एंग्जायटी यानी चिंता जो कि किसी को भी हो सकती है, इसलिए इसे नजरअंदाज करना सही नहीं है। एंग्जाइटी में अक्सर विचार तेजी से आते हैं और उतनी तेजी से चले भी जाते हैं। लेकिन इस स्थिति में व्यक्ति की सांसों की गति तेज होने लगती हैं और पैर-हाथ ठंडे होने लगते हैं। अक्सर यह समस्या परीक्षा के दौरान अधिक होती है। अगर आप किसी चीज को लेकर बार-बार सोचने लगती हैं तो उससे भी एंग्जायटी की समस्या उत्पन्न होती है। कोरोना काल में यह समस्या हर तीसरे व्यक्ति को है, ऐसे में आपको कुछ चीजों को अपनी रूटीन में शामिल करना होगा।
इन दिनों लोगों को हेल्दी डाइट के साथ-साथ योगा को अपनी रूटीन में शामिल करने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर्स के मुताबिक अगर वह कुछ समय अपने आप को दें तो एंग्जायटी के साथ-साथ कई शारीरिक परेशानियों को आसानी दूर किया जा सकता है। बता दें कि कभी-कभी चिंता करना ठीक है लेकिन बार-बार वही सोचते रहने से एंग्जायटी डिसऑर्डर की समस्या हो सकती है।
आमतौर पर एंग्जायटी के लक्षण चिंता और डर होता है लेकिन कई बार इसकी वजह से सांस लेने में तकलीफ़, नींद न आना या फिर इसी तरह की अन्य समस्याएं होने लगती हैं। इसके लक्षण आपके एंग्जायटी डिसऑर्डर के प्रकार पर निर्भर करते हैं। एंग्जाइटी डिसऑर्डर कई तरह के होते हैं, जिसमें पैनिक डिसऑर्डर, सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर, स्पेसिफिक फोबिया, आदि शामिल हैं।
योग और मेडिटेशन के जरिए भी आप अपने दिमाग को शांत कर सकते हैं। आसन की प्रैक्टिस, और मेडिटेशन टेक्निक के जरिए आप मूड और विचारों को बेहतर तरीके से कंट्रोल कर सकती हैं। योग और मेडिटेशन में ऐसे कई तरीके हैं, जिसके जरिए आप अपने विचारों को न सिर्फ कंट्रोल कर सकती हैं बल्कि पहले की तुलना में अधिक फ्रेश भी महसूस करेंगी।
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स्ट्रेस फ्री लाइफ जीने के लिए खुद से बात करने की आदत डालें। खुद से बात करते हुए चलना एक तरह की थैरिपी है जिसकी मदद से आप न सिर्फ अपने दिमाग को बल्कि अपने शरीर को भी हेल्दी रख सकती हैं। अगर आप ऑफिस में काम करती हैं तो कुछ वक्त टहलने की कोशिश करें और कुछ मिनट तक खुद से बात करते रहें। खुद से बात करने की आदत डाल लें तो आपके दिमाग को शांति मिलेगी।
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हेल्दी रहने के लिए फिजिकल, मेंटल, और इमोशनल तीनों तरीके से स्वस्थ रहना जरूरी है। इन तीनों को मेंटेन रखना महत्वपूर्ण है। अगर आप अपने शरीर का ख्याल रख रही हैं तो ठीक उसी तरह आपको मेंटली और इमोशनली भी अपना ध्यान रखना चाहिए। अगर आप चाहें तो इसके लिए अपने रूटीन में इस आसन को शामिल कर सकती हैं।
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