एक महिला का शरीर पीरियड्स से लेकर मेनोपॉज तक कई बदलावों से गुजरता है और आप चाहे किसी भी उम्र में हो, आपको योग का अभ्यास जरूर करना चाहिए। योग हर प्रकार के शरीर के लिए है और इसे किसी भी उम्र की महिलाओं के अनुरूप संशोधित किया जा सकता है। यह सिर्फ शरीर के लिए एक्सरसाइज नहीं है बल्कि मन, शरीर और आत्मा के लिए लाभ प्रदान करता है। आप अधिक सकारात्मक, खुश और एनर्जी से भरा हुआ महसूस करती हैं। योग आपको इस पल को जीने और जीवन में संतुलन खोजने में मदद करता है।
जी हां हम चिंताओं और विकर्षणों से भरी दुनिया में रहते हैं। हमारा दिमाग हमेशा दौड़ता रहता है और हम लगातार किसी न किसी चीज के बारे में चिंता करते रहते हैं, जैसे, "मुझे रात के खाने के लिए क्या तैयार करना चाहिए? अगर मुझे फिर से काम के लिए देर हो जाए तो क्या होगा? मैं इस सप्ताह के अंत में खुद का कैसे ध्यान रख सकती हूं? क्या फैमिली को समय देने के लिए मुझे नौकरी छोड़नी चाहिए? क्या यह मेरे पति को ठीक लगेगा?" ऐसी बहुत सारी बातें महिलाओं के दिमाग में अक्सर चलती रहती हैं। ये अनावश्यक चिंताएं और प्रेशर महिलाओं के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ती हैं। इसलिए, इससे निपटने के लिए, बेहतर होगा कि वह योग का अभ्यास करना शुरू कर दें। इन योगासन के बारे में हमें सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर का इंस्टाग्राम देखने के बाद पता चला है।
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रुजुता ने कुछ योगासन अपने इंस्टाग्राम के माध्यम से शेयर किए हैं और इसके कैप्शन में लिखा है, ''यह आसन हर किसी को घर पर रोजाना करना चाहिए। दैनिक अभ्यास सबसे अच्छी श्रद्धांजलि है जिसे हम योग की विरासत को दे सकते हैं।'' आइए उनके बताए इन 5 आसन के बारे में जानें।
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गोमुखासन करने का तरीका
गोमुखासन को काऊ फेस पोज के नाम से भी जाना जाता है। यह आसन आपकी सिटिंग मसल्स, कंधों और बगल को स्ट्रेच करने की सबसे अच्छी मुद्रा है। इसे करने से शरीर सुडौल और लोचदार बनता है। साथ ही आप कमर दर्द से राहत पा सकती हैं।
गोमुखासन करने का तरीका
- इसे करने के लिए पैरों को फैलाकर मैट पर बैठें।
- अब बाएं पैर को मोड़ें और दाहिने हिप्स के नीचे या बगल में पैर रखें।
- बाएं पैर के बगल में दाहिना पैर रखते हुए दाहिने पैर को बाईं ओर मोड़ें।
- बाईं कोहनी को पीठ के पीछे मोड़ें और हथेली ऊपर की ओर रखें।
- दाहिने हाथ को ऊपर की तरफ उठाएं और कोहनी को नीचे की ओर हथेली से मोड़ें।
- हथेलियों को उंगलियों से इंटरलॉक करने की कोशिश करें।
- कुछ सेकेंड के लिए इस मुद्रा में रहें।
पश्चिम नमस्कार
पश्चिम नमस्कार आसन से बॉडी का मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ता है, जिससे तेजी से वजन कम करने में मदद मिलती है। गर्दन और पीठ के दर्द के लिए पश्चिम नमस्कार आसन बहुत ही लाभकारी है। इस योगासन को करने से मसल्स का तनाव कम होता है, जिससे दर्द में राहत मिलती है। दिमाग को शांत और स्ट्रेस दूर करने के लिए भी यह आसन बहुत अच्छा है।
पश्चिम नमस्कार करने का तरीका
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पीठ को सीधा करके मैट पर खड़ी हो जाएं।
- पैरों के बीच थोड़ा सा गैप बनाएं।
- हाथों को नीचे की ओर लटकाएं और ढीला छोड़ दें।
- इसके बाद घुटनों को थोड़ा मोड़ें और दोनों हाथों को पीछे की ओर ले जाएं।
- धीरे-धीरे दोनों हाथों को जोड़ने की कोशिश करें।
