
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ज्यादातर लोग अल्ट्रा प्रॉसेस्ड फूड को तवज्जो दे रहे हैं। ये कम समय में बनकर तैयार हो जाते हैं और इनका स्वाद भी जबरदस्त होता है। हालांकि, ये आपकी सेहत को बुरी तरह से प्रभावित करता है। लगातार इसके सेवन से आपके शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।
इनकी कमी के लक्षण आपके शरीर पर पहले से नजर आने लगते हैं। कुछ लोगों में हमेशा थकान बनी रहती है, तो कुछ को रातों में नींद नहीं आती है। या फिर छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आ जाता है। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है, तो इसे सिर्फ तनाव या थकान समझकर नजरअंदाज न करें। कई बार ये संकेत हमारे शरीर में जरूरी विटामिन और मिनरल की कमी की वजह से होते हैं।
हाल ही में इंस्टाग्राम पर हार्वर्ड ट्रेंड गैस्ट्रोएंटीरियोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने एक वीडियो शेयर कर इसकी जानकारी दी है। उनका कहना है जब शरीर को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिलते, तो वो अलग-अलग तरीकों से संकेत देता है। जैसे नींद की कमी, मन उदास रहना या फोकस न कर पाना। आइए जानते हैं-
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मैग्नीशियम शरीर को शांत और रिलैक्स महसूस कराने में मदद करता है। इसकी कमी होने पर रात में नींद ठीक से नहीं आती है। बिना वजह बेचैनी या घबराहट महसूस होती है। शरीर और दिमाग दोनों थके हुए लगते हैं। डॉक्टर ने कहा कि मैग्नीशियम की कमी से तंत्रिका तंत्र यानी Nervous system असंतुलित हो जाता है। अगर आप रात में ठीक से सो नहीं पा रही हैं, तो अपने डाइट में बादाम, केला और पालक जैसी चीजें शामिल करें।
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अक्सर हम सुनते हैं कि विटामिन डी हड्डियों को मजबूत बनाता है। ये सही भी है, लेकिन इसका पहला संकेत हड्डियों से नहीं, बल्कि आपके मूड से जुड़ा होता है। अगर आप बिना किसी कारण उदास रहती हैं, मोटिवेशन कम महसूस करती हैं या हमेशा थकान महसूस करती हैं, तो ये विटामिन डी की कमी का संकेत हो सकता है। धूप इस विटामिन का सबसे अच्छा स्रोत है, इसलिए रोजाना कुछ समय धूप में जरूर बिताएं।
ओमेगा-3 फैटी एसिड दिमाग के लिए बहुत जरूरी होता है। अगर इसकी कमी हो जाए तो फोकस करने में दिक्कतें महसूस होती हैं। छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा या चिड़चिड़ापन महसूस होता है। मछली, अलसी के बीज (flax seeds) और अखरोट ओमेगा-3 के अच्छे स्रोत हैं। आप इन्हें डाइट में शामिल कर सकती हैं।
बी12 की कमी का असर सबसे पहले नर्वस सिस्टम पर पड़ता है। इसके शुरुआती लक्षण कुछ इस तरह से नजर आते हैं। जैसे - हाथों-पैरों में झुनझुनी महसूस होना, बहुत जल्दी थक जाना, चीजें भूलने लगना। इसकी कमी को पूरा करने के लिए दूध, अंडा, दही और साबुत अनाज (whole grains) को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।
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पोटैशियम की कमी का असर सीधे दिल की धड़कन पर पड़ता है। अगर दिल की धड़कन तेज या अनियमित लगे, या बहुत पसीना आने के बाद बेचैनी महसूस हो, तो ये पोटैशियम की कमी का संकेत हो सकता है। केला, नारियल पानी और संतरा पोटैशियम से भरपूर होते हैं। इन्हें डाइट का हिस्सा जरूर बनाएं।
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अगर आप थकी हुई, उदास या मन से कमजोर महसूस कर रही हैं, तो ये सिर्फ मानसिक तनाव नहीं, बल्कि आपके शरीर में विटामिन और मिनरल की कमी का नतीजा भी हो सकता है। अपनी डाइट में पौष्टिक खाना, धूप और पर्याप्त नींद शामिल करें। अगर लक्षण लगातार बने रहें, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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Image Credit- Freepik
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