आज के दौर में हैरान करने वाली बात यह है कि जागरूक और शिक्षित लोगों के साथ ऐसी घटनाएं हो रही है। पहले ठगी कम जानकार लोगों के साथ ज्यादा हुआ करता था और कुछ समय पहले ठग भी अनपढ़ हुआ करते थें। लेकिन आज के समय में ऐसी घटनाएं हैरान कर देते हैं। अब तक ऑनलाइन फ्रॉड हुआ करता था लेकिन हैकर्स अब नई तरह से लूटने लगे हैं, जिसे डिजिटल अरेस्ट कहा जा रहा है।

डिजिटल अरेस्ट एक नई तरह का साइबर क्राइम है, जिसमें ठग पीड़ित को यह विश्वास दिलाने की कोशिश करते हैं कि वे कानून या प्रवर्तन अधिकारी (law or enforcement officer) हैं और पीड़ित को गिरफ्तार करने जा रहे हैं। वे पीड़ित को यह भी बताते हैं कि उनके आधार कार्ड, सिम कार्ड, बैंक कार्ड या बैंक खाते का इस्तेमाल क्रिमिनल एक्टिविटी के लिए किया गया है। इस तरह वे पीड़ितों को डराते हैं और उनसे पैसे वसूलते हैं।
डिजिटल अरेस्ट में 23 साल की महिला से 2.5 लाख रुपये की ठगी
फरीदाबाद पुलिस ने 30 नवंबर को बताया कि शहर में एक 23 साल महिला को डिजिटल रूप से अरेस्ट किया गया और उससे 2.5 लाख रुपये की ठगी की गई। पीड़िता की पहचान अनन्या मंगला के तौर पर हुई है।
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि 12 अक्टूबर को उसे एक फोन आया, जिसमें एक व्यक्ति ने खुद को लखनऊ में कस्टम अधिकारी बताया। फोन करने वाले ने आरोप लगाया कि पीड़िता के आधार नंबर से जुड़े पासपोर्ट और कार्ड वाला एक पार्सल कंबोडिया भेजा जा रहा है।
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पीड़िता को यह विश्वास दिलाने के लिए मजबूर किया गया कि वह मानव तस्करी सहित क्रिमिनल एक्टिविटी में शामिल थी। साइबर क्रिमिनल्स ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर मनगढ़ंत आरोप लगाए और आखिर में पीड़ितों से पैसे ऐंठ लिए। पीड़िता ने बताया कि उसे कॉल करने वाले ने उसे कहा कि अगर वह पैसे नहीं देती है तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पीड़िता ने डर के मारे ठगों के कहने पर 2.5 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
डिजिटल अरेस्ट के शिकार होने से खुद को बचाएं:
- अपने आधार कार्ड, सिम कार्ड, बैंक कार्ड और बैंक अकाउंट की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाएं।
- अननोन कॉल या ईमेल को अनदेखा करें, खासकर अगर वे आपको गिरफ्तार करने की धमकी दे रहे हैं।
- किसी भी व्यक्ति को पैसे देने से पहले उसके बारे में पूरी तरह से जानकारी हासिल कर लें।
- अननोन कॉल होने पर अगर किसी कारण कॉल रिसीव कर लिया है। कोई आपको कॉल या वीडियो कॉल पर धमकी देने की कोशिश करता है तो स्क्रीन रिकॉर्डिंग या स्क्रीन शॉट के जरिए ऐसे कॉल को रिकॉर्ड कर लें।
- अगर आप किसी पर शक करते हैं, तो अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन से संपर्क करें।

ऐसे धोखाधड़ी से बचने के लिए हमें डिजिटल अरेस्ट के बारे में जागरूक होना जरूरी है। अगर आप डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो जाते हैं, तो कॉल या ईमेल को दस्तावेज के तौर पर नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत कर सकते हैं।
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Image credit: Freepik
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