मां बनना हर महिला का सपना होता है और वह अपने इस सपने को साकार करना चाहती हैं। और सबसे अच्छी बात यह है कि अपने इस सपने के पूरा होने की जानकारी उसे आसानी से घर में प्रेग्नेंसी किट से चेक करके मिल सकती हैं। जी हां आजकल प्रेग्नेंसी का रिजल्ट चेक करना बहुत ही आसान हो गया है। आप घर बैठे आसानी से अपनी प्रेग्नेंसी चेक कर सकती हैं। प्रेग्नेंसी चेक करने के लिए एक किट आती है जिसका इस्तेमाल करके इस बात का पता लगाया जा सकता हैं कि आप प्रेग्नेंट हैं या नहीं। प्रेग्नेंसी किट क्या है, यह किस तरीके से काम करती हैं और इसके इस्तेमाल के दौरान किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए। ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब जानने के लिए हर जिंदगी ने Cocoon फर्टिलिटी की आइवीएफ कंसलटेंट और इंडोस्कोपिक सर्जन Dr. Rajalaxmi Walavalkar से बात की तब उन्होंने हमें इसके बारे में विस्तार से बताया।
अगर आप भी मां बनने की कोशिश कर रही हैं और सबसे पहले खुद से घर में ही किट की हेल्प से प्रेग्नेंसी चेक करना चाहती हैं, लेकिन आपके मन में प्रेग्नेंसी किट को लेकर कुछ सवाल हैं तो ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब आपको Dr. Rajalaxmi Walavalkar दे रही हैं। तो देर किस बात की आइए प्रेग्नेंसी किट से जुड़े कुछ सवाल और उनके जवाबों के बारे में जानते हैं।
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सवाल- होम प्रेग्नेंसी किट क्या है?
जवाब- प्रेग्नेंसी में एचसीजी नाम का एक हार्मोन निकलता है। एचसीजी एक हार्मोन है, जो प्रेग्नेंसी के दौरान नाल द्वारा निर्मित होता है। यह हार्मोन आमतौर पर सिर्फ प्रेग्नेंसी के दौरान ही मिलता है। होम प्रेग्नेंसी किट इसी हार्मोन को चेक करती है। बीटा एचसीजी हार्मोन के टेस्ट है जो व्यापक रूप से उपलब्ध है।
सवाल- होम प्रेग्नेंसी किट किस तरह से काम करती है?
जवाब- इसे होम टेस्ट कहा जाता है क्योंकि इसे यूरीन से किया जाता है। इसे आप अपने घर पर भी कर सकती है। कहीं लैब में जाकर आपको यूरीन या ब्लड देने की कोई जरूरत नहीं है।कहीं दर्द की दवा गर्भवती और उसके बच्चे के लिए ना बन जाए 'दर्द'
सवाल- पीरियड्स बंद होने के कितने दिन बाद इसका इस्तेमाल करना चाहिए?
जवाब- आमतौर पर टेस्ट तब करना चाहिए जब किसी महिला का पीरियड अगर 1 तारीख का हो और अगले महीने के 1 या 2 तारीख तक न हो तो प्रेग्नेंसी टेस्ट करना चाहिए। लेकिन अगर इससे जल्दी करेंगी तो कभी-कभी प्रेग्नेंसी होते हुए भी किट आपको टेस्ट नेगेटिव दिखा सकती है क्योंकि जैसे-जैसे प्रेग्नेंसी बढ़ती है, वैसे-वैसे एचसीजी हार्मोन का लेवल भी बढ़ता जाता है। और हार्मोन का लेवल जितना अच्छा होगा, उतना ही टेस्ट किट इसकी जांच अच्छे से करता है।
सवाल- टेस्ट दिन में किस समय करना चाहिए?
