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मेनोपॉज की शुरुआत में नजर आने वाले इन लक्षणों से ज्यादातर महिलाएं होती हैं अनजान, क्या आप इनके बारे में जानती हैं?

45 से 55 साल की उम्र में, महिलाओं को पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं। इसे मेनोपॉज कहा जाता है। इसकी शुरुआत में यानी पेरिमेनोपॉज में महिलाओं के शरीर में कई लक्षण नजर आते हैं। इनमें से कुछ लक्षणों के बारे में महिलाएं खुद भी नहीं जानती हैं।    
Editorial
Updated:- 2025-12-25, 09:01 IST

मेनोपॉज किसी भी महिला की जिंदगी में ऐसा पड़ाव होता है, जब शरीर में कई बदलाव होते हैं। इस समय पर ओवरीज धीरे-धीरे एग रिलीज करना बंद कर देती है और पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं। मेनोपॉज में महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का लेवल कम होने लगता है और इसका असर महिलाओं के पूरे शरीर पर होता है। कई महिलाओं को लगता है कि मेनोपॉज का संबंध सिर्फ पीरियड्स और फर्टिलिटी से है, लेकिन ऐसा नहीं है। इसकी वजह से बॉडी के कई फंक्शन्स प्रभावित होते हैं। यहां तक कि इसका असर महिलाओं की हार्ट और बोन हेल्थ पर भी होता है। इस समय पर वजाइनल ड्राईनेस, नींद न आना, रात में पसीना आना और मूड स्विंग्स जैसे कई लक्षण नजर आते हैं। ये मेनोपॉज के आम लक्षण हैं, जिनके बारे में ज्यादातर महिलाएं जानती हैं। मेनोपॉज से पहले पेरिमेनोपॉज का फेज आता है, जब एस्ट्रोजन का लेवल धीरे-धीरे कम होने लगता है। पेरिमेनोपॉज के कई ऐसे लक्षण भी होते हैं, जिनसे आमतौर पर महिलाएं अनजान होती हैं। चलिए, इन लक्षणों के बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी डाइटिशियन मनप्रीत दे रही हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं और रीबूट गट हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली की फाउंडर और डायरेक्‍टर हैं।

पेरिमेनोपॉज के इन लक्षणों के बारे में ज्यादातर महिलाओं को नहीं होती है जानकारी

  • पेरिमेनोपॉज में कई महिलाओं के कानों में खुजली होती है। हार्मोन्स के उतार-चढ़ाव का असर आपकी स्किन पर होता है। एस्ट्रोजन के लेवल में होने वाले ड्रॉप के कारण कानों में खुजली हो सकती है।
  • एस्ट्रोजन के लेवल में होने वाली कमी का असर, नर्व्स और सर्कुलेशन पर भी होता है। इसकी वजह से आपको कानों में घंटी बजने या किसी और तरह की तेज आवाज सुनाई दे सकती है।

 

 

 

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  • हार्मोनल इंबैलेंस के कारण, एंग्जायटी और पैनिक अटैक आ सकते हैं। अगर आपको पहले कभी एंग्जायटी या पैनिक अटैक जैसी दिक्कतें नहीं हुई हैं, तो भी इस समय पर आपके साथ ऐसा हो सकता है।
  • एस्ट्रोजन में कमी के कारण कान के अंदर के फंक्शन पर असर होता है। इसकी वजह से कुछ महिलाओं को चक्कर आने लगते हैं।
  • कई महिलाओं को पेरिमेनोपॉज में ऐसा महसूस होता है जैसे उनका दिल बहुत तेजी से धड़क रहा है। एस्ट्रोजन में उतार-चढ़ाव का हमारी हार्ट रिदम पर होता है।
  • इस समय पर हार्मोनल इंबैलेंस की वजह से मूड स्विंग्स होने लगते हैं। कई बार छोटी सी बात पर भी तेज गुस्सा और चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है।

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  • एस्ट्रोजन की कमी के कारण इंफ्लेमेशन, जोड़ों में दर्द और अकड़न हो सकती है।
  • एक्सपर्ट का कहना है कि पेरिमेनोपॉज में महिलाओें को अपना खास ख्याल रखना चाहिए। इस समय डाइट और लाइफस्टाइल पर ध्यान देना बहुत जरूरी हो जाता है।

 

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पेरिमेनोपॉज के समय में महिलाओं के लिए अपना खास ख्याल रखना जरूरी है। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।

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