साइबर फ्रॉड का शिकार होना वाकई में परेशान करने वाला अनुभव हो सकता है, लेकिन अब घबराएं नहीं!क्योंकि गृह मंत्रालय (एमएचए) हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कराने से आपको अपना पैसा वापस पाने में मदद मिल सकती है। हालांकि, यह गारंटी नहीं है कि हर मामले में पैसा वापस मिलेगा, लेकिन जल्दी कार्रवाई करने से सकारात्मक परिणाम की संभावना बढ़ जाती है।
अगर आप साइबर फ्रॉड का शिकार हो गए हैं, तो तुरंत 1930 नंबर पर कॉल करें। यह भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा संचालित एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर है। इस नंबर पर कॉल करके आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं और साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर सकते हैं।
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राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 में साइबर ठगी के 65,893 मामले दर्ज किए गए। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 24.4 फीसदी अधिक है। साइबर क्राइम से निपटने में जुटे एक्सपर्ट कहते हैं कि ज्यादातर मामलों में छोटी सी लापरवाही ही फ्रॉड की वजह बनती है। अगर हम आर्थिक लेनदेन यानी बैंक से जुड़े मामलों में सजग रहें, तो किसी भी फ्रॉड से बच सकते हैं।
यहां बताया गया है कि आप एमएचए हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कराकर और कुछ अन्य कदम उठाकर अपना पैसा वापस पाने की कोशिश कर सकते हैं:
एमएचए हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें:
एमएचए की यह हेल्पलाइन नंबर 155260 थी, जिसे अपग्रेड करके 1930 कर दिया गया है। आप 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकते हैं, जो कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा संचालित एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर है। यह नंबर 24/7 उपलब्ध है और साइबर क्राइम से संबंधित शिकायतों को दर्ज करने में आपकी सहायता कर सकता है। कॉल करते समय, आपको अपनी शिकायत के डिटेल स्पष्ट रूप से बताना चाहिए, जिसमें शामिल हैं:
आपके साथ हुए साइबर क्राइम के प्रकार (जैसे ऑनलाइन फ्रॉड, आईडी की चोरी, आदि)
साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें:
हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने के अलावा, आप https://cybercrime.gov.in/ पर जाकर भी अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करा सकते हैं। यह पोर्टल आपको अपनी शिकायत दर्ज करने और इसकी स्टेटस को ट्रैक करने की सुविधा भी देता है।
अपने बैंक से संपर्क करें:
अगर आपका पैसा बैंक अकाउंट से निकाला गया है, तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें और उन्हें धोखाधड़ी के बारे में सूचित करें। बैंक आपके अकाउंट को ब्लॉक करने और धोखाधड़ी वाले लेनदेन को रद्द करने में मदद कर सकता है।
साइबर क्राइम से जुड़े साक्ष्य इकट्ठा करें:
- अपनी शिकायत का समर्थन करने के लिए जितना हो सके, उतना साक्ष्य इकट्ठा करें। इसमें शामिल हो सकते हैं:
- धोखाधड़ी वाले ईमेल या संदेशों के स्क्रीनशॉट ले कर रख लें।
- बैंक लेनदेन की सारी डिटेल रख लें।
- अगर पुलिस रिपोर्ट या एफआईआर हो तो रख लें।
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साइबर फ्रॉड से बचने के लिए सुझाव
- ऑनलाइन केवाईसी न भरें। कोई भी कंपनी ऑनलाइन केवाईसी नहीं मांगती है। अगर कोई व्यक्ति या कंपनी आपसे ऑनलाइन केवाईसी के लिए कहे, तो उसे तुरंत ब्लॉक कर दें।
- किसी के कहने पर कोई भी ऐप डाउनलोड न करें। जितने भी ऑनलाइन सर्विस ऐप हैं, उनके अंदर ही कस्टमर केयर का नम्बर होता है। ऑनलाइन सर्विस प्रयोग करने पर एप के बाहर से नम्बर न ले।
- एटीएम में पासवर्ड एंटर करते समय सावधानी से पासवर्ड डालें, अपना एटीएम कभी किसी अंजान के हाथ में न दें। ज्यादातर लोग एटीएम कार्ड को लेदर के पर्स में रखते हैं, ऐसे में एटीएम में साइबर हैकर लाइन में पीछे खड़े होकर अपने कपड़ों में मशीन छिपाकर कार्ड की डिटेल पता कर लेते हैं और अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं।
- एटीएम कार्ड रखने के लिए सामान्य वॉलेट की जगह एंटी आरएसआई वॉलेट जो मेटल के होते हैं, उनका इस्तेमाल करें और कार्ड को आगे वाली जेब में रखे।साइबर ठगी से सुरक्षित रहने के लिए आपको हमेशा सतर्क और सावधान रहने की जरूरत पड़ती है। एसएमएस और ईमेल पर आने वाले किसी भी तरह के अनजाने लिंक पर क्लिक न करें।
- किसी भी व्यक्ति को अपने बैंक अकाउंट से जुड़ी गोपनीय जानकारियां न दें। किसी भी तरह के संदिग्ध फोन, मैसेज या मेल का जवाब न दें और उन्हें ब्लॉक कर दें। इस तरह आप साइबर फ्रॉड का खतरा कम कर सकते हैं।
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