थायरॉयड डिस्ऑर्डर, थायरॉयड ग्लैंड के काम में गड़बड़ी आने से होता है। यह बटरफ्लाई के आकार का ग्लेंड होता है, जो एडम्स एप्पल के ठीक नीचे होता है। यह छोटी लेकिन बहुत ही महत्वपूर्ण ग्लैंड है जो हमारे रोजमर्रा के काम में अहम भूमिका निभाता है और सारी मेटाबॉलिक एक्टिविटी के लिए जिम्मेदार होता है। अमेरिकन थायराइड एसोसिएशन के अनुसार, लगभग 20 मिलियन अमेरिकियों थायरॉयड के कुछ रूपों से पीड़ित हैं, फिर भी 60 प्रतिशत को यह नहीं पता कि उन्हें यह समस्या भी है। यह बताता है कि थायरॉयड वास्तव में महत्वपूर्ण है।
हर साल 25 मई को वर्ल्ड थायराॅयड डे मनाया जाता है, ताकि लोगों के बीच इस बीमारी के प्रति जागरूकताा लाई जा सकें। वर्ल्ड थायरॉयड डे के मौके पर हम आपको 7 ऐसे संकेत बताने जा रहे है जिनके माध्यम से आप आसानी से जान पायेगी कि आपका थायरॉयड ठीक से काम नहीं कर रहा है और यह डॉक्टर के पास जाने का सही समय है। सबसे पहले जान लें कि थायरॉयड के दो प्रकार आपको सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं। जी हां हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायराइडिज्मज दोनों हैं तो थायरॉयड के ही प्रकार, लेकिन दोनों ही बिल्कुल अलग-अलग अवस्थाएं हैं। दोनों के लक्षण अलग हैं। और दोनों में अलग प्रकार से रहन-सहन में बदलाव करना पड़ता है।
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हाइपरथाइराइडिज्म में थायरॉयड हार्मोन के लेवल में वृद्धि होती है जबकि हाइपोथायरायडिज्म में थायरॉयड हार्मोन के लेवल में कमी होती है। हाइपरथाइराइडिज्म थाइरोटॉक्सिकॉसिस और ग्रेव्स रोग हो सकता है। जबकि हाइपोथायरायडिज्म इन बीमारियों का उत्पादन नहीं करता है। हाइपरथाइराइडिज्म में तेजी से मेटाबॉलिज्म होता है, जबकि हाइपोथायरायडिज्म में मेटाबॉलिजम की गति धीमी हो जाती है। हाइपोथायरायडिज्म का पता T3 और T4 के लेवल में कमी और TSH के लेवल में वृद्धि से चलता है, जबकि हाइपरथाइराइडिज्म का पता T3 और T4 के लेवल में वृद्धि और TSH के लेवल में कमी से चलता है।
हाइपोथायरायडिज्म त्वचा की कैलिफ़िकेशन की ओर जाता है, जिससे यह मोटी, बहुत ज्यादा ड्राई और बनावट में स्केली दिखाई देती है।
थायरॉयड ग्लैंड हमारी बॉडी के लिए थर्मोस्टेट की तरह है, यह इस अर्थ में है कि यह बॉडी के तापमान को कंट्रोल करता है। अगर हार्मोन उत्पादन बढ़ जाता है तो यह असामान्य रूप से बॉडी का मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है जिससे आपको बहुत गर्मी और पसीना महसूस होता है। अगर बॉडी में थायरॉयड हार्मोन की कमी होती है तो रोगी को बॉडी का तापमान कम और ठंड महसूस होने लगती है।
बालों की ग्रोथ थायरॉयड ग्लैंड के सही कामकाज पर निर्भर करता है। थायरॉयड ग्लैंड द्वारा उत्पादित हार्मोन के लेवल में परिवर्तन बालों की ग्रोथ में बदलाव का कारण बन सकता है। हार्मोन का अत्यधिक उत्पादन से बाल स्कैल्प से पतले हो जाते हैं। जबकि हार्मोन के कम उत्पादन बालों के झड़ने का कारण बन सकता है।
अगर आपको पीरियड्स में प्रॉब्लम्स का सामना कर रही हैं तो अनुचित थायरॉयड कामकाज अपराधी हो सकता है। पर्याप्त हार्मोन की कमी से पीरियड्स हैवी, लंबे समय तक, बहुत जल्दी होने का कारण बनता है। जबकि हार्मोन के प्रचुर मात्रा में उत्पादन से आपके पीरियड्स हल्के होते है।
थायरॉयड हार्मोन बोवेल मूवमेंट को रेगुलेट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एक अंडरएक्टिव थायरॉयड कब्ज की समस्या का कारण बन सकता है जबकि एक ओवरएक्टिव थायरॉयड बार-बार मोशन का कारण बन सकता है।
अगर आपका थायरॉयड ठीक से काम नहीं कर रहा है, तो आपका दिमाग भी ठीक से काम नहीं करेगा। एक अंडरएक्टिव थायरॉयड छोटी-छोटी चीजों के भूलने का कारण बन सकता है जबकि एक ओवरएक्टिव थायरॉयड में ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो सकता है।
थायरॉयड हार्मोन बॉडी के मेटाबॉलिज्म को विनियमित करने के लिए जिम्मेदार होता हैं। हार्मोन के सामान्य उत्पादन से कम बॉडी के मेटाबॉलिज्म और कैलोरी जलने की क्षमताओं में काफी कमी कर सकता है जिससे आपका वजन कम होता हैं, जबकि इसके स्राव से आपका वजन अचानक से कम होने लगता है।
थायराइड हार्मोन का अधिक उत्पादन और कम उत्पादन दोनों थायरॉयड ग्लैंड के विस्तार का कारण हो सकता है जिससे गर्दन में सूजन दिखाई देने लगती है।
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अगर आपको चिंतित या परेशान महसूस होता है तो हो सकता है कि आपका थायरॉयड ग्लैंड काम कर रहा है। थायरॉयड हार्मोन के अधिक उत्पादन के परिणामस्वरूप मस्तिष्क उत्तेजना होती है जिससे रोगियों को झटकेदार या चिंतित महसूस होता है। हार्मोन के कम उत्पादन का इसके विपरीत प्रभाव पड़ता है, इसमें रोगी को उदास और थका हुआ महसूस होता है।
थायरॉयड हार्मोन के स्राव के दौरान हार्ट रेट धीमी हो जाती है, जबकि हाइपरथायरायडिज्म हार्ट बीट में तेजी का कारण बनता है।
क्या आप इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव करती हैं? अगर हां, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाओ और इसका चेकअप करवाएं। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़े रहें।
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