एनोरेक्सिया एक आम ईटिंग डिसऑर्डर बीमारी है जिसमें वजन बढ़ने के डर से लोग भोजन करना कम कर देते है। जी हां एनोरेक्सिया एक ऐसा मानसिक रोग है, जिसमें लोग अपने वजन को लेकर जरूरत से ज्यादा परेशान हो जाता है। ऐसे लोग वजन कम करने के लिए बहुत ज्यादा डाइटिंग और एक्सरसाइज का सहारा लेते हैं। उन्हें हर समय यहीं डर लगा रहता है कि भरपेट भोजन करने से वे मोटे हो जाएंगे। लिहाजा उनका खाना अनियमित हो जाता है। और अनियमित खानपान और कम डाइट से उनकी हेल्थ पर बुरा असर पड़ता हैं और शरीर अंदर-अंदर ही कमजोर होने लगता है।
बर्लिन स्थित जर्मन सोसायटी फार चाइल्ड एंड एडोल्सेंट साइकै ट्री के अध्यक्ष जोहांस हेबेब्रांड का कहना हैं कि जिन किशोरों को एनोरेक्सिया की बीमारी होती है वो कुछ हफ्तों के अंदर ही अपना वजन 25 प्रतिशत तक कम कर लेते हैं। अगर आपका वजन अचानक बहुत ज्यादा कम हो गया है और दांत पीले नजर आने लगे हैं, तो सावधान हो जाएं। ये लक्षण एनोरेक्सिया बीमारी के हैं। अगर आप या आपका कोई जानने वाला इस ईटिंग डिसऑर्डर के कारण परेशान हैं तो हम आपको बता रहे हैं कुछ शारीरिक, व्यावहारिक और भावनात्मक लक्षण जो कि आपके लिए मददगार साबित होंगे। आइए एनोरेक्सिया के लक्षणों के बारे में जानते हैं।
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खाने से दूर भागना
जिन लोगों को एनोरेक्सिया डिसऑर्डर होता है, वे खाने से हमेशा दूर भगाते हैं। चाहे फिर उन्हें भूख लग रही हो या उनके शरीर को भोजन की आवश्यकता हो तब भी वे खाने के लिए मना करते हैं और खाने से हमेशा दूर भागते है। इस डर से कहीं खाना खाने से उनका वजन न बढ़ जाये।
खाने के तुरंत बाद वॉशरूम जाना
इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को वजन बढ़ने से इतना डर लगता है कि वह पहले तो खाने से कतराने लगते हैं और अगर खाना खा भी लेता है तो खाने के तुरंत बाद वॉशरूम में जाकर उल्टी कर देता है।
खाने की आदतों में बदलाव
इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति के खान-पान की आदतों में अचानक से बदलाव आने लगता हैं। इसमें छिपकर खाना-खाना, कुछ विशेष प्रकार के फूड्स पर ही जोर देना, खाने को जल्दी से छोटे छोटे टुकड़ों में तोडना आदि आदतें शामिल होने लगती हैं। इसलिए यदि कोई व्यक्ति अपनी खाने की आदतों में अचानक बदलाव करता है तो यह एनोरेक्सिया का लक्षण हो सकता है।
बार-बार वेट चेक करना
अगर कोई व्यक्ति अपने वजन को लेकर इतना चिंतित होता है कि लगातार और रेगुलर अपना वेट चेक करता रहता है तो यह एनोरेक्सिया का लक्षण हो सकता है। इस समस्या के होने पर व्यक्ति को अपने वजन चेक करने को लेकर बेचैन रहता है।
पीरियड्स में बदलाव
अगर कोई महिला एनोरेक्सिया से ग्रस्त होती है तो उसके पीरियड्स में बदलाव देखने को मिलता है। ऐसे में महिलाओं में पीरियड्स समय पर नहीं होते। अगर युवा महिलाओं या अविवाहित लड़कियों में लगातार यह समस्या बनी रहती है तो यह एनोरेक्सिया का लक्षण माना जाता है।
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वजन को लेकर परेशान रहना
एनोरेक्सिया से पीड़ित महिलाएं अपने वजन को लेकर परेशान रहती हैं। चाहे वह बहुत पतली ही क्यों न हो वह खुद को हमेशा मोटा और ओवरवेट समझती हैं और अपनी बॉडी और वजन को लेकर हमेशा अंसतुष्ट ही रहती हैं। यहां तक कि अपने वजन को छिपाने की हर कोशिश करती हैं।
बहुत ज्यादा वजन कम होना
वजन कम होना एनोरेक्सिया का मुख्य लक्षण है जिसे नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। एनोरेक्सिया में व्यक्ति खुद को पोषक तत्वों से दूर रखता है। इसके चलते उनका वजन कम होना लाजमी है।
इसके अलावा एनोरेक्सिया के लक्षणों में पोषक तत्वों की कमी के कारण बालों का झड़ना और नाखूनों का पीला होना भी शामिल हैं।
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