अगर आप भारतीय आभूषण के इतिहास पर एक नजर डालें तो पाएंगे कि ऐसे कितने आभूषण हैं जिनके बारे में हम अब तक नहीं जानते थे। लाख, मीनाकारी, पोल्की, कुंदन आदि जैसे आभूषण तो दुनिया भर में लोकप्रिय हैं। इसके अतिरिक्त बीड्स, फिलीग्री, जड़ाऊ ऐसे आभूषणों में आते हैं जिन्हें कम ही पहचान मिली है। इन्हीं में एक पच्चीकम ज्वेलरी है, जिसे लोग कुंदन के नाम से ही जानते हैं क्योंकि वो वैसे ही दिखती है। लेकिन आपको बता दें कि यह कुंदन से काफी अलग है। यह आभूषण सेंचुरी पुराने हैं और यूरोपियन रॉयल्टी का एक बड़ा हिस्सा रहे। चलिए आज आपको इसके बारे में विस्तार से बताएं।
पच्चीकम जयपुर के कुंदन गहनों से काफी मिलती-जुलती है, क्योंकि दोनों में पोल्की और सेमी-प्रेशियस स्टोनवर्क का काम होता है। लेकिन करीब से देखने पर आपको यह पता चलेगा कि यह कुंदन से काफी अलग होती हैं क्योंकि यह कुंदन से अधिक नाजुक होती है। वहीं, चांदी को पच्चीकम के लिए बेस के रूप में चुना जाता है, जबकि कुंदन का काम सोने की पन्नी में की जाती है। इसी के चलते पच्ची, कुंदन से ज्यादा सस्ता होता है।
इसे भी पढ़ें : जानें क्यों है मीनकारी इतनी खास, आप भी रॉयल्स की तरह यूं करें इसे स्टाइल
पच्चीकम ज्वेलरी की उत्पत्ति गुजरात और कच्छ में हुई है, जहां यह माना जाता है कि डिजाइन और पैटर्न शुरू में 16वीं शताब्दी में यूरोपीय कुलीनों द्वारा पेश किए गए और पहने गए थे। बाद में, इसने भारतीय रईसों के बीच लोकप्रियता हासिल की और पीढ़ियों से इसे पहना किया गया और गुजराती संस्कृति में अडॉप्ट किया गया।
इसके अलावा, यह भी माना जाता है कि पच्चीकम को एसके मजबूत एथनिक बैकग्राउंड के चलते दोनों के फ्यूजन के साथ बनाया जाता है। वहीं कई दूसरी रिपोर्ट्स के मुताबिक यह पता चलता है कि पच्चीकम गहनों की मूल कला यूरोपीय लोगों के साथ भारत के तटों तक पहुंच गई और भारतीय शिल्पकारों ने इसपर काम करना शुरू कर दिया (गहनों को नए जैसा रखने के टिप्स)।
आमतौर पर इसे डिजाइन करने के लिए चांदी को बेस के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसे तैयार करने का तरीका थोड़ा सा कॉम्प्लेक्स है। इस चरण के दौरान, चांदी को पिघलाया जाता है और आकार देने के लिए उपयुक्त सांचों में डाला जाता है और सूटेबल पैटर्न में इन्हें इंसर्ट किया जाता है। इसके बाद इनमें ग्रूव्स फिल किए जाते हैं और तब जाकर तैयार होती है यह खास ज्वेलरी है।
पच्चीकम ब्रोच, हार, झुमके, पायल और चूड़ियां बाजारों में आसानी से मिल जाएंगी। यह ज्वेलरी कुंदन ज्वेलरी की तरह बहुत ज्यादा मंहगी नहीं होती है इसलिए आप इन्हें आराम से अफॉर्ड कर सकते हैं। इन्हें आप स्पेशल उत्सवों और समारोहों जैसे शादियों के साथ-साथ वेस्टर्न में भी ट्राई कर सकती हैं। आप इन्हें कैसे पहन सकते हैं, आइए जानते हैं-
चूंकि यह आभूषण काफी चटक दिखते हैं इसलिए इन्हें हमेशा सिंपल ढंग से ही पहनें। यह ज्वेलरी बिना किसी शक के आपकी पर्सनैलिटी को एन्हांस करेगी। आप साड़ी या अनारकली सूट के साथ पच्चीकम नेकलेस और इयररिंग्स पहन सकती हैं।
इसे भी पढ़ें :कुंदन से बिल्कुल अलग होती है पोल्की ज्वेलरी, जानें इससे जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्य
आप अपने रंग-बिरंगे चोकर को व्हाइट टैंक टॉप और जीन्स के साथ पहन सकती हैं। यह आपको एक मॉर्डन और चिक लुक दोनों देगा। ऐसे एक्सपेरिमेंट हमेशा आपके लिए वर्क करते हैं, क्योंकि यह ज्वेलरी ट्रेडिशनल और वेस्टर्न दोनों आउटफिट के साथ काम आएगी।
हमें उम्मीद है पच्ची ज्वेलरी के बारे में यह जानकारी पढ़कर आपको अच्छा लगा होगा और आप भी इसे आगे अपने फंक्शन में ट्राई करेंगी। अगर आपको यह लेख पसंद आया तो इसे लाइक और शेयर करें और ऐसे अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit : Amazon, jwellerypedia
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।