क्या सी सेक्शन डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग नहीं होती है? एक्सपर्ट से जानें

अगर आपकी भी डिलीवरी सी सेक्शन से होने वाली है और आपको ऐसा लगता है कि सर्जरी से बच्चा पैदा होने पर लोकिया यानी ब्लीडिंग नहीं होती है,तो ऐसा नहीं है। हेल्थ एक्सपर्ट ने इसपर विस्तार से जानकारी दी है।
  • Aiman Khan
  • Editorial
  • Updated - 2025-04-25, 12:44 IST
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मां बनना दुनिया का सबसे खूबसूरत एहसास होता है। मासूम चेहरे को पहली बार देखने से लेकर लेबर से गुजरना, हर कुछ नया होता है। ये पल अनमोल होते हैं। मां बनने के साथ शरीर में कई बदलाव होते हैं। जो महिलाएं पहली बार मां बनने वाली हैं, उनके मन में 100 सवाल होते हैं। खासकर अगर डिलीवरी सी सेक्शन से होने वाली है, तो महिलाओं के मन में एक सवाल जरूर होता है कि क्या नॉर्मल डिलीवरी की तरह सी-सेक्शन में भी ब्लीडिंग होती है या नहीं । यह एक अहम सवाल है, जिसे समझना जरूरी है, ताकि नई माएं सेहत के प्रति जागरूक हो सकें। इसको लेकर हमने हेल्थ एक्सपर्ट से बात की Dr Sadhna Singhla Vishnoi, Associate Director- Department of Gynecology at Cloudnine Group of Hospitals, New Delhi इस बारे में जानकारी दे रही हैं।

क्या सी सेक्शन डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग नहीं होती है?

c section delivery

मिथक

सी सेक्शन डिलीवरी में बच्चे को ऑपरेशन के जरिए निकाला जाता है, इसलिए मां को ब्लीडिंग का अनुभव नहीं होता है।

सच्चाई

यह सच नहीं है। चाहे नॉर्मल डिलीवरी हो या सिजेरियन, डिलीवरी के बाद लोकिया यानी ब्लीडिंग होना सामान्य और जरूरी प्रोसेस है।

ब्लीडिंग क्यों होना जरूरी है?

c section and lochia

गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय के अंदर एक विशेष परत एंडोमेट्रियम बनती है,जो बच्चे को पोषण देती है। डिलीवरी के बाद जब प्लेसेंटा अलग होता है, तो यह परत शरीर से बाहर निकलती है। यह प्रक्रिया ब्लीडिंग या लोकिया के रूप में होती है। इसमें खून के साथ -साथ टिशू और गर्भाशय की परत के अंश भी निकलते हैं। यह एक तरह से शरीर की सफाई की एक नेचुरल प्रक्रिया होती है।
हालांकि, सी सेक्शन एक सर्जिकल प्रोसेस है, लेकिन इसमें भी प्लेसेंटा यूटेरस से अलग किया जाता है। गर्भाशय को फिर से अपने सामान्य आकार में लौटना होता है, और उस दौरान भी लोकिया निकलता है। हां, कुछ मामलों में ब्लीडिंग की मात्रा कम होती है, लेकिन यह पूरी तरह से बंद नहीं होती है।

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कितने दिनों तक ब्लीडिंग होती है?

  • 2 से 6 हफ्ते तक ब्लीडिंग
  • पहले कुछ दिनों में यह ज्यादा होती है-लाल या गाढ़े रंग का रक्तस्राव होता है।
  • फिर धीरे-धीरे हल्की होती जाती है और भूरे या पीले रंग में बदल जाती है।

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अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।

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Image Credit:Freepik

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