मां का दूध बच्चे के लिए अमृत माना जाता है। खासकर नवजात शिशु को मां के दूध से ही पूरा पोषण मिलता है। ऐसे में अगर नवजात शिशु दूध न पिए तो यह अपने आप में चिंता का विषय बन जाता है। इसलिए इसकी वजह की जानकारी होना जरूरी है और यहां हम आपको इसी विषय में सही और पूरी जानकारी देने का प्रयास कर रहे हैं।
बता दें कि हमने इस बारे में लखनऊ के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित यादव से बात की है और उनसे मिली जानकारी यहां आपके साथ शेयर कर रहे हैं। डॉ. अमित यादव बताते हैं कि नवजात शिशु को जन्म के बाद कुछ समय तक दूध पीने में व्यावहारिक दिक्कत आ सकती है। पर अगर यह दिक्कत अधिक समय तक बने रहे तो इसके पीछे स्वास्थ्य समस्याएं जिम्मेदार हो सकती हैं। तो चलिए इन समस्याओं के बारे में जानते हैं।
जन्मजात शारीरिक विकार
जन्मजात शारीरिक विकार के कारण भी कई बार नवजात शिशु दूध नहीं पीते हैं, जैसे कि गले, मुंह या आहार नाल की बनावट में किसी भी तरह की समस्या हो तो इसके कारण बच्चे को दूध पीने में दिक्कत आ सकती है। इसलिए अगर बच्चा जन्म के बाद दूध पीने से इंकार कर रहा है तो उसके साथ जबरदस्ती न करें बल्कि इसकी असल वजह को जानने की कोशिश करें।
बर्थ इंजरी
बच्चे की डिलीवरी के समय अगर उसे किसी तरह की चोट लग जाए तो इसके कारण भी उसे दूध पीने में दिक्कत आ सकती है। इसलिए ऐसी स्थिति में सबसे पहले तो बच्चे की बर्थ इंजरी का उपचार कराएं, उसके बाद ही उसे दूध पिलाने का प्रयास करें।
सांस लेने में दिक्कत
अगर बच्चे को सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो इसके कारण भी बच्चा दूध पीने से इंकार कर सकता है। असल में ऐसा निमोनिया की गंभीर स्थिति में हो सकता है। इसलिए ऐसी स्थिति में बच्चे की जांच के साथ ही उसका सही उपचार जरूरी हो जाता है।
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पेट की समस्या
बच्चे को अगर गैस या पाचन से जुड़ी कोई समस्या है तो भी वह दूध पीने से इंकार कर सकता है। ऐसी स्थिति में अगर बच्चा बार-बार रो रहा है तो संभव है कि उसे पेट या पाचन से जुड़ी कोई समस्या हो। इसलिए बच्चे की वास्तविक समस्या को जानने और समझने की कोशिश करें।
वायरल बुखार
बुखार से पीड़ित होने के कारण भी नवजात शिशु दूध पीने से इंकार कर सकता है। खासकर यह स्थिति तब गंभीर हो जाती है जब यह वायरल बुखार हो। ऐसे में समय रहते इसकी पहचान और इलाज जरूरी है।
दूध से एलर्जी
अगर बच्चे को लैक्टिक एलर्जी यानी दूध से एलर्जी है तो भी वह दूध पीने से इंकार कर सकता है। ऐसी स्थिति में लैक्टिक एलर्जी का टेस्ट करना जरूरी हो जाता है।
मुंह में छाले
बच्चे के मुंह में छाले या किसी तरह का संक्रमण हो तो उसे दूध पीने में दिक्कत आ सकती है। इसलिए अगर आपका बच्चा दूध पीने से इंकार कर रहा है तो उसकी मुंह की जांच जरूर करनी चाहिए।
इस तरह से देखा जाए तो शारीरिक समस्याओं से पीड़ित होने पर बच्चा दूध पीने से इंकार कर सकता है। इसलिए अगर आपका बच्चा दूध पीने से बार-बार मना कर रहा है तो आपको इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। ऐसी स्थिति में आपको बच्चे को तुरंत किसी बाल रोग विशेषज्ञ से दिखाना चाहिए। बाल रोग विशेषज्ञ, बच्चे के शारीरिक परीक्षण के आधार पर उसके दूध न पीने की असल वजह बता पाएंगे।
बच्चे को दूध पीने के लिए ऐसे करें प्रोत्साहित
बच्चे को दूध पीने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए आप कुछ व्यावहारिक उपाय कर सकते हैं। सबसे पहले बच्चे को दूध पिलाने के लिए शांत और अनुकूल जगह ढूंढें, क्योंकि कई बार आस-पास के शोर-शराबे के कारण भी बच्चे का ध्यान भंग होता है और वह दूध पीने में आनाकानी कर सकता है। साथ ही ब्रेस्ट फीडिंग कराते वक्त बच्चे के आराम का ध्यान रखना जरूरी है। इसके लिए उसे गोद में अच्छी तरह से लें और फिर उसे दूध पिलाने का प्रयास करें।
उम्मीद करते हैं कि सेहत से जुड़ी यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों और परिचितों के साथ शेयर करना न भूलें।
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