बाबा का ज्ञान- Thyroid से हैं परेशान तो आजमाएं ये प्राणायाम

अगर आप thyroid को कंट्रोल करने के उपायों की खोज कर रही हैं तो बाबा रामदेव के योग के कई आसन हैं जो thyroid पर कंट्रोल पाने के लिए सहायक सिद्ध हो सकते हैं, आइए जानें कौन से है ये योगासन। 

  • Pooja Sinha
  • Her Zindagi Editorial
  • Updated - 2018-02-22, 16:53 IST
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योग का इस्‍तेमाल हमारे देश में सर्दियों से किया जा रहा है। योग के कई रूप है और उनमें से प्रत्‍येक के कई लाभ हैं। अलग-अलग लोगों की अलग-अलग जरूरतों, परेशानियों और दर्द के हिसाब से योग मौजूद है। इसके अलावा योग के कई रूप ऐसे भी जो कुछ बीमारियों के इलाज में हेल्‍प करते हैं। योग डायबिटीज, thyroid problems, back issues और कई अन्‍य समस्‍याओं को दूर करने में हेल्‍प करता है। इस आर्टिकल के माध्‍यम से हम आपको thyroid समस्‍याओं के लिए योग के फायदों के बारे बता रहे हैं।

योग, आयुर्वेद, राजनीति और कृषि के क्षेत्र में योगदान के लिए जाने वाले एक आध्यात्मिक नेता बाबा रामदेव ने thyroid की समस्याओं के लिए योग सत्र विकसित किए हैं। उनकी तकनीकें बहुत प्रभावी हैं और उनका योग सत्र देखने लायक है। उन्होंने विभिन्न प्रकार की बीमारियों, समस्याओं, परिस्थितियों आदि के लिए योग आसन का सुझाव दिया है।

बाबा रामदेव के योग सत्र का सबसे अच्छा हिस्सा यह है कि वह हमेशा 'ओम' जप से अपना सत्र शुरू करते हैं। इसमें होने वाला कंपन है, विभिन्न बीमारियों के लिए सबसे अच्छा इलाज है। आज हम आपको thyroid और गले की बीमारियों के उपचार के लिए रामदेव के कुछ योग के बारे में बता रहे हैं।

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Thyroid की समस्या थायरॉक्सिन हार्मोन के असंतुलन के कारण होती है। इस हार्मोन के कारण पूरी बॉडी की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है, जिसमें एनर्जी की कमी, चिड़चिड़ापन, वजन असंतुलन शामिल है। लेकिन इस समस्या से निजात पाने का सबसे आसान तरीका है- योग। योग में कई आसन हैं जो thyroid पर कंट्रोल पाने के लिए सहायक सिद्ध हो सकते हैं।

कपालभाती प्राणायाम
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योग की हर क्रिया कारगर होती है, लेकिन बात जब कपालभाती प्राणायाम की होती है तो इसे जीवन की संजीवनी कहा जाता है। कपालभाती प्राणायाम को सबसे कारगर माना जाता है। योग के आसनों में यह सबसे कारगर प्राणायाम माना जाता है। यह तेजी से की जाने वाली एक रोचक प्रक्रिया है।

कैसे करें

  • कपालभाती प्राणायाम करने के लिए सिद्धासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठकर सांसों को बाहर छोड़ने की क्रिया करें।
  • सांसों को बाहर छोड़ने या फेंकते समय पेट को अंदर की तरफ धक्का देना है।
  • ध्यान रखें कि सांस लेना नहीं है क्योंकि इस क्रिया में सांस अपने आप ही अंदर चली जाती है।
  • कपालभाती प्राणायाम करते समय मूल आधार चक्र पर ध्यान केंद्रित करना होता है।
  • इससे मूल आधार चक्र जाग्रत होकर कुं‍डलिनी शक्ति जागृत होने में मदद मिलती है।
  • कपालभाती प्राणायाम करते समय ऐसा सोचना है कि हमारी बॉडी के सारे नेगेटिव तत्व बॉडी से बाहर जा रहे हैं।

उज्जायी प्राणायाम
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'उज्जायी' शब्द का अर्थ होता है- विजयी या जीतने वाला। इस प्राणायाम के अभ्यास से वायु को जीता जाता है। योग में उज्जायी क्रिया और प्राणायाम के माध्यम से बहुत से गंभीर रोगों से बचा जा सकता है। इसका अभ्यास तीन प्रकार से किया जा सकता है- खड़े होकर, लेटकर तथा बैठकर। इस आसन से थायराइड, खर्राटे, अस्‍थमा, और हृदय रोगों में लाभ मिलता है।

