Career After 12th: इस कोर्स के बाद बन सकते हैं पायलट, जानें कितना लगता है समय और पैसा

12वीं के बाद किस फील्ड में करियर बनाया जाए, यह बहुत कंफ्यूजिंग होता है। अगर आप या फैमिली में कोई पायलट बनने का सपना देख रहा है, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। आइए, यहां जानते हैं 12वीं के बाद किस कोर्स को करने से फ्लाईंग सेक्टर में करियर बनाया जा सकता है। 
how to become a pilot

हवाई जहाज को आसमान में उड़ता देखकर हम कई तरह के सपने देखते हैं। कुछ लोग हवाई जहाज में देश-विदेश घूमने के सपने सजाते हैं, तो कुछ हवाई जहाज उड़ाने के बारे में सोचते हैं। जी हां, हवाई जहाज हम और आप जैसे लोग ही उड़ाते हैं, लेकिन इसके लिए खास पढ़ाई और ट्रेनिंग की जरूरत होती है।

हवाई जहाज उड़ाने वालों को पायलट भी कहा जाता है, यह एक ऐसी जॉब है जिसमें रोमांच, चैलेंज के साथ-साथ खूब अट्रैक्टिव सैलरी भी होती है। यही वजह है कि ज्यादातर बच्चे 12वीं से पहले ही पायलट बनने की तैयारी शुरू कर देते हैं। अगर आप या फैमिली में कोई पायलट बनने का सपना देख रहा है, तो पहले इस फील्ड में किन योग्यताओं की जरूरत होती है यह यहां डिटेल से जान सकते हैं।

पायलट बनने के लिए क्या योग्यता चाहिए?

eligibilty to become pilot

पायलट बनने का सपना देखने वालों को साइंस से 12वीं पास होना चाहिए। 12वीं में साइंस के साथ उम्मीदवार को किसी भी बोर्ड से फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ्स में कम से कम 50 परसेंट मार्क्स से पास होना चाहिए।

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12वीं के बाद पायलट बनने की इच्छा रखने वाले उम्मीदवारों के लिए उम्र सीमा 17 साल से 35 साल तक रखी गई है। उम्र सीमा के अलावा पायलट बनने के लिए उम्मीदवार की लंबाई कम से कम 157 सेमी होना अनिवार्य है।

पायलट बनने का सपना देखने वालों की आईसाइट यानी आंखों का विजन एकदम सही होनी चाहिए। इसी के साथ उम्मीदवारों को किसी तरह की गंभीर बीमारी नहीं होनी चाहिए और दिमागी तौर पर भी स्वस्थ होना चाहिए। (भारत में ट्रैवलिंग कोर्स)

कैसे बन सकते हैं पायलट?

पायलट बनने के लिए एजुकेशन और फिजिकल क्वालिफिकेशन क्लियर करने वाले उम्मीदवारों को फ्लाईंग लाइसेंस भी लेनी की जरूरत होती है। फ्लाईंग लाइसेंस लेने के लिए उम्मीदवारों को किसी मान्यता प्राप्त फ्लाईंग इंस्टीट्यूट से ट्रेनिंग लेनी होती है।

ट्रेनिंग के बाद उम्मीदवारों को DGCA यानी नागरिक उड्डयन महानिदेशालय से CPL लाइसेंस के लिए अप्लाई करना होता है। जहां पहले एंट्रेंस टेस्ट देना होता है। एंट्रेंस टेस्ट क्लियर करने वालों का मेडिकल टेस्ट और इंटरव्यू होता है।

वहीं एक बार मिला लाइसेंस आजीवन के लिए नहीं होता है। फ्लाईंग लाइसेंस को बार-बार रिन्यू करवाना होता है।

पायलट बनने के लिए कितना समय लगता है?

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भारत में पायलट बनने के लिए कम से कम 2 से 3 साल का समय लगता है। वहीं कई अन्य देशों में पायलट बनने के लिए 1 साल का ही समय लगता है। ऐसे में अगर आप पायलट बनने के बारे में सोच रहे हैं, तो किसी संस्थान में एडमिशन लेने से पहले वहां की फीस और टाइम ड्यूरेशन के बारे में जरूर रिसर्च करें। (साइंस की पढ़ाई के लिए कॉलेज)

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भारत में पायलट बनने के लिए कौन-कौन से कोर्स किए जा सकते हैं?

भारत में अलग-अलग संस्थानों में कई कोर्स कराए जाते हैं, जिन्हें 12वीं के बाद करके पायलट बना जा सकता है। आइए, यहां जानते हैं कौन-कौन से कोर्स के बाद हवाई जहाज उड़ाया जा सकता है।

  • B.Tech Aeronautical Engineering: यह कोर्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी- चेन्नई, MIT-मणिपाल, मद्रास HITS- चेन्नई जैसे संस्थानों से किया जा सकता है।

  • B.SC Aviation: इस कोर्स को करने के लिए 12वीं में कम से कम 50 प्रतिशत मार्क्स होने चाहिए। यह कोर्स NIMS यूनिवर्सिटी जयपुर, इंदिरा इंस्टीट्यूट ऑफ एयरक्राफ्ट इंजीनियरिंग-पुणे, HITS-चेन्नई से किया जा सकता है।

  • BBA Aviation: इस कोर्स को करने के लिए किसी भी स्ट्रीम में उम्मीदवार के पास 12वीं 50 परसेंट मार्क्स होने चाहिए। यह कोर्स प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी-बैंग्लोर, AIMS-बैंग्लोर, HITS चेन्नई, सेज यूनिवर्सिटी-इंदौर से किया जा सकता है।

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Image Credit: Freepik

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