Free Education Scheme: उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट की तरफ से सभी बच्चों के लिए फ्री एजुकेशन स्कीम लेकर आई है। यूपी फ्री एजुकेशन स्कीम के अंतर्गत उन बच्चों की शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए काम किया जाएगा जिनके माता-पिता आर्थिक रूप से समर्थ नहीं हैं। राज्य में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए , उत्तर प्रदेश सरकार ये योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत इंटरमीडिएट कक्षा तक के बच्चों को फ्री शिक्षा दी जाएगी।
इन परिवार के बच्चों के लिए यह योजना
फ्री एजुकेशन स्कीम के तहत आर्थिक रूप से अक्षम परिवार से होने वाले बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य एजूकेशन दी जाएगी। इस स्कीम का उद्देश्य बच्चों को शिक्षित बनाना है। देश के मौजूद कई स्कूलों में बच्चों को फ्री एजुकेशन दिलाने का प्रावधान है। केंद्रीय विद्यालय जवाहर नवोदय विद्यालय की तरफ से एडमिशन होने पर फीस के तौर पर 100 से कम रुपये फीस जमा करनी पड़ती है। जरूरी डॉक्यूमेंट जमा करने पर फ्री एजूकेशन का भी लाभ उठा सकती हैं। अगर आपका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर और आप शिक्षा ग्रहण करना चाहती हैं तो इन स्कीम में पंजीकरण करा सकती हैं। जानिए देश की टॉप फ्री एजुकेशन स्कीम के बारे में पूरी जानकारी।
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सर्व शिक्षा अभियान (SSA)
सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत साल 2001 में की गई थी। इस स्कीम में 6 से 14 साल तक के बच्चे हिस्सा ले सकते हैं। इस स्किम का उद्देश्य स्टेट गवर्नमेंट के साथ मिलकर देशभर में यूनिवर्सलव एलीमेंट्री एजुकेशन प्रोवाइड करवाना है।
नेशनल प्रोग्राम फॉर एजूकेशन ऑफ गर्ल्स ऐट एलीमेंट्री एजुकेशन (NPEGEL)
नेशनल प्रोग्राम फॉर एजूकेशन ऑफ गर्ल्स ऐट एलीमेंट्री एजुकेशन की शुरुआत साल 2003 में की गई थी। इस स्कीम के अंतर्गत उन लड़कियों को शिक्षा प्रदान की जाती हैं जो स्कूल क्षेत्र से दूर रहती हैं। उनका स्कूल पहुंच पाना मुश्किल है।
मिड डे मील स्कीम (Mid Day Meal)
मिड डे मील स्कीम के तहत बच्चों को मुफ्त में खाना दिया जाता है। इस स्कीम के कई फायदे हैं इससे बच्चों की अटेंडेंस में काफी सुधार देखने को मिला। साथ ही महिलाओं को भी रोजगार मुहैया कराने में मदद मिली। (इंवेस्मेंट स्कीम)
राइट टू एजुकेशन एक्ट (Right To Education Act)
इस स्कीम की शुरुआत साल 2009 में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत किया गया था। राइट टू एजुकेशन के तहत 6 से 14 साल के बच्चों को शिक्षा के बेसिक राइट्स के बारे में सिखाया और बताया जाता है। इस स्कीम के तहत, प्राइवेट स्कूलों की 25 प्रतिशत सीटें आर्थिक कमजोर बच्चों के लिए रिजर्व रखी जाती हैं।
नेशनल स्कीम ऑफ इंसेंटिव टू गर्ल्स फॉर सेकेंडरी एजुकेशन (NSIGSE)
नेशनल स्कीम ऑफ इंसेंटिव टू गर्ल्स फॉर सेकेंडरी स्कीम की शुरुआत साल 2008 में की गई थी। इस स्कीम के अंतर्गत ग्रामीण इलाके में रहने वाली लड़कियों के एजुकेशन को प्रोत्साहित करने के लिए किया जाता है। सेकेंडरी एजुकेशन पूरी करने वाली लड़कियों को 3000 रुपये भी दिए जाते हैं।
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