भारत के हर राज्य की अपनी एक अलग विशेषता है। अगर बात राजस्थान की हो तो यह अपनी संस्कृति और इतिहास के लिए जाना जाता है। यहां के हर शहर में आपको कई ऐतिहासिक किले देखने को मिल जाएंगे, जिनकी अपनी एक अलग महत्ता है। सिर्फ देशभर से ही नहीं, पूरी दुनिया से लोग इस राज्य में इन ऐतिहासिक किलों को देखने के लिए आते हैं। राजस्थान के बीकानेर शहर में भी कई किले हैं।
बीकानेर एक ऐसा शहर है जिसका निर्माण स्वयं एक विशाल किले के चारों ओर किया गया है। इस शहर में और उसके आसपास के एरिया में कई किले स्थित हैं, जो इसे एक भव्य दर्शनीय स्थल बनाते हैं। इन किलों की अद्भुत वास्तुकला के अलावा, इनका समृद्ध इतिहास भी इन किलों को बेहद अद्भुत बनाता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बीकानेर में स्थित कुछ किलों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको एक बार तो अवश्य देखना चाहिए-
जूनागढ़ किला
पूरे भारत में सबसे विशाल किलें में से एक, बीकानेर शहरका निर्माण जूनागढ़ किले के आसपास किया गया था। इसे सबसे पुराने किले के रूप में जाना जाता है। यह किला इतना विशाल है कि इसके परिसर में 37 मंडप हैं। इसका निर्माण 1593 में राजा राय सिंह द्वारा किया गया था। इस किले का आर्किटेक्चरल डिजाइन इंडो सरसेनिक है। इस किले ने कई विदेशी ताकतों के आक्रमणों का सामना किया है। किले में सात महल हैं और वर्तमान में एक म्यूजियम भी है।
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डुंदलोद किला
डुंदलोद किला नवलगढ़ में शेखावाटी क्षेत्र में स्थित है। किले का निर्माण वर्ष 1750 ई. में केसरी सिंह ने करवाया था। किले की वास्तुकला राजपुताना और मुगल शैली का सुंदर मिश्रण है। किले के अंदरूनी भाग को पारंपरिक राजस्थानी और यूरोपीय कला से सजाया गया है। 17 वीं शताब्दी में बने इस शानदार किले को अब राजस्थान में सबसे अधिक बार देखे जाने वाले हेरिटेज होटलों में से एक में बदल दिया गया है। रिसॉर्ट में फूल और पत्ते की थीम, मीनारें, पौराणिक पेंटिंग, पुरातन फर्नीचर, वॉल हैंगिंग आपको पुराने दिनों में ले जाते हैं।
चित्तौड़ का किला
चित्तौड़ का किला पूरे राजस्थान में सबसे प्रसिद्ध किला है। यह 700 एकड़ भूमि में फैला हुआ है और भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है। यह यूनेस्को की वर्ल्ड हैरिटेज साइट है। पूर्व में, किला मेवाड़ की राजधानी थी और वर्तमान में चित्तौड़गढ़ शहर में स्थित है। इस किले ने कई घेराबंदी और विजय के प्रयासों को देखा है। अलाउद्दीन खिलजी ने 1303 में रानी पद्मावती को पकड़ने के प्रयास में किले की घेराबंदी की। लेकिन, चित्तौड़ के पुरुषों ने अपनी मृत्यु तक संघर्ष किया और महिलाओं ने इसी किले में आत्मदाह किया। बता दें कि किले में 65 ऐतिहासिक संरचनाएं हैं, जिनमें चार महल, 19 बड़े मंदिर, 4 स्मारक और कुछ विजय मीनारें शामिल हैं।
तारागढ़ किला
तारागढ़ किले का निर्माण 1354 में एक विशाल पहाड़ी पर किया गया था। किले की अद्भुत वास्तुकला पर्यटकों को आकर्षित करती है। किले का निर्माण पहाड़ी पर कई स्तरों पर किया गया है। किले के छह द्वार हैं और एक विशाल जलाशय पूरी तरह से पत्थर से बना है। किले में एक प्रसिद्ध तोप है जिसे गर्भ गुंजन भी कहा जाता है।
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लालगढ़ पैलेस
इसका निर्माण बीकानेर के महाराजा, महाराजा गंगा सिंह के लिए 1902 और 1926 के बीच किया गया था। पूर्ण यूरोपीय शैली में निर्मित, यह थार मरुस्थल से लाल पत्थरों से निर्मित है। यह दिन के बढ़ने के साथ-साथ रंग बदलता है, जिससे महल दिन के विभिन्न समयों को देखने के लिए शानदार हो जाता है। महल का भव्य नजारा वहां रहने वाले राजाओं और महाराजाओं की वीरता और साहस को दर्शाता है। यह राजस्थान के उल्लेखनीय किलों में से एक है। श्री सादुल संग्रहालय इस किले के अंदर स्थित है जहां राजस्थानी रॉयल्टी की कई कलाकृतियां हैं जो उनके लाइफस्टाइल को दर्शाती है।
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