कब्ज एक ऐसी समस्या है, जिसका सामना हम सभी ने कभी ना कभी किया ही है। कब्ज के कारण स्टूल पास करना काफी मुश्किल हो जाता है। जिन लोगों को हमेशा ही कब्ज की शिकायत रहती हैं, वे एक तरह के तनाव में रहते हैं, क्योंकि उनका पेट कभी भी साफ नहीं होता है।
कब्ज के कारण ना केवल व्यक्ति को मल त्याग करने में कठिनाई का अनुभव होता है, बल्कि इससे पेट में सूजन, ऐंठन और दर्द की समस्या भी हो सकती है। क्रॉनिक कब्ज की समस्या आपकी क्वालिटी ऑफ लाइफ को भी प्रभावित करती है। कब्ज का इलाज करने के लिए कई तरह दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है।
अमूमन लोग कब्ज होने पर तरह-तरह के इलाज खोजते रहते हैं और इस चक्कर में कई मिथ्स को भी सच मान बैठते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कब्ज से जुड़े कुछ मिथ्स और उनकी सच्चाई के बारे में बता रहे हैं-
मिथक 1- सिर्फ फाइबर की कमी से कब्ज होती है।
सच्चाई- यह एक कॉमन मिथ है, जिसे लोग सच मानते हैं। जबकि वास्तव में यह सच नहीं है। कब्ज के कई संभावित कारण हो सकते हैं। कई बार कुछ स्वास्थ्य स्थितियां और दवाएं भी कब्ज पैदा कर सकती हैं। कभी-कभी इसका पता ही नहीं चल पाता है कि कब्ज क्यों होता है।
मिथक 2- हर दिन मल त्याग ना करने का अर्थ है कब्ज होना
सच्चाई- यह भी सत्य नहीं है। अक्सर जब आप मल त्याग नहीं करते हैं तो आपको लगता है कि आपको कब्ज हो गई है। जबकि ऐसा नहीं है। जब मल त्याग की बात आती है तो यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकता है। कभी-कभी मल त्याग ना करना भी सामान्य है।
हालांकि, अगर आप एक सप्ताह में तीन से कम बार में मल त्याग कर रही हैं या कठोर गांठदार मल का अनुभव कर रही हैं, तो आपको कब्ज हो सकता है।
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मिथक 3- कब्ज उम्र के साथ स्वाभाविक रूप से होता है।
सच्चाई- अक्सर यह माना जाता है कि कब्ज उम्र बढ़ने के साथ आता है, लेकिन जरूरी नहीं है कि ऐसा ही हो। हालांकि यह सच है कि वृद्ध लोगों में कब्ज की दर अधिक होती है। लेकिन हर वृद्ध व्यक्ति को यह समस्या हो, ऐसा जरूरी नहीं है। इसलिए, अगर आप कब्ज की समस्या से बचने के लिए पर्याप्त फाइबर और पानी का सेवन करें।
साथ ही, एक्सरसाइज से लेकर अपने लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव करें।
मिथक 4-बच्चों को कब्ज नहीं होता।
सच्चाई- कुछ लोग यह मानते हैं कि कब्ज केवल वयस्कों में ही होता है और बच्चे इसकी जद में नहीं आते हैं। जबकि ऐसा नहीं है। यह बच्चों को भी परेशान कर सकता है। कब्ज होने पर बच्चों में सामान्य पूप से बड़ा होता है जो गोली या लॉग शेप्ड होता है। बच्चों में कब्ज में योगदान देने वाले कारकों में दर्द, बुखार, टॉयलेट ट्रेनिंग, दवाएं और कब्ज की फैमिली हिस्ट्री हो सकते हैं।
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मिथक 5- कब्ज को दूर करने के लिए फाइबर इनटेक बढ़ाएं।
सच्चाई- कुछ लोग यह मानते हैं कि अगर कब्ज होने परफाइबर की मात्रा को बढ़ाया जाए तो ऐसे में इस समस्या को ठीक किया जा सकता है। यह सच है कि फाइबर आपके स्टूल में बल्क एड करता है। लेकिन सिर्फ फाइबर की मात्रा को बढ़ाकर ऐसा नहीं किया जा सकता है।
आपको फाइबर के अलावा अपने वाटर इनटेक, एक्सरसाइज व लाइफस्टाइल में बदलाव करके ही कब्ज को डील सकते हैं।
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Image Credit- freepik
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