांकि एक उम्र के बाद इनका अचानक दिखना चिंताजनक हो सकता है। अगर आपके शरीर के किसी भी हिस्से (महिलाओं के शरीर पर मौजूद अशुभ तिल) में बड़े तिल हैं, जिनमें दर्द हो रहा है तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए।
अगर आपके शरीर पर भी तिल हैं तो इनसे घबराने की जरूरत नहीं है। हमें उम्मीद है यह जानकारी आपको पसंद आएगी। अगर आपको यह लेख पसंद आया तो इसे लाइक और शेयर करना न भूलें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए विजिट करें हरजिंदगी।
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