सेल्फ प्लेजरएक सामान्य और स्वाभाविक प्रक्रिया है, लेकिन इसको लेकर आज भी समाज में बहुत सारे भ्रम और डर फैले हुए हैं। उनमें से एक आम मिथक यह है किसेल्फ प्लेजरकरने से आंखों की रोशनी कमजोर हो जाती है। इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने हेल्थ एक्सपर्ट से बात की। Dr. Chetna Jain Director Dept of Obstetrics & gynecology Cloudnine Group of hospitals, Sector 14, Gurgaon ने इस बारे में जानकारी साझा की है।
क्यासेल्फ प्लेजरसे आंखों की रोशनी प्रभावित होती है?
एक्सपर्ट का मानना है कि इसको लेकर भ्रम इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि लोग इसपर खुलकर बात नहीं करना चाहते हैं और लोग खुद को दोषी मानने लगते हैं। एक्सपर्ट बताती है कि ऐसा मानना सिर्फ एक मिथक है। इसको लेकर अक्सर डराया जाता है कि उनकी आंखें कमजोर हो जाएंगी, चश्मा लग जाएगा। ये अवैज्ञानिक धारणाएं हैं, जो मानसिक तनाव और अपराधबोध को बढ़ाती हैं।
सेल्फ प्लेजरका आंखों की रोशनी से कोई संबंध नहीं
विज्ञान के अनुसार, महिला हो या पुरुष, हस्तमैथुन करने से आंखों की रोशनी पर कोई असर नहीं पड़ता है। यह एक नेचुरल क्रिया है, जो तनाव कम करने, हार्मोन संतुलन बनाए रखने, और नींद को बेहतर करने में सहायक हो सकती है। एक्सपर्ट बताती हैं कि नियमितसेल्फ प्लेजरसे शरीर या प्रजनन अंगों को कोई नुकसान नहीं होता है। यह सेक्सुअल हेल्थ का हिस्सा है और इससे गर्भाशय, अंडाशय या हार्मोन पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता है। अगर आंखों की रोशनी पर असर पड़ रहा है, तो इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे विटामिन ए की कमी, थकान और नींद की कमी,लैपटॉप या मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है।
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