बॉलीवुड की झांसी की रानी यानि कंगना रनौत अपने बोल्ड बयानों के कारण अक्सर चर्चा में रहती हैं। अपनी बात को खुलकर और बेहिचक कहने वाली कंगना किसी के बारे में भी पब्लिक रूप में बोलने से नहीं घबराती है। लेकिन 10 दिनों तक ऐसा नहीं हुआ क्योंकि कंगना दस दिनों के लिए मौन साधाना में रही थीं। हालांकि क्वीन अब मेडिटेशन कैंप से 10 दिन के बाद वापिस आ गई हैं और फाइनली उन्होंने अपना मौन तोड़ दिया है। कोयम्बटूर में जोगा (योग) और ध्यान केंद्र में भाग लेने के बाद मुंबई लौटी हैं। जोगा (योग) और ध्यान करने के बाद उनकी स्किन बहुत ग्लोइंग और वह बहुत फ्रेश लग रही हैं।
जी हां क्वीन, फैंशन तनु वेड्स मनु, फैंशन, मणिकर्णिका जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाने वाली कंगना अपनी एक्टिंग के अलावा फिटनेस के लिए भी जानी जाती है। कंगना की फिल्म मणिकर्णिका ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा कलेक्शन किया है। फिल्म की सफलता को देखते हुए एक्ट्रेस ने पार्टी भी रखी थी जिसमें उन्होंने रणबीर कपूर को गैर जिम्मेदार इंसान कहा था। जी हां उन्होंने रणबीर कपूर समेत बॉलीवुड के उन सेलेब्स पर निशाना साधा, जो राजनीति पर बोलने से बचते हैं। लेकिन अपनी बात बेबाकी से रखने वाली कंगना ने 10 दिन तक चुप्पी साधने का फैसला किया था।
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खुद को दिया गिफ्ट
23 मार्च को कंगना का 32वां बर्थडे है, इसके 10 दिन पहले से चुप्पी साधी थीं। मुंबई मिरर के अनुसार, कंगना अपने जन्मदिन से पहले एक वेलनेस प्रोग्राम में शामिल हुई थी। ये प्रोग्राम 10 दिन लंबा था, जिसमें कंगना को मौन और कई घंटों तक मेडिटेशन करना था। इस प्रोग्राम के लिए वह तमिलनाडू के कोयम्बटूर गई थीं। इस प्रोग्राम के बारे में कंगना ने कहा था, ''मैं जिस प्रोग्राम का हिस्सा बनने के लिए जा रही हूं, वह बहुत एडवांस है। मैं काफी समय से इसकी प्लानिंग कर रही थी। लेकिन इस बार मेरे जन्मदिन से ठीक पहले जाना संभव हो पाया है।''
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चुप रहना है बड़ी बात
कंगना ने आगे कहा कि ''चुप रहना बहुत बड़ी बात है। यह मेरे लिए खुद को गिफ्ट है।'' कंगना रनौत अपने रूटीन एक्सरसाइज में योग भी करती हैं। मणिकर्णिका एक्ट्रेस ने कहा, ''मैं लंबे समय से योग कर रही हूं। मैं जिस प्रोग्राम का हिस्सा बनने जा रही हूं, इसके लिए आपको 6 महीने की तैयारी की जरुरत होती है। ताकि आप प्रोग्राम के दौरान जरूरी योगा पॉश्चर कर सकें।'' आइए मौन रहने के फायदों के बारे में जानें।
मौन व्रत के फायदे
- मौन से मन को शक्ति मिलती है। शक्तिशाली मन में किसी भी प्रकार का डर, क्रोध, चिंता और व्यकुलता नहीं रहती।
- मौन साधना करने से सभी प्रकार के मानसिक दोष दूर हो जाते हैं जिससे रात में नींद अच्छी आती है।
- मौन से पॉजिटीव सोच का विकास होता है। पॉजिटीव सोच हमारे अंदर की शक्ति को और मजबूत करती है।
- मन को शांत करने के लिए मौन से अच्छा और कोई दूसरा रास्ता नहीं। मन से जागरूकता का विकास होता है।
- बोलने में भी एनर्जी लगती हैं। अगर आप बिना वजह बोल रहे है तो अपनी एनर्जी और क्षमता का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।
- ध्यान योग और मौन का निरंतर अभ्यास करने से बॉडी की बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
- मौन रहने से बॉडी एनर्जी से भरपूर रहती है और हम अपने कामों को अच्छे तरीके से कर सकते हैं।
- मौन रहने से हम दूसरों की बातों को अच्छी तरह सुनते हैं और समझते हैं जिसके कारण हमारे सोचने और समझने की शक्ति बढ़ती है।
- आजकल के समय में परिवारिक कलह भी एक बड़ी समस्या हैं, लेकिन अगर परिवार के 1 या 2 सदस्य मौन रहना सीख लें तो पारिवारिक कलह से बचा जा सकता हैं।
- बॉडी को हेल्दी रखने के लिए हम एक्सरसाइज करते हैं लेकिन अगर आप अपने ब्रेन को हेल्दी रखना चाहती हैं तो मौन रहना सीख लीजिए।
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