Cyber Crime से बचने में मदद करता है यह नंबर, कैसे काम करता है 1930 हेल्पलाइन सिस्टम?

अगर आप साइबर ठगी और क्राइम से बचना चाहती हैं, तो अपने मोबाइल फोन में 1930 नंबर जरूर सेव कर लें। अब सोच रही होंगी कि आखिर इस नंबर में ऐसा क्या है, तो यहां जानिए 1930 नंबर के बारे में-
Cyber Crime Complaint Number

Cyber Crime Helpline Number: बदलती टेक्नोलॉजी ने जहां लोगों के जीवन को नया आयाम दिया है, तो वहीं कई समस्याएं भी खड़ी है। पहले के समय फ्रॉड का जहां इक्का-दुक्का केस आता है, तो वहीं वर्तमान में साइबर क्राइम और डिजिटल फ्रॉड की खबरें रोजाना सुनने को मिल जाते हैं। बढ़ती घटनाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा सतर्क रहने का मैसेज जारी किया जाता है। लेकिन इसके बावजूद कई बार साइबर क्राइम का शिकार हो जाते हैं। डिजिटल फ्रॉड घटनाओं को कम करने के लिए सरकार द्वारा हेल्पलाइन नंबर को बदलकर नया नंबर जारी किया गया है। पहले जहां यह नंबर 1552260 था वहीं अब 1930 हो गया है। इस नंबर पर यूजर्स कॉल करके किसी भी ठगी का शिकार होने से बच सकते हैं। अब ऐसे में सवाल आता है कि आखिर यह नंबर क्या है और यह किस तरह से काम करता है। इस लेख में आज हम आपको इस हेल्पलाइन नंबर के बारे में बताने जा रहे हैं।

क्या है 1930 नंबर? (What is Number 1930)

देश के लगभग सभी इलाकों से आए दिन साइबर अपराध से जुड़ी खबर सुनने को मिल जाती है। इतना ही नहीं बल्कि हो सकता है कि आपके परिवार या कोई दोस्त इसका शिकार हो चुका हो। अब ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार द्वारा कई सतर्कता अभियान चलाए जाते हैं। इसी क्रम में 1930 नंबर भी है। इस नंबर पर आप कॉल करके धोखाधड़ी से जुड़ी शिकायत दर्ज करा सकती हैं।

कैसे काम करता है 1930 नंबर?

साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 को गृह मंत्रालय द्वारा भारतीय साइबर अपराध को-ऑर्डिनेशन सेंटर की मदद से जनहित में जारी किया है। नंबर पर जब कोई यूजर्स कॉल करके साइबर क्राइम से जुड़ी शिकायत करता है, वह कंप्लेन सीधा संबंधित राज्य की पुलिस के पास ट्रांसफर किया जाता है। इसके बाद पुलिस उस व्यक्ति से कॉर्डिनेट करती है, जिसके साथ ठगी हुई है। इसके बाद उस पर्सन का बैंक अकाउंट फ्रीज करने और वॉलेट को बंद करने के लिए कनेक्ट करती है। साथ ही पैसा ट्रांसफर होने से पहले उसे रोक लेती है। लेकिन अगर पैसा ट्रांसफर हो चुका होता है, तो पुलिस तब तक जांच करती है, जब पैसे वापस नहीं पा लिए जाते हैं।

कैसे बनाया गया 1930 नंबर?

Government Helpline

साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 होम मिनिस्ट्री और I4C ने भारतीय रिजर्व बैंक और प्राइवेट ऑनलाइन वॉलेट पेटीएम, फोनपे, फ्लिपकार्ट, अमेजन की मदद से तैयार किया गया है।

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Image credit-Feepik

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