बदलते मौसम में वायरल बुखार का प्रकोप काफी बढ़ चुका है, बच्चों से लेकर युवा और बुजुर्ग सभी इसका शिकार बन रहे हैं। आपके आस-पास भी बहुत सारे लोग इस वक्त वायरल फीवर के चपेट में होंगे, इसलिए इससे बचाव और सतर्कता जरूरी है। इस आर्टिकल में हम आपको इस संबंध में सही जानकारी देने का प्रयास कर रहे हैं।
गौरतलब है कि बीमारियों के कारण दवाओं और इलाज का खर्चा तो बढ़ता ही है, साथ ही घर में चिंता का माहौल भी बन जाता है। ऐसे में इससे बचाव ही बेहतर है। यहां हम आपको कुछ ऐसे ही टिप्स बताने जा रहे हैं जोकि वायरल बुखार के जोखिम से बचाने में सहायक साबित हो सकते हैं। बता दें कि हमने इस बारे में लखनऊ के जनरल फिजिशियन डॉ. बृजेंद्र सिंह से बात की है और उनसे मिली जानकारी यहां आपके साथ शेयर कर रहे हैं।
डॉ. बृजेंद्र सिंह बताते हैं कि तापमान में बदलाव के कारण मौसमी बीमारियां लोगों को अपना शिकार बनाती हैं, जैसे कि इन दिनों मलेरिया, डेंगू और दूसरी बीमारियों का प्रकोप बढ़ा हुआ है। साथ ही बदलते मौसम में वायरल संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। बात करें वायरल बुखार के लक्षणों की तो इससे पीड़ित व्यक्ति को बुखार, उल्टी, बदन में दर्द और जी मिचलाने की समस्या पेश आ सकती है। वहीं समय रहते इसका इलाज नहीं किया जाए तो स्थिति गंभीर भी हो सकती है। तो चलिए जानते हैं उन टिप्स के बारे में जो वायरल बुखार से बचाव में सहायक हो सकते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं
वायरल बुखार या कोई भी संक्रमण व्यक्ति को तभी शिकार बनाता है, जब शरीर में उससे लड़ने की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम पड़ जाती है। ऐसे में बचाव के लिए आपको रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना बेहद जरूरी है। इसके लिए अपने आहार में एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन सी से भरपूर चीजों को शामिल करें।
साफ-सफाई का ध्यान रखें
वायरल संक्रमण से बचने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए समय-समय पर अपने हाथों को अच्छी तरह से साफ करें, खासतौर पर खाने से पहले हाथों को साफ करना न भूलें। वायरल बुखार से पीड़ित व्यक्ति से मिलते वक्त भी आपको साफ-सफाई का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि वायरस के संक्रमण का खतरा कम हो सके।
खान-पान का रखें ध्यान
वायरल संक्रमण से बचने के लिए खान-पान का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि दूषित भोजन के सेवन से भी वायरल संक्रमण हो सकता है। इसलिए फलों और सब्जियों को अधिक देर तक काटकर न रखें। साथ ही बासी भोजन के सेवन से बचें।
एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन से बचें
आमतौर पर वायरल फीवर का खतरा महसूस होते ही लोग खुद सेएंटीबायोटिक दवाओं का सेवनशुरू कर देते हैं जो कि सही नहीं है। असल में वायरल बुखार में एंटीबायोटिक का प्रयोग बेकार है, क्योंकि एंटीबायोटिक बैक्टीरिया से लड़ने में असरदार होते हैं न कि वायरस से। बेवजह एंटीबायोटिक का सेवन एसिडिटी और पेट से जुड़ी दूसरी समस्याओं को जन्म दे सकता है। इसलिए सोच-समझकर ही दवाओं का सेवन करें।
दिनचर्या को नियमित रखें
बीमारियों से बचने के लिए दिनचर्या को नियमित रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि अनियमित दिनचर्या से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को बढ़ावा मिलता है। इसलिए नियत समय पर सोने और जागने की कोशिश करें ताकि नींद पूरी हो सके।
शरीर के तापमान को संयमित रखें
तापमान में तेजी से परिवर्तन के कारण भी अक्सर लोग बुखार का शिकार बनते हैं। इसलिए जितना हो सके शरीर के तापमान को संयमित रखने की कोशिश करें। जैसे कि तेज धूप से आने के बाद तुरंत बाद पंखा या कूलर न चलाएं। रात के कम तापमान में एसी की ठंडी हवा भी नुकसानदेह हो सकती है, इसलिए इससे भी बचाव जरूरी है।
मच्छरों से बचाव है जरूरी
मच्छरों के कारण भी बहुत सारी बीमारियों का संक्रमण फैलता है, इसलिए मच्छरों से बचाव जरूरी है। इसके लिए घर और आस-पास की सफाई का पूरा ध्यान रखें और रात में सोते वक्त मच्छरदानी का प्रयोग करें।
इस तरह से कुछ सावधानियों का ध्यान रखकर वायरल बुखार के जोखिम को कम कर सकते हैं। पर ध्यान रहे कि इन सावधानियों के बावजूद अगर आपको वायरल बुखार के संक्रमण के लक्षण दिख रहे हैं तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। उम्मीद करते हैं कि सेहत से जुड़ी यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों और परिचितों के साथ शेयर करना न भूलें।
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