विटामिन डी का सबसे अच्छा और एकदम मुफ्त स्रोत यानि सूरज की खुली धूप होने के बावजूद लोगों में विटामिन डी की कमी पाई जा रही हैं। विटामिन डी की समस्या मुख्य रूप से महिलाओं में बहुत अधिक देखने को मिलती है। जी हां महिलाएं सुबह जल्दी ऑफिस चली जाती है और दिनभर ऑफिस के बंद माहौल में रहती है और फिर शाम ढलने के बाद वापिस आती हैं। हमारी लाइफस्टाइल ऐसी हो गई हैं कि हमें धूप में निकलने की जरूरत ही नहीं पड़ती। लेकिन इन सब आदतों के चलते हमें कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स से गुजरना पड़ता है।
हमारी बॉडी में हर विटामिन का अपना अलग-अलग महत्व है, फिर चाहे वो विटामिन डी ही क्यों न हो। क्योंकि, इसकी कमी से कई बीमारियां बॉडी में दस्तक दे सकती है। विटामिन डी की कमी से संबंधित कई बीमारियों के बारे में आपने सुना होगा और विटामिन डी के लिए धूप लेने जैसे जरूरी उपाय भी बताए जाते हैं। जी हां विटामिन डी हड्डियों की सेहत के लिए बेहद जरूरी है। यह बॉडी को कैल्शियम अवशोषित करने में हेल्प करता है। इसलिए यह आपके लिए बेहद जरूरी हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं कि विटामिन डी लेने से अस्थमा जैसी बीमारी को भी काबू किया जा सकता है।
फेफड़ों की एक गंभीर बीमारी है अस्थमा, जिसमें सांस लेने की नली को संकरा हो जाती है और आपको सांस लेने में तकलीफ, सीने में जकड़न और खांसी आती है। आज भारत समेत दुनिया के कई देशों में बेहद ही आम समस्या बन चुकी है। यहां तक कि सही समय पर दवा ना लेने के चलते हॉस्पिटल में भर्ती कराने की तक की नौबत आ जाती है। इससे निपटने के लिए ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने एक आसान तरीका ढूंढ़ने का दावा किया है। विशेषज्ञों ने बताया कि दवा के साथ विटामिन डी का सप्लीमेंट लेने से अस्थमा अटैक के खतरे को लगभग 50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। आप चाहें तो सप्लीमेंट की जगह रोजाना थोड़ी देर सुबह की धूप में बैठें।
वायु प्रदूषण और एलर्जी के चलते अस्थमा की शिकायत लगातार बढ़ती जा रही है। ताजा रिसर्च की मदद से भविष्य में इससे निपटना आसान हो सकता है। विटामिन डी इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, जिससे श्वसन तंत्र को संक्रमित करने वाले वायरस ज्यादा प्रभावी नहीं हो पाते। साथ ही सांस के जरिये बॉडी में पहुंचने वाले हानिकारक पदार्थों का दुष्प्रभाव भी कम हो जाता है।
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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानि आईएमए के अध्यक्ष डॉक्टर के.के. अग्रवाल के अनुसार, सांस की नली के माध्यम से फेफड़ों में हवा जाती है और अस्थमा के मरीजों में इसी श्वसन नली में सूजन आ जाती है। विटामिन डी सप्लीमेंट लेने से इम्यूनिटी में सुधार होता है, जिससे श्वसन नली की सूजन कम हो जाती है और अस्थमा के मरीजों को 50 प्रतिशत तक राहत महसूस होती है।
सूर्य की रोशनी के अलावा सॉल्मन और टुना फिश खाने से विटामिन डी की कमी पूरी हो जाती है। अगर आपको मछली खाना पसंद नहीं है तो आप अंडे को भी डाइट में शामिल कर सकती हैं। साथ ही डेयरी प्रोडक्ट्स से भी विटामिन डी की कमी पूरी हो जाती है। इसके अलावा कॉड लिवर ऑयल, टमाटर, हरी सब्जियां, शलजम, नींबू, मालटा, मूली, पत्ता गोभी, पनीर और गाजर में भी विटामिन डी भरपूर मात्रा में होता है।
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