"मिठाई मत खाओ, तुम्हारे सारे दांत सड़ जाएंगे" एक वाक्यांश है जिसे आपने बचपन में सुना होगा। यदि आप पेरेंट्स हैं, तो आपने यह कहा भी होगा। वास्तव में, बहुत अधिक चीनी खाने से दांतों को काफी नुकसान होता है, इसलिए इस तरह की सलाह दी जाती है।
लेकिन, इन तमाम चेतावनियों के साथ क्या आपने कभी सुना है कि चीनी इतनी हानिकारक क्यों हो सकती है? चीनी हमारे द्वारा खाए जाने वाले बहुत सारे फूड्स और ड्रिंक्स का हिस्सा है। इसलिए आपको जितना हो सके इससे बचना चाहिए।
अगर आपके मन में भी यह सवाल है कि चीनी दांतों को कैसे नुकसान पहुंचाती है, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। हम आपके लिए दांतों पर चीनी के प्रभाव के बारे में 5 जरूरी सवाल लेकर आए हैं। लेकिन, सबसे पहले जान लेते हैं कि कैविटी कैसे बनती है? इनके बारे में हमें द पेन फ्री डेंटिस्ट प्रोस्थोडॉन्टिस्ट, इम्प्लांटोलॉजिस्ट और स्माइल डिज़ाइन स्पेशलिस्ट डॉक्टर दीक्षा ताहिलरमानी बत्रा बता रहे हैं।
क्या आप जानते हैं कि आपका मुंह बैक्टीरिया से भरा होता है? यह बिल्कुल सच है। कुछ आपके मुंह के लिए अच्छे होते हैं। अन्य, थोड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं। हानिकारक बैक्टीरिया चीनी और कार्बोहाइड्रेट पर बढ़ते हैं, जिन्हें स्टार्च के रूप में भी जाना जाता है। साथ ही, ये एसिड बनाते हैं, जो बैक्टीरियल इंफेक्शन में बदल सकता है।
बैक्टीरियल इंफेक्शन दो तरह से काम करता है। सबसे पहले, ये इनेमल (आपके दांत की चमकदार बाहरी परत) को नुकसान पहुंचाते हैं। दूसरा, अगर इलाज नहीं किया जाए, तो ये बैक्टीरियल इंफेक्शन कैविटी में बदल जाते हैं। ये आपके दांतों की गहरी परतों में चले जाते हैं और होल बनाते हैं, जिससे दर्द होता है और दांतों को नुकसान हो सकता है।
चीनी निश्चित रूप से दांतों के खराब होने की सबसे आम वजह है। यह मुंह में बैक्टीरिया और सलाइवा के संपर्क में आती है और प्लाक का कारण बनती है। प्लाक पर चीनी की क्रिया एसिड का उत्पादन करना और दांतों के इनेमल युक्त कैल्शियम को गलाना होता है।
बिना चीनी वाले फूड खाने से बनने वाले प्लाक का भी यही प्रभाव होता है, खासकर अगर तुरंत साफ नहीं किया जाता है।
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चीनी न केवल दांतों को प्रभावित करती है, बल्कि इसकी एसिडिक प्रकृति और प्लाक युक्त बैक्टीरिया के इकट्ठा होने के कारण मसूड़ों की बीमारी हो सकती है। चीनी के ज्यादा और रेगुलर सेवन से, मसूड़ों की बीमारी ब्लीडिंग, फूले और सूजे हुए मसूड़ों और यहां तक कि शुरुआत में सांसों की बदबू के रूप में दिखाई देती है। ज्यादा और रेगुलर प्रोसेस्ड चीनी शरीर में लगभग हर प्रणाली को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है।
नेचुरल चीनी भी वही प्रभाव पैदा कर सकती है, जैसा कि ऊपर चर्चा की गई है। लेकिन, फाइबर से भरपूर फल भले ही मीठे हों, उनमें खुद की क्लीनिंग करनी की क्षमता होती है, जो दांतों को नुकसान को सीमित करते हैं।
प्रिजर्वेटिव से भरपूर प्रोसेस्ड फूड्स स्वाद में मीठे नहीं होते हैं, लेकिन इसमें चीनी होती हैै। ये प्लाक का निर्माण कर सकते हैं। एरेटेड ड्रिंक्स में भी प्रचुर मात्रा में चीनी होती है, जो दांतों को नुकसानपहुंचा सकती है।
चीनी से होने वाली डैमेज शुरू में सीमित होते है और नेचुरल सलाइवा में इसके एसिडिक प्रभावों को बेअसर करने के लिए मिनरल्स होते हैं। इसलिए थोड़ी मात्रा में चीनी का सेवन करने के बाद कुल्ला या ब्रश करने से दांतों या शरीर के बाकी हिस्सों को कोई नुकसान नहीं होता है। लेकिन, खराब हाइजीन उपायों से काफी नुकसान हो सकता है।
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