आजकल की बिगड़ती लाइफस्टाइल के चलते ज्यादातर लोग मोटापे और हेल्थ से जुड़ी कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं। लेकिन अपने रूटीन में योग को शामिल करके इनसे आसानी से बचा जा सकता है।
जी हां, योग शरीर को लचीला बनाने के अलावा और भी बहुत कुछ करता है।
यह दिमाग को संतुलन और आत्मा को पोषण देता है। इसलिए योग को अपने व्यस्त कार्यक्रम में एक और काम के रूप में नहीं बल्कि एक आवश्यक एक्टिविटी के रूप में मानना चाहिए जो आपको अन्य दायित्वों को बेहतर ढंग से संभालने में मदद करेगा। इसलिए आज हम आपको एक ऐसे योग के बारे में बता रहे हैं जो हेल्थ से जुड़ी कई समस्याओं के लिए रामबाण हो सकता है।
हम मर्कटासन के बारे में बात कर रहे हैं। इसकी जानकारी हमें योगा मास्टर, फिलांथ्रोपिस्ट, धार्मिक गुरू और लाइफस्टाइल कोच ग्रैंड मास्टर अक्षर जी दे रहे हैं। आप भी खुद को फिट रखने के लिए रोजाना कुछ देर इस योग को कर सकते हैं।
मर्कटासन
संस्कृत भाषा में 'मर्कट' शब्द का अर्थ बंदर है इसलिए इस आसन या मुद्रा को मर्कटासन या बंदर मुद्रा के रूप में नामित किया गया है। यह हमारी रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन में सुधार के लिए एक बेहतरीन आसन है और यह डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए फायदेमंद है।
मर्कटासन मजबूत हिप-ओपनिंग के साथ-साथ बैकबेंडिंग क्रियाओं के लिए सबसे अच्छा है। मर्कटासन एक आसान रिक्लाइनिंग ट्विस्ट हो सकता है जो विश्राम और श्वसन पर जोर देता है। मर्कटासन करने के तीन अलग-अलग तरीके हैं और प्रत्येक विधि का अपना महत्व है। इस खंड में हमने मर्कटासन (बंदर योग मुद्रा) की विधि या प्रक्रिया का वर्णन किया है।
मर्कटासन के लाभ (बंदर योग मुद्रा)
- यह रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को बढ़ाता है।
- पसलियों और फेफड़ों के लिए अच्छी एक्सरसाइज है।
- इससे बड़ी आंत की भी एक्सरसाइज हो जाती है।
- यह कब्ज और पेट से जुड़ी समस्याओं में सबसे ज्यादा फायदेमंद है।
- यह शरीर के साथ-साथ दिमाग को आराम देने के लिए बहुत प्रभावी है।
- यह रचनात्मकता को बढ़ाता है।
- कमर दर्द, स्पॉन्डिलाइटिस, सर्वाइकल, साइटिका और स्लिप डिस्क में विशेष उपयोगी है।
- यह पेट दर्द और पेचिश में लाभकारी है।
- यह पेट को हल्का बनाता है।
- हिप्स और जोड़ों के दर्द में लाभकारी है।
- यह योग रीढ़ की हड्डी की सभी विकृतियों में सुधार करता है।
मर्कटासन के स्टेप्स
- सबसे पहले सीधी लेट जाएं और दोनों हाथों को कंधों की सीध में फैला लें।
- हथेलियां छत की ओर खुली होनी चाहिए।
- अब दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर कूल्हों के पास रखें।
- इसके बाद घुटनों को दाईं ओर मोड़ें और दाहिने घुटने को जमीन पर टिका दें।
- बायां घुटना दाहिने घुटने पर और बायां टखना दाएं टखने पर टिका होना चाहिए।
- गर्दन को बाईं ओर मोड़ें।
- प्रक्रिया के दौरान सामान्य रूप से सांस लें।
- इस अभ्यास को बाईं ओर से दोहराएं और गर्दन को भी दाईं ओर मोड़ें।
सावधानी
- जो लोग कमर दर्द से परेशान हैं वे इस आसन को न करें।
- जो लोग हर्निया से पीड़ित हैं; इस आसन का अभ्यास योग विशेषज्ञ के निर्देश में करना चाहिए।
आप भी फिट रहने के लिए रोजाना इस योग को जरूर करें। इस आर्टिकल को शेयर और लाइक जरूर करें। साथ ही आर्टिकल के अंत में आ रहे कमेंट सेक्शन में कमेंट करके जरूर बताएं। फिटनेस से जुड़े ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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Image Credit: Freepik
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