जब हम डेयरी की बात करते हैं, तो उसमें दूध, दही, घी, चीज़, योगर्ट आदि चीज़ें शामिल होती हैं। डेयरी प्रोडक्ट्स खासतौर से दूध को हमेशा से हेल्दी माना जाता रहा है और ऐसा भी है।
दूध में हड्डियों को मजबूत बनाने वाले महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन-डी और प्रोटीन जैसे तत्व हमारे समग्र स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि दूध पीने से या अन्य किसी डेयरी का सेवन चेहरे के मुंहासों का कारण बन सकता है?
मुंहासे को स्किन ब्रेकआउट के रूप में परिभाषित किया जाता है जो तब होता है, जब छिद्र मृत त्वचा कोशिकाओं या बैक्टीरिया से भर जाते हैं। ब्लैकहेड्स, व्हाइटहेड्स, सिस्ट और पस्ट्यूल्स इन बंद छिद्रों का परिणाम होते हैं।
डर्मेटोलॉजिस्ट और डर्मेटोसर्जन डॉ. अग्नि कुमार बोस अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए बताते हैं, 'कई सवाल लोग करते हैं कि क्या दूध, व्हे प्रोटीन, डेयरी प्रोडक्ट्स और शुगर खाने से एक्ने हो सकते हैं? इसका जवाब है-हां। ये प्रोडक्ट्स ऐसा हार्मोन रिलीज करता है जिसके कारण एक्ने ब्रेकआउट्स हो सकते हैं।' चलिए इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं कि डेयरी से एक्ने किस तरह ट्रिगर हो सकते हैं।
डेयरी गायों का कृत्रिम हार्मोन के साथ इलाज किया जाता है जो उनके दूध की आपूर्ति को प्रभावित करता है। कई रिसर्च बताती हैं कि जब आप डेयरी उत्पादों का सेवन करते हैं तो उनमें कृत्रिम हार्मोन आपके हार्मोन को असंतुलित कर सकते हैं और इससे मुंहासे हो सकते हैं।
इसी तरह डेयरी उत्पाद, जब उच्च स्तर के रिफाइंड खाद्य पदार्थों और शुगर के साथ मिलते हैं, तो इंसुलिन के स्तर को बाधित करते हैं और इससे ब्रेकआउट्स होते हैं। हालांकि, सभी डेयरी उत्पाद मुंहासे को समान रूप से प्रभावित नहीं करते हैं। कुछ अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि मलाई निकाला हुआ दूध मुंहासे ट्रिगर कर सकता है।
इसे भी पढ़ें: एक्ने की समस्या है तो एक्सपर्ट की बताई ये आयुर्वेदिक टिप्स करेंगी मदद
View this post on Instagram
गाय अपने बछड़ों को खिलाने और उन्हें बढ़ने में मदद करने के लिए दूध का उत्पादन करती हैं। व्हे और कैसिइन, दूध में होने वाला वह प्रोटीन है, जो बछड़ों हार्मोन और ग्रोथ को बढ़ावा देता है।
जब हम इस प्रोटीन को पचाते हैं, तो वे इंसुलिन के समान एक हार्मोन जारी करते हैं, जिसे IGF-1 कहा जाता है। यह हार्मोन ब्रेकआउट ट्रिगर करने के लिए जाना जाता है। कभी-कभी दूध में हार्मोन हमारे अपने हार्मोन के साथ भी कम्यूनिकेट कर सकते हैं। हमारे एंडोक्राइन सिस्टम को भ्रमित कर सकते हैं और ब्रेकआउट सिग्नल कर सकते हैं।
लैक्टोज दूध में मौजूद प्राकृतिक शुगर है। इंफेंसी के बाद, मनुष्यों के लिए लैक्टोज को तोड़ना और उसे पचाना अधिक कठिन हो जाता है। अगर आप उन 65 प्रतिशत लोगों में से हैं जो लैक्टोज असहिष्णु (लैक्टोज इनटॉलरेंस के लक्षण) हैं, तो आपका मुंहासे से संबंधित ब्रेकआउट लैक्टोज संवेदनशीलता या एलर्जी की प्रतिक्रिया के कारण हो सकता है।
दही, पनीर और योगर्ट इस बैड बॉय हार्मोन को कुछ हद तक ही रिलीज करते हैं। डेयरी उत्पाद होने के बावजूद, प्रोबायोटिक्स वास्तव में पिंपल्स को कम करने में मदद करते हैं और आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छे हैं।
इसे भी पढ़ें: इन स्किन केयर प्रोडक्ट्स से हो सकते हैं चेहरे पर एक्ने
इसके अलावा यदि आप मुंहासों से ज्यादा परेशान हैं, तो तुरंत अपने डर्मेटोलॉजिस्ट से संपर्क करें और उनके बताए गए ट्रीटमेंट पर ही विश्वास करें।
हमें उम्मीद है यह जानकारी आपको पसंद आएगी। अगर यह लेख आपको समझ आया तो इसे लाइक और शेयर करना न भूलें और ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए विजिट करें हरजिंदगी।
Image Credit: Freepik
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।