History of Jadau Jewellery : एक दुल्हन चाहे वह किसी भी क्षेत्र से आती हो, गहनों का उसके लिए अलग ही मोल होता है। सुंदर-सुंदर पोल्की, कुंदन और मीनाकारी के आभूषण एक दुल्हन के लुक में चार चांद लगाते हैं। हर राज्य में अपना कुछ खास पहना जाता है, हर आभूषण का एक नाम होता है और उसके पीछे एक अलग कहानी होती है। जब भारतीय आभूषणों की बात आती है तो ऐसे कई आभूषण हैं, जिनके बारे में शायद हमें पता भी न हो।
इन्हीं में एक स्टाइल है जड़ाऊ, जिसकी पॉपुलैरिटी दुनिया भर में है। क्या आपको पता है कि भारत के सबसे लोकप्रिय और रॉयल आभूषणों में जड़ाऊ कितना ऊपर है। पोल्की, मीनाकारी और कुंदन के योगदान से बना ये गहना क्यों खास है, आइए इस बारे में आपको विस्तार से बताएं।
कई महिलाएं जड़ाऊ को कुंदन, पोल्की और मीनाकारी ही समझ लेती हैं, लेकिन आपको बता दें कि इनमें बहुत अंतर है। कुंदन ग्लास बीड्स से बना होता है। पोल्की भी लगभग कुंदन जैसा है लेकिन इसमें अनकट डायमंडस का उपयोग होता है। मीनाकारी गहनों में एनामेलिंग का उपयोग करने की प्राचीन कला को जोड़ा जाता है। वहीं, जड़ाऊ एक ऐसी तकनीक है जिसमें पोल्की, मीनाकारी और कुंदन का भी उपयोग किया जाता है लेकिन थोड़ा ट्विस्ट के साथ। 'जड़' का अर्थ है एम्बेड करना और यही वह तकनीक है जिसका उपयोग कारीगर करते हैं जो इस शैली के आभूषणों को तैयार करते हैं।
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ऐसा माना जाता है कि जड़ाऊ को मुगलों द्वारा भारत में लाया गया था। तब इसे राजस्थान के भारतीय शिल्पकारों, विशेष रूप से राजेस्थान का शहर बीकानेर जड़ाऊ आभूषणों के लिए बहुत फेमस है। आज भी जिस तरह का बेहतरीन और प्राचीन काम बीकानेर में होता है, जड़ाऊ का काम कहीं और नहीं हो सकता है। हालांकि समय के साथ यह परंपरा जयपुर जैसे अन्य शहरों और यहां तक कि गुजरात जैसे अन्य राज्यों में भी फैल गई है। आज राजस्थान और गुजरात जड़ाऊ के काम के लिए सबसे प्रसिद्ध हैं।
आभूषणों को तैयार करने की, डिजाइन करने के एक सबसे प्राचीन कला है जड़ाऊ। इसके पीछे का इतिहास भी गजब का है। इसे भले ही मुगलों द्वारा देश में लाया गया हो लेकिन भारतीय शिल्पकारों ने इसे खूबसूरत बनाने का काम किया। एक पारंपरिक जड़ाऊ आभूषण बनाने में किसी तरह की कोई टेक्नोलॉजी की दखल नहीं होती। इसे बनाना बहुत मेहनत का काम है और इसी वजह से यह इतना कीमती होता है। यह प्योर हैंड-वर्क का एक क्लासिक उदाहरण है जो समृद्ध भारतीय इतिहास की कहानी को दर्शाता है।
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अगर आप जड़ाऊ ज्वेलरी को मिनिमल स्टाइल में कैरी करना चाहती हैं तो आप कॉकटेल पार्टी में इसकी रिंग्स, इयररिंग्स या सिंपल कड़े को पहन सकती हैं। कई सारी चीजों को लादने की जगह अपनी कॉकटेल पार्टी के लिए क्लासिक स्टाइल रखें।
आप एक पारंपरिक जड़ाऊ चोकर के साथ कभी फेल नहीं हो सकती हैं। अगर आप किसी रिसेप्शन को अटेंड कर रही हैं तो बोल्ड और डेंटी पर्ल और रूबी का जड़ाऊ चोकर पहन सकती हैं। आपकी हैवी बनारसी, कांजीवरम, चंदेरी साडी के साथ यह ज्वेलरी अच्छी लगेगी।
शादी या किसी पार्टी में ऑफबीट तरह से जड़ाऊ ज्वेलरी को स्टाइल करें। अगर आप कोई गाउन पहना है तो उसके साथ सुंदर अनकट डायमंड नेकलेस कैरी कर सकते हैं। इसी तरह स्टेटमेंट रिंग्स या इयरिंग्स को साड़ी या गाउन दोनों में पेयर किया जा सकता है।
इसके साथ कई ऐसे तरीके हैं, जो आप अपने स्टाइल में शामिल कर सकते हैं और जड़ाऊ ज्वेलरी के साथ एक्सपेरिमेंट कर सकते हैं। साथ ही अपने पास पोल्की और कुंदन की तरह ही जड़ाऊ को भी जरूर शामिल करें।
हमें उम्मीद है जड़ाऊ ज्वेलरी से जुड़ी यह जानकारी आपको पसंद आएगी। अगर आपको यह लेख पसंद आया तो इसे लाइक और शेयर करें। अगर आप इसी तरह भारतीय आभूषणों के इतिहास के बारे में जानना चाहते हैं तो जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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