जवाब- आमतौर पर यह टेस्ट सुबह के समय करना चाहिए, जैसे आप रात के समय सो गए और सुबह सबसे पहले उठकर जो यूरीन करते हैं उसकी दो या तीन बूंद लेकर टेस्ट किट पर डाल दें। इसके लिए आप डॉपर का इस्तेमाल कर सकती हैं। उसके बाद टेस्ट किट को 2 मिनट के बाद देखें। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आप पहले देखेगी तो किट को अपना काम करने के लिए पूरा समय नहीं मिलता है और आपको रिपोर्ट ठीक तरह से नहीं मिलती है। हो सकता है कि रिपोर्ट नेगेटिव आ जाए। लेकिन एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि इसे आप ज्यादा देर के लिए भी नहीं छोड़े। यानि यूरीन की बूंदें डालने के 5 से 10 मिनट तक छोड़ने के बाद देखने से कभी-कभी यह टेस्ट फॉल्स पॉजिटीव भी दिखाने लगता है, यानि यह नेगेटिव होता है, लेकिन बहुत ज्यादा देर तक छोड़ने के कारण यह पॉजिटीव दिखाई देने लगता है। इसलिए यह टेस्ट हमेशा सुबह पहले यूरीन से ही करना चाहिए।गर्भवती महिलाओं के लिए खास हैं ये ऐप
टेस्ट पॉजिटीव होने पर आमतौर पर दो रेड कलर की लाइनें दिखाई देती है। एक लाइन कंट्रोल की लाइन है, यह पानी डालने पर भी रेड दिखाई देती है। लेकिन जो टेस्ट की लाइन है, यह तभी रेड होती है जब बीटा एचसीजी हार्मोन यूरीन में मौजूद होता है। इसलिए एक लाइन दिखने पर टेस्ट को पॉजिटीव नहीं मनाना चाहिए। दो लाइन का दिखाई देना बेहद जरूरी होता है। अगर टेस्ट की लाइन हल्की दिखें तो इसका मतलब यह है कि टेस्ट जल्दी किया गया है। ऐसे में आप दो दिन के बाद टेस्ट करके देख सकती हैं। कुछ महिलाओं के लिए टेस्ट करने के बाद ब्लड टेस्ट कराना जरूरी होता है। ऐसी महिलाओं के लिए जिनका पहले गर्भपात हो चुका हो या ऐसी महिलाएं जिनको एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (जिनकी प्रेग्नेंसी गर्भ की थैली में न होकर ट्यूब में होती है) है। अगर ऐसा किसी महिला के साथ पहले हुआ हो तो प्रेग्नेंसी किट से टेस्ट जैसे ही पॉजिटीव आता है, अपनी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर आमतौर पर ब्लड हार्मोन, ये जो बीटा एचसीजी हार्मोन है यूरीन की तरह ब्लड में भी पाया जाता है। ब्लड वाला टेस्ट करने के लिए कहते है क्योंकि यूरीन का टेस्ट हमें सिर्फ इतना बताता है कि एचसीजी है या नहीं। लेकिन ब्लड टेस्ट हमें यह बताता है कि यह हार्मोन कितनी मात्रा में है। और इस तरह ब्लड की जांच हमें हर 48 घंटे में करनी पड़ती है। जब तक हमें यह पता नहीं चल जाता है कि प्रेग्नेंसी पहले दिनों में यानि 6 हफ्ते से पहले के दिनों में कैसे चल रही हैं। सोनोग्राफी में प्रेग्नेंसी आमतौर पर साढ़े 5 या 6 हफ्ते के बाद ही दिखती है। इससे पहले ब्लड के ये टेस्ट ही बता सकते हैं कि प्रेग्नेंसी कैसे चल रही है।
सवाल- होम प्रेग्नेंसी किट इस्तेमाल करते समय कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए?
जवाब- टेस्ट के लिए कुछ सावधानियां बरतना बेहद जरूरी होता है जैसे टेस्ट सुबह के समय करना चाहिए। पहली यूरीन से ही टेस्ट करना चाहिए क्योंकि यह कॉन्सन्ट्रेट यूरीन होता है। कोई भी 6 से 8 घंटे की नींद तो लेता ही है। इन घंटों के दौरान हम पानी नहीं पीते हैं और इससे यूरीन डाइल्यूट नहीं होता है। कॉन्सन्ट्रेट यूरीन में हार्मोन की मात्रा भी ज्यादा होती है और इसलिए जब आप किट पर डालते हो तो 2 या 3 ड्रॉप डालने के बाद ही टेस्ट सही दिखता है। पीरियड मिस होने के पहले टेस्ट आमतौर पर न करें। क्योंकि अगर यह नेगेटिव आ जाए तो आप यह समझकर चलेगी कि नेगेटिव है, और अगर आपके डॉक्टर ने मिसकैरेज को अवॉइड करने के लिए कोई दवाइयां दी है तो आप उसे बंद भी कर दोगे बिना यह जानें कि आप प्रेग्नेंट हो या नहीं। इसलिए यह टेस्ट जल्दी नहीं करना चाहिए।
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टेस्ट जब आप करते हैं तो 2 से 5 मिनट के बीच में ही टेस्ट को देखना चाहिए। 2 मिनट से पहले या 5 मिनट के बाद बिल्कुल भी नहीं। अगर एक टेस्ट नेगेटिव आता है और अगर आपको लगता है कि जिस कंपनी की किट आपने ली है उसमें कोई खराबी है तो एक बार और टेस्ट कर लें। और फिर भी कोई शंका है तो डॉक्टर से मिलकर एक बार ब्लड टेस्ट करवा लें।
अगर आप भी घर में ही किट से प्रेग्नेंसी चेक करना चाहती हैं तो इन डॉक्टर की बताई इन बातों को जरूर ध्यान में रखें।
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