नॉर्मली प्रेग्नेंसी में महिलाओं को दिक्कत तो होती ही है। लेकिन कुछ ऐसे लक्षण भी होते हैं जिन्हें प्रेग्नेंसी के दौरान बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। आज हम इन्हीं बातों पर चर्चा करेंगे कि वे कौन सी लक्षण हैं जो आपकी प्रेग्नेंसी को खतरे में डाल सकती हैं। इन लक्षणों से प्रेग्नेंट महिलाओं की बॉडी में गंभीर कॉम्प्लीकेशन्स पैदा हो जाते हैं जिसमें महिला या शिशु की जान और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
अगर आपको गर्भावस्था के पहले तीन महीने में काफी रक्त स्राव और बेहोशी की समस्या होती है तो एक बार डॉक्टर से जरूर मिलें। यह गर्भवती की जान को खतरा पहुंचा सकता है। न्यूयॉर्क के प्रसिद्ध डॉक्टर पीटर बर्नस्टाइन का कहना है की हैवी ब्लीडिंग, पेट दर्द और बेहोशी एक्टोपिक प्रेगनेंसी के लक्षण हैं। एक्टोपिक प्रेगनेंसी में स्त्री का अंडा गर्भाशय में पनपने के बजाय कहीं और बढ़ने लगता है। तुरंत डॉक्टर से मिलें।
प्रेग्नेंसी में उल्टियां होना सामान्य बात है। लेकिन बहुत अधिक उल्टियां होती हैं और चक्कर आते हैं, जिसकी वजह से आप कुछ का नहीं पाती हैं तो इसे चेतावनी समझिए। क्योंकि बिना खाने-पीने के आपका शरीर कमजोर हो जाएगा जो अंतत: आपके बच्चे को कमजोर और विकलांग बना देगा।
अगर आपके गर्भ में किसी तरह की हलचल नहीं हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। क्योंकि तीन महीने के बाद गर्भ में भ्रूण का विकास होने लगता है और मां अपने पेट में भ्रूण की लात को महसूस कर पाती हैं। परिपक्व हो रहा सक्रीय शिशु अगर अचानक ही कुछ घंटों और दिनों तक कोई हलचल ना करें तो यह गंभीर बीमारी का संकेत है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से मिलें। अगर 2 घंटे में शिशु 10 से भी कम बार लात मारे, तो शिशु विशेषज्ञ से मिलना अनिवार्य होगा।
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वैसे तो हर महिला को डिलीवरी के डेट के आसपास ही प्रसव पीड़ा होती है। लेकिन कुछ लोगों को तीसरे महीने में भी प्रसव पीड़ा होती है। इसे प्रीटर्म लेबर कहते हैं। कई बार महिलाएं प्राकृतिक प्रसव पीड़ा और प्रीटर्म लेबर दर्द में भेद नहीं कर पातीं।
अगर आपको अपनी डिलीवरी डेट से पहले दर्द दे रहा है तो एक बार डॉक्टर से मिलें। वह आपको प्रीटर्म लेबर पेन से बचने का तरीका बताएंगे।
प्रेग्नेंसी में प्रेग्नेंट महिलाओं को बहुत अधिक गर्मी लगती है। जिसीक वजह से प्रेग्नेंट महिलाओं के बदन से पानी छूटने लगता है जिसे कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। गर्भ में भ्रूण तरल पदार्थ से घिरा होता है जिसे एमनीओटिक सैक(amniotic sac) कहते हैं। प्रसूति के समय यह टूट जाता है जिसे पानी छूटना कहते हैं। इससे शिशु को बाहर आने में मदद मिलती है। लेकिन अगर डॉक्टर की बताई डिलीवरी डेट से पहले आपके शरीर से पानी छूट जाए तो यह प्रीमैच्योर शिशु होने का खतरा बढ़ा देता है। तुरंत डॉक्टर से मिलेँ।
अगर प्रेगनेंट महिला को बार-बार सर्दी-जुकाम हो रहा है तो ये उनकी इम्युनिटी के खराब होने के लक्षण हैं। इसलिए उन्हें सही समय पर टीके लगवा लेने चाहिए ताकि संक्रमण अधिक ना फैले।
तो अगर आप कंसीव होने की कोशिश कर रही हैं तो इन सब बातों का ख्याल रखें और हैप्पी प्रेग्नेंसी।
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