अगर आपकी रीढ़ (मेरूदंड) स्वस्थ और युवा है, तो मान लीजिए कि आप भी स्वस्थ और युवा हैं! मनुष्य की रीढ़ अंग्रेजी के ‘एस‘ अक्षर के आकार में है। जब यह आकृति अशांत होती है, तो आपका मेरूदंड भी अस्वस्थ हो जाता है। हमारी जीवनशैली से लेकर निद्रावस्था की हमारी मुद्राओं तक- ऐसे कई कारण हो सकते हैं जिनसे हमारा मेरूदंड अशांत हो सकता है। शायद यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि रीढ़ हमारे पूरे शरीर का केंद्र है। यह सबसे महत्वपूर्ण भागों में से एक है, यही कारण है कि योग में इसे मेरूदंड के रूप में जाना जाता है। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए थोड़ा प्रयास करना होगा कि रीढ़ स्वस्थ, मजबूत और लचीली बनी रहे। योग ने हमारे आस-पास की प्रकृति और जानवरों को देखकर विभिन्न प्रकार के आसन निकाले हैं। इनमें से कुछ योगाभ्यास वास्तव में एक स्वस्थ और मजबूत रीढ़ बनाने में हमारी मदद कर सकते हैं। इन योगासन के बारे में हमें योग संस्थान के डायरेक्टर डॉक्टर हंसाजी जयदेव योगेंद्र जी बता रहे हैं।
1. मार्जरासन
एक बिल्ली की रीढ़ बहुत मजबूत होती है। यहां तक कि अगर वह ऊंचाई से कूदती है, तो भी वह अपने सभी चारों पैरों से ही नीचे उतरेगी। यह रीढ़ की स्थिरता और अच्छे स्वास्थ्य के कारण है। मार्जरासन में हम बिल्ली की नकल करने की कोशिश करते हैं। इसके लिए-
- अपने घुटनों और हाथों के बल आएं और रीढ़ को मध्यस्थ स्थिति में रखें।
- सांस अंदर लेते हुए सिर को छत की तरफ ऊपर की ओर ले जाएं, और अपने शरीर के नाभि वाले हिस्से को नीचे की ओर झुकाएं।
- सांस छोड़ते हुए ठोड़ी को छाती से लगाएं और रीढ़ को ऊपर उठाएं।
- इस अभ्यास को 3-4 राउंड तक करें और फिर विश्राम करें।
2. अर्धमत्स्येन्द्रासन
रीढ़ के हिस्से से शरीर को घुमाव देने और सारी कठोरता और तनाव को दूर करने के लिए एक सरल मुद्रा। इस आसन के लिए-
- अपने पैरों को अपने सामने फैलाकर बैठें। दोनों पैरों को साथ में रखें, मेरूदंड सीधा रहे।
- दाएं पैर को मोड़ें और बाएं घुटने के बाहर रखें, बाएं पैर को मोड़ें और एड़ी को अपने कूल्हे के बगल में रखें।
- कमर, कंधों और गर्दन के साथ अपने शरीर को मोड़ें, ताकि दाहिनी जांघ आपके पेट के खिलाफ दबाव डाले।
- हाथ को दाहिने घुटने के पार करते हुए दाहिने पैर को पकड़ने की कोशिश करें।
- कुछ देर के लिए इसी अवस्था में रहें और दूसरी तरफ से प्रक्रिया को दोहराएं।
3. हस्तपादासन
यह आसन मेरूदंड के समग्र लचीलेपन और इसकी गतिशीलता को बढ़ाने के लिहाज से उपयुक्त है। इस आसन के लिए-
- अपने पैरों को एक साथ रखते हुए सीधे खड़े हो जाएं और हाथों को शरीर के साथ रखें।
- सांस अंदर लें और हाथों को सिर के ऊपर ले जाए और ऊपर की ओर खींचें।
- सांस छोड़ें, अपनी रीढ़ को सीधा रखते हुए, अपने घुटनों और हाथों को सीधा रखते हुए आगे की ओर झुकें।
- अपने हाथों को फर्श पर रखें या अपनी एड़ियों को पकड़ें।
- इस स्थिति में 8-9 सेकंड तक रहें।
- सांस लेते हुए, धीरे-धीरे आसन छोड़ें और रिलैक्स करें।
4. कोणासन
- यह शरीर के साथ एक तरफ झुकने वाला आसन है। इस आसन के लिए-
- अपने दोनों पैरों के बीच 2-3 फीट की दूरी रखते हुए खड़े हो जाएं, हाथ कमर पर रखें।
- अब सांस छोड़ें, शरीर को झुकाएं, अपने दाहिने हाथ को अपने दाहिने टखने की ओर ले जाने की कोशिश करें।
- बाएं हाथ को बाएं बगल की तरफ जाने दें।
- सांस लेते हुए वापस आएं और इस प्रक्रिया को दूसरी तरफ भी दोहराएं।रीढ़ की हड्डी से जुड़ी कोई भी समस्या हो तो ये उपाय हैं रामबाण
हालांकि हमेशा याद रखें कि आपकी रीढ़ बहुत नाजुक भी है। सभी नर्वस इस मेरूदंड के माध्यम से ही बाहर निकलती हैं। इसलिए बहुत सौम्य तरीके से अभ्यास करें और अधिक परिश्रम करने का प्रयास नहीं करें। हमेशा अपने शरीर और सांस के अनुरूप ही अभ्यास करें। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हर जिंदगी से जुड़े रहें।
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