दिल्ली एनसीआर सहित कई शहरों में प्रदूषण ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। कई शहर इसकी चपेट में हैं और सांस और फेफड़ों से जुड़े रोग वाले मरीज काफी परेशानी में हैं। इस एक समस्या के साथ-साथ कोविड-19 पैंडेमिक ने तो वैसे भी परेशान करके रखा है। पिछले कुछ दिनों से दिल्ली एनसीआर में दोबारा से कोविड-19 के मरीज़ों की संख्या बढ़ रही है और ये चिंताजनक स्थिति है।
इसका एक कारण प्रदूषण माना जा रहा है। इसके पहले भी एक रिपोर्ट कह रही थी कि नवंबर-दिसंबर में दिल्ली में कोविड-19 के मरीज़ों की संख्या तेज़ी से बढ़ेगी और इसका एक कारण प्रदूषण भी होगा। तो क्या वाकई प्रदूषण को ही कोविड-19 के केसों में वृद्धी के लिए जिम्मेदार माना जाए? इस बात को साफ करने के लिए कुछ रिपोर्ट्स सामने आई हैं।
मेडिकल जर्नल Lancet की एक रिपोर्ट कहती है कि एयर पॉल्यूशन लेवल में बढ़त के कारण कोविड-19 के केस 13% तक बढ़ सकते हैं। इसी के साथ, इंडियन मेडिकल अथॉरटी (IMA) की रिपोर्ट कहती है कि दिल्ली में हर 8 कोविड केस में से 1 प्रदूषण की वजह से हो रहा है।
इसे जरूर पढ़ें- वायु प्रदूषण फेफड़ों के साथ-साथ आंखों को भी करता है खराब
प्रदूषण के कारण हवा और भी ज्यादा जहरीली और डेंस (घनी) हो जाती है। ऐसे समय में एयर बॉर्न डिजीज के वायरस लंबे समय तक हवा में रह सकते हैं। अगर प्रदूषण के साथ-साथ आपको कोविड-19 हो गया तो ये आपके शरीर को ज्यादा नुकसान पहुंचाएगा। इससे शरीर में ज्यादा समस्याएं बढ़ेंगी।
प्रदूषण वैसे भी हमारे शरीर के लिए अच्छा नहीं है। अगर आपको पहले से ही कोई बीमारी है तो प्रदूषण से सेल्स को भी खतरा पहुंच सकता है। सेल्युलर डैमेज का खतरा बढ़ता है और ऐसे में हमारे शरीर के अंगों को भी नुकसान होता है। अगर कोविड-19 के साथ-साथ प्रदूषण की चपेट में भी आप हैं तो शरीर को इस इन्फेक्शन से लड़ने के लिए व्हाइट ब्लड सेल्स बनाने में काफी समय लग जाएगा।
प्रदूषण के बढ़ने से शरीर में क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन भी बढ़ जाता है जो अपने आप में एक स्वास्थ्य समस्या है। इसके कारण दिल की बीमारी और मोटापे का खतरा भी बढ़ जाता है। क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन से शरीर की धमनियों और कोशिकाओं में ब्लॉकेज आ जाता है जिससे शरीर में कई बीमारियां होने की गुंजाइश बढ़ जाती है। ऐसे में अगर किसी को कोविड-19 हो गया तो उसे सांस लेने में दिक्कत के साथ-साथ दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाएगा।
इसे जरूर पढ़ें- एयर पॉल्यूशन से आपको सुरक्षित रखते हैं ये 7 घरेलू टिप्स, एक्सपर्ट से जानें कैसे
प्रदूषण के बढ़ने से वैसे भी सांस संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ता है। कोविड-19 का वायरस भी सांस लेने में तकलीफ पैदा करता है और सीधे फेफड़ों पर असर करता है। प्रदूषण का स्तर बढ़ने से PM2.5 पॉल्यूटेंट शरीर के अंदर जगह बनाता है और फेफड़ों और छाती में ब्लॉकेज पैदा करता है। ऐसे में कोविड-19 जैसी बीमारी अगर होती है तो ये और भी ज्यादा खतरनाक और जानलेवा साबित हो सकती है।
ये बहुत जरूरी है कि आप खुद को कोविड-19 और प्रदूषण दोनों से ही बचा कर रखें। जितना हो सके घर के अंदर रहें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। बिना मास्क पहने कहीं न जाएं और हो सके तो घर में एयर प्यूरिफायर या पॉल्यूशन कंट्रोल करने वाले पौधे लगाएं। अपने और अपने घर वालों के स्वास्थ्य का ख्याल रखें। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।