कहीं भी, कभी भी सो जाने वालों में कहीं आप भी तो शामिल नहीं

ऐसी महिलाओं को कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह कहां है, किसी स्थिति में है उनका काम तो बस सोना ही है फिर चाहे बस हो या मैट्रो, या फिर सिनेमा हॉल।

  • Pooja Sinha
  • Her Zindagi Editorial
  • Updated - 2018-04-06, 15:54 IST
sleeping health article

काम के प्रेशर, दूसरों से आगे निकलने की टेंशन, और सोशल मीडिया की लत के कारण लोगों की रातों की नींद उड़ चुकी है। यूं तो आजकल नींद ना आना एक समस्‍या बन गई है जिससे आज हर दूसरा व्‍यक्ति परेशान रहती है। यहां त‍क कि नींद लाने के लिए तरह-तरह के जतन करते है। लेकिन यह बेरहम नींद है कि आने का नाम ही नहीं लेती। ऐसे में अगर हम आपको कहें कि कुछ महिलाएं ऐसी भी है जो कहीं भी, कैसे भी सो जाती है। तो शायद आपको विश्‍वास नहीं होगा। लेकिन ऐसा है ऐसी महिलाओं को कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह कहां है, किसी स्थिति में है बस उनका काम तो सोना ही है फिर चाहे बस हो या मैट्रो, या फिर सिनेमा हॉल।

कुछ दिन पहले मेरा भी ऐसी ही एक महिला से पाला पड़ा था जो बस में मेरी साथ वाली सीट पर सो रही थी। और थोड़ी देर में वह मेरे कंधे को अपना तकिये बनाकर सो गई। हो ना हो मेरी तरह आपका भी ऐसी ही किसी महिला से सामना जरूर हुआ होगा। या हो सकता है कि वह महिला आप ही हो जो जब चाहे जहां चाहे सो जाती है। यहां ऐसी ही कुछ बातें बताई गई हैं जो कहीं भी नींद आने के कारण एक बार जरूरी होती हैं।

inside train

सफर के दौरान नींद लेना

ऐसी महिलाएं कहीं भी सोने में माहिर होती हैं। मेट्रो, ट्रेन और बस में भी सो जाती हैं। इनकी नींद ऐसी होती हैं कि अपना स्टेशन भी मिस कर देती हैं। लंबे सफर पर इनका सोना तो बनता ही हैं:) खासतौर पर पहाड़ों में तो यह गहरी नींद सो जाती है। यह बहाना बनाकर की पहाड़ों में उल्‍टियां होती है। इसलिए मैं सो रही हूं।

ड्राइव करते समय नींद

अगर गड़बड़ से बचना है तो ऐसी महिलाओं को कभी भी ड्राइव नहीं करने देना चाहिए। इसके अलावा ऐसी महिलाओं को ड्राइवर सीट के साथ वाली सीट में नहीं बैठने देना चाहिए, वरना उन्‍हें देखकर ड्राइवर भी झपकी ले सकता है।

inside classroom

क्‍लास रूम में सो जाना

पता चला कि आपने किसी से जरूरी काम से उन्‍हें कहीं भेजा है और किसी से मिलने गई और बात करते-करते सो गई। जी हां ऐसे भी होता है। या ऐसी महिलाएं आधे घंटे की मीटिंग में 10 मिनट की नींद तो ले ही लेती हैं। इसके अलावा क्लास में भी सो जाना हैं हालांकि उनका ये बहाना होते हैं कि मैं सो नहीं रही था।

मूवी हॉल में नींद

कुछ महिलाएं तो ऐसी होती हैं जो बात करते-करते सो जाती है। और बहाना बनाती हैं कि 'अरे मैं सो नही रही हूं आपकी बातें सुन रही हूं, आंखें बंद करने का मतलब सोना नहीं होता है।' यहां तक कि कुछ मूवी को बोरिंग बताकर मूवी देखते-देखते हॉल में ही सो जाती है। या फैमिली के साथ टीवी देखते-देखते ही सो जाती हैं।

meetingroom

कुर्सी भी सही है सोने के लिए जनाब

ऐसे महिलाओं कुर्सी पर बैठे-बैठे भी सो जाती है। और कभी ना कभी ऐसा जरूर होता है कि वह सोते-सोते गिर भी जाती हैं। इसके अलावा कई बार तो ये सोते-सोते किसी अनजान व्यक्ति के कंधे का अपना तकिया समझकर सो जाती हैं।

फोन पर बात करते-करते सोना

कई बार ऐसी महिलाएं अपने छोटे बच्‍चे को सुलाते-सुलाते उसके सोने से पहले खुद ही सो जाती है। फोन पर बात करते-करते सो जाती हैं।
अगर आपको भी बहुत ज्‍यादा नींद आती हैं तो ये स्थिति आपके साथ भी जरूर हुई होगी।

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