कैसे करें

  • आराम से पद्मासन या सुखासन में बैठें।
  • धीमे-धीमे से सांस लें।
  • अपनी जीभ को उल्‍टा कर तालू के साथ लगा लें।
  • धीरे-धीरे सांस लेते रहें। ऐसा लगे कि जैसे आप सिर्फ गले से सांस ले रहे हों।
  • ऐसा 10-20 मिनट तक करें।
  • अगर आपको ज़्यादा देर बैठने में परेशानी हो तो उज्जायी प्राणायाम लेटकर या खड़े हो कर भी कर सकती हैं।

सर्वागासन
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इस आसन में हमारी बॉडी के सभी अंगों का एक्‍सरसाइज होती है, इसलिए इसे सर्वागासन कहा जाता है। थायराइड में सर्वांगासन को बहुत महत्तवपूर्ण बताया गया है, क्योंकि इस आसन की विभिन्न मुद्राओं के दौरान पड़ने वाले दबाव थायराइड ग्रंथियों को बाधित किये बिना काम करने में मदद करता है तथा दिमाग में पाये जाने वाली ग्रंथियों को भी सही तरीके से कार्य करने में सहायता करता है।

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कैसे करें

  • जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं। दोनों पैरों की आपस में मिलाकर कमर तक के भाग को जमीन से ऊपर उठाते हुए लाएं।
  • उसके बाद दोनों हाथों के सहारे से कमर को पकड लें। पंजे खींचे हुए, थाई और टांगों को बिलकुल सीधा रखें।
  • ठोढ़ी गले से लगी रहे। टांगें 90 डिग्री के कोण पर होनी चाहिए। सांसों की गति सामान्य रहेगी।
  • जितनी देर आप सरलता पूर्वक इस आसन में रह सकती हैं, रहें।
  • फिर धीरे-धीरे हाथों के सहारे से सामान्य अवस्था में वापस आएं।

हलासन
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इस आसन को हलासन कहा जाता है क्योंकि इसकी बॉडी भारतीय हल के समान दिखता है। चूंकि इस की आकृति हल के सामान लगती है इसलिए इसको Plow Pose Yoga भी कहते हैं। अगर इस योगाभ्यास को सही तरीके से किया जाए तो हेल्‍थ के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। यह आसन मोटापा को कम करते हुए डायबिटीज, थायरॉइड आदि के लिए बहुत लाभकारी है।

कैसे करें

  • सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल लेट जाये याद रखे की पैर दोनों एक दूसरे से मिले हुए जरुर हों।
  • दोनों हाथों की हथेलियां जमीन पर और कमर के पास लगी हुई हों।
  • अब आसमान की तरफ मुंह उठाकर अपनी आंखें बंद करें।
  • फिर धीरे-धीरे दोनों पैरों को ऊपर की ओर उठाएं। ऐसा करते समय पेट को सिकोड़ें और सांस को अंदर लें।
  • दोनों पैरों को सिर के पीछे लगाने कि कोशिश करें।
  • अब पीठ और कमर को पैरों के साथ पीछे की तरफ मोड़ने के लिए हाथों का सहारा लें।
  • अंत में धीरे-धीरे पैरों को मोंड़ें (अपनी क्षमता के अनुसार) ज्यादा जोर ना लगाये अब थोड़ा रूकने का प्रयास करें।
  • घुटनें मुड़ें नहीं इस बात का ध्यान रखें। अब वापस पहली अवस्था में आएं।

बाबा ने एक्यूप्रेशर points के बारे में भी उल्लेख किया है जो कि थायरॉयड समस्याओं का इलाज करने में मदद कर सकते हैं। लेकिन घर पर किसी एक्यूप्रेशर points को करने से पहले, आपको अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए और एक्यूप्रेशर की बेहतर समझ के लिए परामर्श लेना चाहिए।

Thyroid के लिए रामदेव बाबा के योग के सुझाव बहुत उपयोगी और मूल्यवान हैं। उन्होंने ज्यादातर लोगों को विभिन्न बीमारियों और समस्याओं से छुटकारा दिलाया हैं। घर पर इन टिप्‍स और आसन को आसानी से कर सकती हैं।

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