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पहली डिलीवरी के बाद फिजिकल इंटिमेसी में इन '2 बातों' पर दें खास ध्यान

पहला बच्चा होने के बाद जज्चा और बच्चा दोनों की अच्छी सेहत रखने और बच्चों में अंतर बनाए रखने के लिए फिजिकली इंटिमेसी में इन दो बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। <div>&nbsp;</div>
Her Zindagi Editorial
Updated:- 2018-06-29, 12:53 IST

अगर आप हाल ही में मां बनी हैं तो जाहिर है बच्चे के साथ आप हैप्पी मोमेंट्स बिता रही होंगी। मां बनने की खुशी दुनिया में सबसे बड़ी होती है और इसमें आपका पूरा दिन कैसे गुजर जाता होगा, शायद आपको पता भी ना चलता हो। बच्चा होने के बाद हालांकि यौन संबंध बनाने में कमी देखी जाती है, लेकिन अगर इस दौरान अगर आप यौन संबंध बनाती हैं तो इस दौरान गर्भ ठहरने की संभावना बहुत ज्यादा होती है।

डिलीवरी के तुंरत बाद बरतें सावधानी

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अगर आपकी नॉर्मल डिलीवरी हुई है तो वेजाइना लूज होने की वजह से इस समय में यौन संबंध बनाने पर आपके कंसीव करने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। ऐसे में डिलीवरी के कुछ महीनों बाद ही कंसीव कर लेती हैं तो इससे आपके लिए कई तरह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मसलन असमय प्रेगनेंसी से आपकी सेहत पर बुरा असर हो सकता है। इससे आपके नवजात शिशु की देखभाल में मुश्किलें आ सकती हैं। वहीं आपकी हेल्थ कंडिशन बहुत अच्छी नहीं होने की वजह से आने वाले बच्चे की सेहत पर भी बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में आपके लिए यह बहुत जरूरी है कि डिलीवरी होने के बाद जब भी यौन संबंध बनाए तो उस समय में गर्भनिरोधक तरीकों का इस्तेमाल जरूर करें। 

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

अर्चना धवन बजाज, कंसल्टेंट ऑब्स्टीट्रीशियन, गायनेकोलॉजिस्ट एंड आईवीएफ एक्सपर्ट, नर्चर आईवीएफ दिल्ली बताती हैं, 'आमतौर पर ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पीरियड्स नहीं आते, जिससे गर्भ ठहरने की संभावना नहीं होती, लेकिन कुछ मामलों में इस दौरान भी गर्भ ठहर सकता है। आमतौर पर महिलाएं सोचती हैं कि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान उन्हें सेकेंड प्रेगनेंसी नहीं होगी और वे गर्भनिरोधक तरीकों के इस्तेमाल के बारे में ज्यादा सजग नहीं रह पातीं। इसी कारण लापरवाही होने से महिलाएं असमय प्रेगनेंट हो जाती हैं, जिससे जच्चा और बच्चा दोनों की सेहत प्रभावित होती है। पहली डिलीवरी के बाद बच्चों के बीच अंतर होना जरूरी है। ऐसे में बेहतर यही रहेगा कि महिलाएं पहला बच्चा होने के बाद से ही संबंध बनाते समय गर्भनिरोधक तरीकों का इस्तेमाल करें। इस बात पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है कि पहले 6 महीने महिलाएं स्वयं गर्भनिरोधक तरीकों का इस्तेमाल करने के बजाय अपने पार्टनर को कंडोम इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करें। डिलीवरी के तुंरत बाद ब्रेस्टफीडिंग कराते हुए कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का इस्तेमाल अच्छा नहीं है। अगर आपका बच्चा सिजेरियन डिलीवरी से हुआ है तो भी 6 महीने पूरे हो जाने पर या साल भर बाद कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स ले सकती हैं या आईयूडी डिवाइस लगवा सकती हैं। 

 

डॉ अर्चना ने डिलीवरी के बाद ध्यान रखी जाने वाली दूसरी अहम बात कही, जिसके बारे में हर यंग मदर को अवेयर होना चाहिए। उन्होंने कहा, 'आजकल एक नया चलन है कि महिलाएं नॉर्मल या सिजेरियन डिलीवरी के तुरंत बाद मल्टीलोड लगवा लेती हैं। इसका एक नुकसान यह है कि इस समय में नॉर्मल डिलीवरी होने पर महिलाओं की बच्चेदानी आकार में बड़ी होती है, ऐसे में मल्टीलोड लगा देने पर उसमें छेद होने, उसके गिर जाने या एक्सपेल होने की आशंका ज्यादा होती हैं। इससे बचाव के लिए बेहतर होगा कि डिलीवरी के 6 महीने बाद मल्टीलोड लगवाएं।'

डिलीवरी के 6 महीने बाद आप अपनी सुविधानुसार गर्भनिरोध के कई तरीके अपना सकती हैं जैसे कि पुरुष कंडोम, महिला कंडोम, डायाफ्राम या कैप, मिनी-पिल, इंट्रायूटेरिन सिस्टम  (आई.यू.एस.), इंट्रायूटेरिन डिवाइस (आई.यू.डी.) आदि। लेकिन आपके लिए बेहतर होगा कि आप इन सभी गर्भनिरोधक तरीकों के बारे में अपनी डॉक्टर से जानकारी ले लें ताकि आपको जो विकल्प बेहतर लगे, उसे अपना सकें। 

 

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