- गहरी सांस लें और कलाई को मोड़ते हुए हाथों की उंगलियों को रीढ़ से सटा लें।
- अब हथेलियों को आपस में इस तरह से मिलाएं, जैसे आप नमस्कार कर रही हों।
- इस मुद्रा में आने के बाद आंखों को बंद करके कुछ देर खड़ी रहें।
- फिर आंखों को खोलें और कलाई को नीचे की ओर रखें।
- धीरे से ताड़ासन में वापस आएं।
अधोमुखश्वानासन
अधोमुखश्वानासन या डाउनवर्ड फेसिंग डॉग पोज आपके काफ, ग्लूट्स, स्पाइन, ट्राइसेप्स और हैमस्ट्रिंग पर काम करता है। यह आपके शरीर को मजबूत करता है और ब्लड सर्कुलशन में सुधार करता है। इस आसन को करते समय सिर नीचे की तरफ और हिप्स ऊपर की तरफ उठे होने के कारण सिर की ओर नए ब्लड की आपूर्ति बढ़ती है। इसीलिए ये आसन ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने में मदद करता है।
अधोमुखश्वानासन करने का तरीका
- इसे करने के लिए पेट के बल लेट जाएं।
- फिर पैरों और हाथों के बल आ जाएं और टेबल जैसी आकृति बनाएं।
- सांस को बाहर छोड़ते हुए धीरे-धीरे हिप्स को ऊपर की तरफ उठाएं।
- अपनी कोहनियों और घुटनों को टाइट करके शरीर उल्टे 'V' के आकार में ले आएं।
- इस आसन को करते समय कंधे और हाथ एक सीध में, पैर हिप्स की सीध में और टखने बाहर की तरफ होने चाहिए।
- हाथों को नीचे जमीन की तरफ दबाएं और गर्दन को लंबा स्ट्रेच करने की कोशिश करें।
- इसी मुद्रा में कुछ सेकेंड्स तक रुकें और फिर घुटने जमीन पर टिका दें।
- फिर पुरानी मुद्रा में वापस आ जाएं।
सुप्त पादांगुष्टासन
इस योग को करने से शरीर और मन को कई फायदे मिलते हैं। यह रिप्रोडक्टिव सिस्टम को मजबूत बनाता है। पैरों में ब्लड फ्लो को तेज करता है। शरीर में हार्मोन बैलेंस को बेहतर करता है। हाथों और कंधों को अच्छी स्ट्रेचिंग देता है और टांगों को टोन करता है।
सुप्त पादांगुष्टासन करने का तरीका
- इसे करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं।
- धीरे-धीरे टांगों और पंजों को स्ट्रेच करें और एड़ियों के जरिए पैरों को दबाएं।
- सांस छोड़ते हुए, दाएं घुटने को सीने तक लेकर आएं।
- इसके लिए दाएं तलवे पर एक स्ट्रैप फंसा दें।
- अब दाएं पैर को छत की तरफ सीधा करने की कोशिश करें।
- ऐसा करते हुए हाथ सीधे और कंधे फर्श पर दबाव देने हुए होने चाहिए।
- बाएं पैर को प्रेशर देकर आगे की तरफ स्ट्रेच करें।
- टांग को मोड़ने पर बाएं पैर से 90 डिग्री का कोण बनाएं।
- 30 सेकेंड बाद स्ट्रेप को ढीला करें और पैर को जमीन पर ले आएं।
विपरीत करणी
यह मुद्रा तनाव से राहत देती है और हार्ट में ब्लड फ्लो को प्रोत्साहित करती है। यह माइग्रेन, पीठ के निचले हिस्से में दर्दऔर पैरों के दर्द से राहत दिलाती है।
विपरीत करणी करने का तरीका
- इसे करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं और हिप्स को दीवार के करीब रखें।
- अब धीरे-धीरे दोनों पैरों को दीवार के सहारे ऊपर उठाएं।
- दोनों पैरों को 90 डिग्री कोण तक ऊपर उठाएं।
- ध्यान रखें कि पीठ और सिर फर्श पर आराम से हो।
- अपनी आंखों को बंद करें और गहरी सांस लें।
- इस मुद्रा में 3 से 5 मिनट तक रहें।
- मुद्रा से बाहर आने के लिए, पहले घुटनों को मोड़ें और खुद को दीवार से दूर धकेलें।
तन और मन को दुरुस्त करने के लिए यह योगासन आप भी रोजाना जरूर करें। फिटनेस से जुड़ी और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
Story Inputs- Rujuta Diwekar/ Instagram
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Image Credti: Freepik
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